Thursday, November 24, 2011

राष्ट्रीय विकलांग तैराकी में जलवा दिखाएगा बलिया का लक्ष्मी साहनी !

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में नौ दिसम्बर से प्रारम्भ हो रही राष्ट्रीय विकलांग तैराकी चैम्पियनशिप में दोनों पैरों से विकलांग इस जनपद का लक्ष्मी साहनी भी जलवा दिखाएगा। हालपुर निवासी लक्ष्मी ने बीस नवम्बर को इलाहाबाद में सम्पन्न हुई क्वालीफाइंग प्रतियोगिता के सातवें चरण में बैक स्ट्रोक, बटर फ्लाई व फ्री स्टाइल की 100 मीटर स्पर्धा में बेहतरीन प्रदर्शन किया। नेशनल चैम्पियनशिप में वह उत्तर प्रदेश की टीम का प्रतिनिधित्व करेगा। गुरुवार को यहां वीर लोरिक स्टेडियम में आयोजित एक सादे समारोह में उसे सम्मानित किया गया। क्रीड़ाधिकारी राजेश कुमार सोनकर, स्टेडियम के एथलेटिक्स कोच देवी प्रसाद, मो.जावेद अख्तर आदि ने इस दौरान उसकी हौसला आफजाई की। बातचीत के दौरान लक्ष्मी ने बताया कि उसकी तमन्ना ब्रिटिश चैनल पार करने की है और मौका मिला तो वह यह कारनामा भी आसानी से कर दिखाएगा। बता दें कि लक्ष्मी गंगा व घाघरा को तैर कर पार कर जाता है। दो साल पहले उसने इलाहाबाद में यमुना नदी को पार कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया था। उसकी इच्छा गिनीज व‌र्ल्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराने की है।

Monday, November 21, 2011

ज्ञानदीप से आलोकित हो रहा तकनीकी शिक्षा जगत !

अपनों से दूर परदेस में रहते हुए भी जो अपने लोगों, गाव की मिट्टी क्षेत्र तथा जनपद को न भूल सके, स्वयं के साथ-साथ उनके उन्नयन का संकल्प मन में लिए प्रयासरत हो ऐसे व्यक्ति बिरले ही होते हैं। ऐसे ही व्यक्तियों में शुमार हैं डा.जय प्रकाश। 30 वर्षीय डॉ. जय प्रकाश सन्दवापुर गांव के छोटे किसान बाबू राजू राम के परिवार में पैदा हुए थे। पिता ने पश्चिम बंगाल के वर्दवान में रख अपनी देख-रेख में प्राथमिक से इण्टर तक की शिक्षा उन्हे दिलाया। वह आगे की पढ़ाई के लिए बेंगलूरु, कर्नाटक चले गये, जहां बेंगलूरु यूनिवर्सिटी से बायो टेक्नालॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। बाद में प्रेस कोट यूनिवर्सिटी से डाक्टरेट हासिल की। डॉ.जयप्रकाश उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपनी ज्ञान ज्योति से अन्य दीपों को प्रज्ज्वलित करने की ठान ली और सबसे पहले दो वर्ष के अन्तराल में ही बेंगलूरु में दो मैनेजमेन्ट इंस्टीट्यूट स्थापित कर अपने काम को आगे बढ़ाया। बाद में एक नोएडा यूपी तथा एक कोलकाता पं बंगाल में भी मैनेजमेन्ट इन्स्टीट्यूट के साथ ही साफ्टवेयर व हार्डवेयर के लिए कास्मोसिक टेक्नालॉजी स्थापित की। उन्होंने अपने शिक्षण संस्थानों में बलिया के छात्रों को विशेष छूट दे रखी है। दर्जनों गरीब बच्चे, जो गरीबी के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाते हैं। बलिया के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े इसके लिए वे यहां उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थान की स्थापना को भी प्रयासरत हैं।

ददरी मेले के भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस हलकान !

