Friday, July 31, 2009

लालफीताशाही में फंसी आयातित दाल !

कोलकाता । दालों की आसमान छूती कीमतों पर काबू पाने के लिए उनका आयात किया जा रहा है, लेकिन लालफीताशाही के कारण आयातित दाल बाजार में जाने के बजाय बंदरगाह के गोदाम में सड़ रही है। ऐसा ही एक मामला पश्चिम बंगाल के खिदिरपुर बंदरगाह में सामने आया है। यहां विदेशों से आयातित 1.08 टन दाल गोदाम में सिर्फ इसलिए पड़ी हुई है कि उसे बाजार में भेजने के लिए सेंट्रल फूड लैबोरेटरी [सीएफएल] की अनुमति नहीं मिली है।

खिदिरपुर पोर्ट टस्ट्र के उप चेयरमैन ए. मजूमदार ने बताया कि गत 22 जून से पोर्ट के गोदामों से दाल, चीनी समेत विदेशों से आने वाली अन्य खाद्य सामग्री बाहर नहीं निकाली जा सकी है। सीएफएल की अनुमति नहीं मिलने के कारण ऐसा हुआ है। दरअसल, आयातित खाद्य पदार्थ को पोर्ट से तब तक बाहर नहीं भेजा जा सकता, जब तक कि कस्टम विभाग और पोर्ट प्रशासन को सीएफएल से गुणवत्ता जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाती।

मजूमदार ने बताया कि पिछले 22 जून से सीएफएल में परीक्षण का काम बंद है जिसकी वजह से 1.08 लाख टन दाल और 24 हजार टन चीनी को पोर्ट से बाहर नहीं निकाला जा सका है। सूचना मिली है कि सीएफएल को स्वायतशासी संस्था बना दिया गया है। वहां काम करने वाले कर्मचारी और विशेषज्ञ इसका विरोध कर रहे हैं। अपना विरोध जताने के लिए उनलोगों ने काम बंद कर रखा है।

कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के प्रबंधक प्रणब भंट्टाचार्य ने बताया कि विदेशों से आई दाल और चीनी समेत अन्य खाद्य पदार्थो को अब निकाला जा रहा है। कुछ दिक्कत शुरू हुई थी लेकिन अब सीएफएल के अधीन फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड आफ इंडिया नामक एक अलग संस्था का गठन किया गया है जिसके तहत फिलहाल तीन जांच लैब में काम शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पोर्ट ट्रस्ट की ओर से किसी प्रकार की कोताही अथवा लापरवाही नहीं बरती गई है।

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