ऐतिहासिक ददरी मेले के मीना बाजार में छुट्टी के दिन रविवार को लोगों की काफी भीड़ रही। लोगों ने सामानों की जमकर खरीदारी की। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस पूरे दिन कसरत करती रही। ग्रामीण क्षेत्र के लोग सुबह 9 बजे ही मेले में पहुंच गये। दोपहर बाद तो मेले में काफी भीड़ हो गयी। लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ते रहे। झूला, जादू, डांस आइटमों पर युवा वर्ग की जमात अपने नंबर का इंतजार करती रही। मेले में पहली बार इतनी भीड़ देखी गयी। लोगों ने सामान की खरीदारी तो की ही, विभिन्न आइटमों का भी आनंद लेते रहे। महिलाओं ने घरेलू व अपने श्रृंगार के सामान की खरीदारी की। गरम कपड़ों की दुकानों पर भी अच्छी खासी भीड़ लगी रही। मेले में दोपहर बाद शहर व आसपास के लोग भी वाहनों से अपने परिवार के साथ निकल पड़े। मेले में उमड़ी भीड़ को देख दुकानदारों के भी चेहरे चहक गये थे। नगर पालिका ने मेले में दुकानों की संख्या बढ़ा दी है। मेले के दोनों मार्गो के बीच मे भी ठेला समेत फुटपाथ की दुकानें लगी हैं। मेला प्रभारी विमलेंदु अपने सहयोगियों के साथ कभी पैदल तो कभी घोड़े पर सवार होकर भीड़ को नियंत्रित करते रहे। वहीं चर्खी व अन्य आइटमों के पास पुलिस के जवान काफी सतर्क दिखे।

बिछड़ों को मिलाती रही पुलिस

मेले में बिछड़ों को उनके परिजनों से पुलिस मिलाती रही। इसके लिए तीन जवान पूरी तरह से डटे रहे। मेले के अंदर सबसे अधिक बच्चे परिवारवालों से बिछड़े। पुलिस ने करीब एक दर्जन बिछड़ों को उनके परिवार वालों से मिलाया। दुबहर थाना क्षेत्र के बैजनाथ छपरा निवासी बृजेश यादव की पुत्री कुसुम यादव (5) अपनी मां से बिछड़ गयी थी। इसको लेकर जवान काफी परेशान रहे। मेले में माइक से इसकी सूचना प्रसारित की गयी। काफी प्रयास के बाद उस लड़की की एक परिचित महिला मिली। देर शाम को उसके परिवार वाले पहुंच गये।

फ्री आइटम व सेल सामानों की लूट

मेले में एक से एक आइटम आये हुए हैं। इसमें बाम्बे की साड़ी की दुकान पर दस खरीदने पर एक फ्री, एक की कीमत 75 रुपये पर लूट सी मची रही। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने इसकी खूब खरीदारी की। कुछ इसी तरह की छूट कंघी, बैग, कप, गिलास समेत आदि सामान पर भी रही। वहीं हरेक माल दस रुपये व 25 रुपये की दुकानों पर भी भीड़ रही। इसके अलावा सेल के सामान की दुकानों पर भी लूट मची रही।

झूले पर खड़े होनेवालों की अब खैर नहीं

मेले में लगे चर्खी पर खड़े होकर झूलने वालों की अब खैर नहीं। तीन दिन पूर्व झूले से युवक व युवती के गिरने की घटना को देखते हुए पुलिस ने यह सख्त कदम उठाया है। मेला प्रभारी विमलेंदु ने बताया कि इसके लिए झूले वालों को भी निर्देश दिया गया है।

लकड़ी के सामानं की हुई खूब बिक्री

ददरी मेला के मीना बाजार में लकड़ी के बने सामानों की जमकर बिक्री हो रही है। इसके अलावा लोग बड़े-बड़े बक्सों की खरीदारी में भी दिलचस्पी ले रहे हैं। मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी की। साथ ही फूल-पौधे भी ले गये। इन दिनों मेला पूरे शबाब पर है। मेले में कानपुर व सहारनपुर समेत अन्य जनपदों के व्यापारी लकड़ी की दुकानें लगाये हुए हैं। पलंग, चौकी, मेज, सोफा सहित अन्य सामान की खरीदारी कुछ ज्यादा ही हो रही है। मेले में आलमारी, छोटे-बड़े बक्से की दुकानें भी लगी हैं। गांव से आये लोगों ने इन सामानों की खरीदारी में ज्यादा रुचि दिखायी।

Sunday, November 13, 2011

अपने अंदर की कमी देखें दूर हो जायेगी अशांति !

घर के संघर्ष को मिटाओ। घर में झूठ, कपट से प्रेम की कमी होती है और विकार पैदा होता है। निन्दा से संघर्ष और ईष्र्या से अशांति पैदा होती है। हमारा जो समय प्रभु नारायण के ध्यान में जाना चाहिए वह निन्दा, ईष्र्या झूठ-कपट में बरबाद हो जाता है। सबसे बड़ी गलती हमसे होती है कि हम दूसरों के दोष को देखते हैं। दूसरों पर नजर डालना ही बुरा है अगर डालें तो उनके गुण पर ही डालें। अपने को संवार लें। अपने तन-मन को बढि़या बना लें, यह बहुत बड़ी सेवा है। स्थानीय क्षेत्र के प्रसिद्ध मंदिर श्री अमर नाथ शिव मंदिर के प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा ज्ञान यज्ञ के अन्तिम दिन जुटे भक्तों के रेले को सम्बोधित करते हुए राजन जी महराज ने उक्त बातें कहीं। बताया कि फल कितना ही कड़वा क्यों न हो जब भगवान को भोग लगा दिया जाता है तब वह फल मधुर हो जाता है। श्रीराम कथा में जब इन्द्रजीत हनुमान को लेकर रावण के दरबार में जाता है। रावण-हनुमान के संवाद के दौरान रावण क्रोधित हो जाता है और श्रीराम के दूत हनुमान को मारने की बात कहता है। इतने में विभीषण आगे कर कहते हैं दूत को मारना नहीं है तो रावण कहता है कि वानरों को सबसे प्रिय पूंछ ही होती है इसकी पूंछ में आग लगा दो। पूंछ में आग लगते ही हनुमान विराट रूप धारणकर पूरी लंका को जला देते हैं। लंका विजय के बाद श्रीराम का राज तिलक होता है। चारों तरफ खुशियां मनाई जाती हैं। इसी बीच पूरे पण्डाल में फूलों की वर्षा भक्तों द्वारा की गयी। वहीं कथा पाठक राजन जी महराज के ऊपर भी फूलों व रुपयों की वर्षा कर भक्तों ने अपनी खुशी का इजहार किया। इस अवसर पर अवध किशोर सिंह द्वारा महाराज जी को एक शाल व फूल देकर सम्मानित किया गया। पूजा कमेटी के सदस्यों द्वारा पूर्व छात्र नेता गोपाल जी सिंह, तारकेश्वर मिश्र, भोला सिंह सहित दर्जनों लोगों को श्री राम-जानकी, लक्ष्मण,हनुमान की फोटो देकर सम्मानित किया गया।

Wednesday, November 9, 2011

दस वर्ष पुराना है बलिया में गंगा महाआरती का इतिहास !

कार्तिक पूर्णिमा स्नान की पूर्व संध्या पर गंगा महाआरती की परम्परा महर्षि भृगु की धरती पर काशी व हरिद्वार की तर्ज पर लगभग दस वर्षो से चल रही है। वाराणसी के विद्वान पंडित व आचार्यो के सानिध्य में इस महा आरती की शुरूआत सन् 2002 में की गयी। इस नये कार्यक्रम के साथ ही नये सिरे से संत समागम भी फिर शुरू हुआ। इस महाआरती में भृगु क्षेत्र के संत बाबा बालक दास समेत अनेक विद्वानों ने भाग लिया था। धीरे-धीरे इसका विशाल स्वरूप दिया गया। उसी समय बाबा बालक दास ने नगर पालिका परिषद के तत्कालीनअध्यक्ष लक्ष्मण गुप्त को प्रेरित कर ददरी मेले के भारतेंदु मंच पर सत्संग शुरू कराने का सुझाव दिया। तब से यहां सत्संग नगर बसाये जाने लगा। इसमें साधु संतों का जमावड़ा होने लगा। वहीं मेले में आये लोग साधु संतों का दर्शन भी करते हैं। उसी समय से गंगा महाआरती की परम्परा शुरू हुई जो आज भी कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पूर्व होती है। अब इसमें वाराणसी हरिद्वार समेत अन्य स्थानों के विद्वान भाग लेने लगे हैं।

Monday, November 7, 2011

कॅरियर ऑन क्लिक !

आज जो समय के साथ कदम ताल कर सकता है, वही कामयाब है। जो इससे जरा सा भी पिछडा, उसको फर्श पर पहुंचते देर नहीं लगती। जिस टेक्नोलॉजी के बूते भारत ने कभी तरक्की का ककहरा सीखने की शुरुआत की थी, आज वही टेक्नोलॉजी देश की कामयाबी के महाग्रंथ रच रही है। केवल देश की तरक्की ही क्यों, रोजमर्रा की जिंदगी में भी इसने अपना मुकम्मल असर छोडा है। ऑफिस, घर, डिपार्टमेंटल स्टोर, स्कूल कॉलेज सभी जगह आईटी आज की जरूरत बन चुकी है। उन्नत आईटी सेवा की बदौलत आज विश्व की प्रमुख परीक्षाओं के साथ-साथ भारत में भी सभी प्रमुख परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं। जीमैट, जीआरई, टॉफेल के अलावा कैट, इंजीनियरिंग, लॉ, सीटीईटी सभी परीक्षाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं या होने की तैयारी में है। विशेषज्ञों के अनुसार आनेवाले समय में यही एकमात्र परीक्षा का तरीका होगा। यही कारण है कि सभी संस्थान इस नई परीक्षा प्रणाली को लागू कर रहे हैं।

नई जेनरेशन, नई परीक्षा

भारत में ऑनलाइन का प्रचलन तेजी से बढ रहा है। चाहे आपको टिकट की बुकिंग करानी हो, बैंक से पैसे का ट्रांजैक्शन करना हो या फिर चैटिंग करनी हो-ये सभी काम आप आनॅलाइन के माध्यम से कर सकते हैं। इसकी विशेषता को देखते हुए अब ऑनलाइन एग्जाम भी देश की कई परीक्षाओं में शुरू हो गए हैं। सरल शब्दों में कहें तो ऑनलाइन एग्जाम एक नई तकनीक है, जिसमें इंटरनेट की मदद से आप परीक्षा दे सकते हैं। बस इसमें आपके पास लॉग इन आईडी व पासवर्ड की जरूरत होती है, जो सामान्यतय: एडमिनस्ट्रेटर प्रदान करता है। हां तेज नेवीगेशन के लिए आपका कंप्यूटर फै्रंडेली होना जरूरी है। इसमें इतनी आसानी रहती है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोग भी इस परीक्षा को आसानी से दे सकते हैं।

कंप्यूटर पर होते हैं एग्जाम

ऑनलाइन एग्जाम के तहत स्टूडेंट्स को परीक्षा देने शहर के किसी खास सेंटर पर जाना होता है, जहां कंप्यूटर खोलने पर उसके सामने प्रश्नों का एक सेट आ जाता है। ये प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप होते हैं, जिनमें चार उत्तरों में से किसी एक को चुनना होता है। कई बार प्रश्नपत्र के एक से अधिक खंड होते हैं। इनमें से आप अपनी पसंद के अनुसार खंड चुन सकते हैं। सभी प्रश्नों को हल करने के लिए निर्धारित समय-सीमा होती है। यह सीमा खत्म होते ही पेपर अपने आप क्लोज हो जाता है। ऑनलाइन एग्जाम के लिए सेंटर पर इंस्ट्रक्टर उपस्थित होते हैं, जो कोई परेशानी होने पर उसे दूर करते हैं, लेकिन इस तरह का एग्जाम देने के लिए स्टूडेंट्स यदि कंप्यूटर पर पहले से प्रैक्टिस कर लें तो बेहतर होगा।

बेहतर टेक्नोलॉजी, बेहतर रिजल्ट

परीक्षार्थियों की लगातार बढती संख्या के कारण रिटेन एग्जाम लेना कठिन होता जा रहा है। उस पर लगने वाला समय, बढते वित्तीय बोझ के कारण शिक्षा संस्थान व रिक्रू टर दोनों ही पिछले कुछ समय से नए विकल्प की तलाश कर रहे थे। ऑनलाइन एग्जाम इस मामले में उन्हें सटीक ऑप्शन देता है, जहां आप इंटरनेट पर देश-दुनिया के किसी भी संस्थान के लिए इंट्रेस एग्जाम दे सकते हैं, नौकरी के लिए इंटरव्यू दे सकते हैं, सेमेस्टर एग्जाम दे सकते हैं आदि। दूसरी ओर इसका फायदा उन संस्थानों को भी मिल रहा है, जो कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं। इसके अलावा समय की बचत, किफायती व सुविधाजनक होने के नाते इन दिनों इसकी लोकप्रियता काफी बढ चुकी है।

जरूरत जैसी, एग्जाम वैसा

ऑनलाइन एग्जाम कई मायनों में फायदों का सबब बन रहा है। देखा जाए तो इसमें संस्थान व स्टूडेंट दोनों को ही काफी सुविधा होती है, क्योंकि इसमें न संस्थान को मुद्रित प्रश्नपत्रों, उत्तर पुस्तिकाओं व बडी संख्या में परीक्षकों की जरूरत होती है और न छात्रों को पेन, पेंसिल, स्केल जैसे संसाधनों की। समय की बचत होती है वो अलग से। इसके साथ इसमें एक अन्य फायदा शीघ्र रिजल्ट प्राप्त होना होता है, जहां पेपर देने के ठीक बाद आप अपना स्कोर जान सकते हैं। इसके अलावा लिखित परीक्षा में जहां एक ही तिथि में देश के विभिन्न केंद्रों पर स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था करनी होती है, वहीं ऑनलाइन टेस्ट में प्राय: स्टूडेंट्स के लिए एक ही दिन परीक्षा देने की बाध्यता नहीं होती, क्योंकि प्रश्नपत्रों के बहुत सारे सेट होने के कारण सभी स्टूडेंट्स को एक ही दिन ऑनलाइन टेस्ट नहीं देना होता। इस तरह एक ही तिथि में परीक्षा होने के कारण बडी संख्या में स्टूडेंट्स के लिए सीटिंग अरेंजमेंट की व्यवस्था भी नहीं करनी पडती है। यही कारण है कि प्राय: सभी परीक्षाएं ऑनलाइन हो रही है।

आईटी सेक्टर ने बढाई रौनक

भारत कल तक इस क्षेत्र में दोयम दर्जे की हैसियत रखता था, इस समय हर बीतते साल के साथ वह इस सेक्टर का मंझा हुआ खिलाडी बन चुका है। आज हालात यह हैं कि दुनिया के करीब एक चौथाई कंप्यूटर सॉफ्टवेयर व बीपीओ सेवाएं भारत से ही संचालित हो रही हैं। रोजगार देने में भी पिछले कई सालों से यह सेक्टर अव्वल है। ऑनलाइन जैसी तकनीकी सेवाएं इसी आईटी की बदौलत संभव हुई हैं। आज ऑनलाइन एग्जाम से लेकर बाकी ऑनलाइन सेवाओं में हम तेजी से आगे बढ रहे हैं, उसके पीछे आईटी सेक्टर में हमारी तेज ग्रोथ ही जिम्मेदार है। ऑनलाइन एग्जाम की जिम्मेदारी प्राय: कॉम्प्रिहेंसिव टेस्टिंग ऐंड एसेसमेंट सेवा देने वाली कंपनियों को दी जाती है, जिसमें ईटीएस प्रोमैट्रिक,माइक्रोसॉफ्ट इंडिया, एनआइआइटी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

प्रमुख एग्जाम हुए ऑनलाइन

देश में आज ऑनलाइन एग्जाम की अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले कई एग्जाम मसलन, इंजीनिय¨रग, प्रबंधन, बी-एड, लॉ आदि तेजी से ऑनलाइन किए जा रहे हैं। यहां कुछ ऐसीे ही एग्जाम व संस्थान दिए जा रहे हैं, जो ऑनलाइन हो चुके हैं-

अब सीटीईटी भी ऑनलाइन

तकनीक के प्रति युवाओं के बढते रूझान को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई ने इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए होने वाले ऑल इंडिया इंजीनियरिंग इंट्रेंस एग्जाम एआईईईई के बाद अब सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट सीटीईटी को भी ऑनलाइन करने की तैयारी कर ली है। बोर्ड ने दोनों ही परीक्षाओं को प्रोफेशनल मानते हुए इन्हें कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट फॉर प्रोफेशनल एंट्रेस एग्जाम पीईई 2012 की श्रेणी में रखा है। पीईई के आयोजन के लिए बोर्ड ने विभिन्न एजेंसियों से आवदेन मांगे हैं, जो इनका सफल संचालन करने में सक्षम हों। गौरतलब है कि सीबीएसई ने वर्ष 2011 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर एआईईईई को पेपर टेस्ट के साथ-साथ ऑनलाइन भी आयोजित किया था। अब न सिर्फ इसे विस्तार देने की तैयारी की जा रही है, बल्कि 26 जून को पहली बार आयोजित हुए सीटीईटी को भी बोर्ड ऑनलाइन करने की कोशिश में है। कैट के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में हर साल करीब 40 हजार की बढोत्तरी हो रही है। ऑनलाइन व्यवस्था शुरू होने से इस परीक्षा में शामिल होने वाले आवेदकों को खासी सुविधा हो गई है। कैट के लिए जीआरई पैटर्न अपनाया गया है। सभी प्रोफेशनल परीक्षा भी ऑनलाइन हो रही है।

टीचर्स के लिए ई-टीचिंग ट्रेनिंग

आईटी क्षेत्र में हुए हालिया बदलावों को देखते हुए कई बडे संस्थान अध्यापकों की ऑनलाइन टीचिंग की व्यवस्था करा रहे हैं। माना यह जा रहा है इससे अध्यापन कार्य बहुआयामी हो सकेगा, जिसका सर्वाधिक लाभ स्टूडेंट्स को मिलेगा। इस कार्य के लिए उन्होंने कई कंपनियों से हाथ मिलाया है। बकौल यूनिवर्सिटी प्राय: सभी टीचर्स को कम्प्यूटर की बेसिक जानकारी तो है, लेकिन ई-टीचिंग की कामयाबी के लिए उन्हें बाकायदा प्रशिक्षण देना भी जरूरी है। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें खास तौर पर यह बताया जाता है कि कैसे इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर स्टूडेंट्स को ज्यादा से ज्यादा फोकस करने में मदद करें। इसके कई फायदे भी नजर आ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा फायदा यह हो रहा है कि अब स्टूडेंट्स के साथ टीचर भी टेक्नोसेवी हो गए हैं, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बढोत्तरी हो रही है।

आसान है परीक्षा

यह ठीक है कि देश के कई संस्थान अब ऑन लाइन प्रवेश परीक्षा ले रहे हैं तो कई इम्प्लॉयर भी अपने कर्मचारियों के चयन में ऑनलाइन एग्जाम का सहारा ले रहे हैं, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि अब तो देश की कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं ऑनलाइन हो गई हैं और निकट भविष्य में अन्य परीक्षाएं भी इसी पैटर्न पर आधारित होंगी। इसलिए आवश्यक है कि हर स्टूडेंट ऑनलाइन प्रणाली को अच्छी तरह समझ ले। जो स्टूडेंट्स यह समझते हैं कि उन्हें फिलहाल ऐसी कोई परीक्षा नहीं देनी है, उन्हें भी पहले से इस बारे में सचेत हो जाना चाहिए। वैसे यह परीक्षा बहुत आसान है। अगर आपने कभी कंप्यूटर इस्तेमाल नहीं किया है, तो भी आप इससे एक-दो घंटे में आसानी से परिचित हो सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इंटरनेट से प्रैक्टिस सेट लोड कर उसका अधिक से अधिक अभ्यास करें।

करें ऑनलाइन प्रैक्टिस

इन दिनों ऑनलाइन परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन के लिए मॉडल टेस्ट पेपर उपलब्ध हैं, जहां आप एकदम ऑनलाइन एग्जाम जैसी कंडीशन्स में मॉक टेस्ट दे सकते हैं। वे लोग जो ज्यादा कंप्यूटर सेवी नहीं है, उनके लिए ये टेस्ट और भी कारगर हैं। ऐसी कई वेबसाइट्स हैं जहां आपको विभिन्न कंपटिटिव एग्जाम के साथ सीबीएसई (पीसीएम, एसएसटी), जेएनयू, डीयू इंट्रेस के कई मॉडल टेस्ट पेपर हल करने को मिलते हैं। इन साइट्स में

www.wiziq.com

www.tcyonline.com

www.jumbotests.com

आदि प्रमुख हैं।

भाषा सिखाने वाली प्रमुख ऑनलाइन वेबसाइट्स

ऑनलाइन स्पेनिश के लिए वेबसाइट

21 देशों की ऑफिशियल भाषा स्पेनिश का काफी क्रेज है। यह यूरोपीय यूनियन की ऑफिशियल भाषा होने के अलावा संयुक्त राष्ट्रसंघ की आधिकारिक भाषाओं में शामिल है। अगर आप भी इस भाषा को सीखना चाहते हैं, तो भारत में इससे संबंधित कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। अगर आप किसी कारणवश कॉलेज नहीं जा सकते हैं, लेकिन घर बैठे ही स्पेनिश भाषा बोलना और लिखना सीखना चाहते हैं, तो आप इंटरनेट के माध्यम से इस भाषा को आसानी से सीख सकते हैं। इस भाषा को सिखाने के लिए कई वेबसाइट्स उपलब्ध हैं। इनमें से कुछ पैसे लेकर सिखाती हैं, तो कुछ पर बिना पैसे के आप सीख सकते हैं।

www.studyspanish.com

www.studyspanishonline.org

ऐसी साइट्स हैं, जो आपको ऑनलाइन स्पेनिश सीखने में मदद करती हैं।

अगर सीखनी हो ऑनलाइन अंग्रेजी

अंग्रेजी विश्व की प्राय: सभी देशों में बोली और समझी जाने वाली महत्वपूर्ण भाषा है। अगर अंग्रेजी की बेहतर समझ है, तो आप विश्व के किसी भी कोने में रह सकते हैं और लोगों को अपनी बात बता सकते हैं। भारत में अंग्रेजी का क्रेज सिर चढकर बोल रहा है। कंप्यूटर की अच्छी समझ और बेहतर अंग्रेजी के ज्ञान की बदौलत भारतीय आईटी इंजीनियर प्रमुख कंपनियों की पहली पसंद हैं। यदि आप भी ऑॅनलाइन के माध्यम से अंग्रेजी लिखना और बोलना चाहते हैं, तो आप घर बैठे वेबसाइट के माध्यम से इसका लाभ उठा सकते हैं। वैसे तो अंग्रेजी भाषा सिखाने के लिए कई ऑनलाइन वेबसाइट्स हैं, लेकिनhttp://learnenglish.britishcouncil.org/en/

www.englishlink.com

वेबसाइट्स के माध्यम से आप अंग्रेजी आसानी से बोलने के साथ लिखना भी सीख सकते हैं।

सीखें फ्रैंच ऑनलाइन

विदेश में ऑनलाइन का प्रचलन काफी वर्षो से है। वहां की प्राय: सभी परीक्षाएं ऑनलाइन होती हैं। ऑनलाइन एग्जाम के जरिए आप प्रोफेशनल कोर्सेज व संस्थानों में तो इंट्री ले ही सकते हैं, साथ ही घर बैठे तरह-तरह की विदेशी भाषाएं भी सीख सकते हैं। यदि आप फॉरेन लैंग्वेज सीखने के इच्छुक हैं तो भी ऑनलाइन लर्रि्नग आपको कई विकल्प सुझाती है।

www.clickonfrench.com

एक ऐसी साइट है, जो आपको ऑनलाइन फ्रैंच सीखने में मदद करती है। गौरतलब है कि आज फ्रैंच दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा पढी व समझी जाने वाली भाषा है। खुद भारत में 3000 से ज्यादा फ्रै च कंपनियां काम कर रही हैं। ऐसे में ऑनलाइन फ्रैंच भाषा सीख कर आप खुद के लिए इस दिशा में एक कॅरियर विकल्प जरूर बना सकते हैं। इसके अलावा आप ऑनलाइन के माध्यम से अंग्रेजी भी सीख सकते हैं। इस प्रकार आप घर बैठे ही फ्रैंच सीख सकते हैं।

ध्यान रखने वाली बातें

अगर अपना कंप्यूटर व इंटरनेट कनेक्शन है, तो उस पर संबंधित विषयों के प्रैक्टिस सेट डाउनलोड करके उन्हें हल करने का बार-बार अभ्यास करें। ऐसे कई सेट विभिन्न साइटों से मुफ्त मिल सकते हैं। ल्ल अगर आपके पास अपना कम्प्यूटर व नेट कनेक्शन नहीं है, तो आप नजदीक के किसी साइबर कैफे में जाकर वहां इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

वे लोग जो पहली बार ऑनलाइन पेपर दे रहे हैं, हो सकता है कि उनको यह टेस्ट देने में कठिनाई हो। ऐसे में इससे परिचित होने के लिए कंप्यूटर पर प्रैक्टिस जरूर करनी चाहिए, अन्यथा स्टूडेंट्स का प्रदर्शन 20 से 25 फीसदी तक प्रभावित हो सकता है।

पहले अपने विषयों को कंपलीट करें और उसके बाद कंप्यूटर पर अभ्यास करें, क्योंकि ऑनलाइन टेस्ट में पूछे जाने वाले प्रश्न पहले की तरह आपके कोर्स पर ही आधारित होंगे।