Tuesday, August 23, 2016

!! हाई अलर्ट पर बलिया !!

पूर्वांचल के जिलों में तबाही मचा रही गंगा नदी बलिया में 13 साल पुराने जलस्तर पर पहुंच गई है। रविवार सुबह गंगा नदी का जलस्तर 60.28 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 57.61 मीटर से 2.66 मीटर अधिक है। इससे पहले बलिया में गंगा नदी 2003 में 60.25 मीटर तक पहुंची थी। बाढ़ के रौद्र रूप को देखते हुए पूरे जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।एनएच-31 के बलिया-बैरिया मार्ग पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी आने से खतरे को देखते हुए इंजीनियरों के साथ डीएम गोविंद राजू डटे हैं। बैरिया से छपरा तक सड़क मार्ग पर आवागन ठप है। दुबहर से दूबे छपरा रिंग बांध तक के गांवों में तबाही मची है। दूबे छपरा बांध को बचाने की कोशिश जारी है। चौबेछपरा और श्रीनगर गांव का अस्तित्व खत्म होने की ओर है। शहर से सटे महाबीर घाट के निचले इलाकों के लोगों को पलायन करना पड़ा है। चांद दियर इलाके में भी बाढ़ से हड़कंप मचा है। कोट 350 से अधिक नावें और 15 मेडिकल टीमें प्रभावित क्षेत्रों में लगाईं गईं हैं। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं से अपील है कि आगे आकर वो लोगों की मदद करें।  

गोविंद राजू, डीएम, बलिया, बनारस में गंगा और वरुणा का रौद्र रूप : वाराणसी शहर के साथ तटवर्ती इलाकों में पानी भरने से दो लाख की आबादी चपेट में है। सड़कों-गलियों में नावें चल रही हैं। लोग अपने घरों की छतों पर टेंट लगाकर रह रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकलकर राहत शिविरों में पहुंचा रही हैं। 

मीरजापुर-गाजीपुर में बिगड़े हालात : मीरजापुर और गाजीपुर में भी गंगा के लगातार बढ़ने से दहशत है। मीरजापुर के छानबे, कोन, मझवां, सीखड़, नरायनपुर और पहाड़ ब्लॉक के 400 गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं। अकोढ़ी और विंध्याचल के सगरा गांव के पास मीरजापुर-इलाहाबाद मार्ग पर बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन सतर्क है। डीएम राजेश कुमार सिंह ने गंगा जलस्तर पर नजर रखने और राहत शिविरों में लंच पैकेट व पशुओं के लिए चारा आदि की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। 

इलाहाबाद में गंभीर होती जा रही स्थिति : इलाहाबाद में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। यमुना में तीन सेंटीमीटर जबकि गंगा में अब भी ढाई सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। माताटीला बांध से लगभग चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से यमुना में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। हालात यह हैं कि दोनों नदियों का जलस्तर 2013 के स्तर के काफी करीब 85.70 मीटर तक पहुंच गया है। 1978 के बाद 2013 में ही इलाहाबाद में बाढ़ ने तबाही मचाई थी, जब बख्शी बांध में भी दरार आ गयी थी। गंगा, यमुना और टोंस की बाढ़ से पूरा जिला प्रभावित है और अब तक 155 गांव और दो दर्जन मोहल्ले इसकी चपेट में आ चुके हैं। 

फतेहपुर में भी खतरा बरकरार : फतेहपुर जिले में भी गंगा और यमुना की बाढ़ से किनारे के गांवों को खतरा है। दोनों नदियों के बीच बसे जिले के तीन दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं और उनका मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। यमुना किनारे के कोर्रा कनक,ललौली, दसौली,पल्कू डेरा, ओनई,धोबिया, लिलरा, देवलान, लामेहता गांवों की आबादी पानी से घिर गई है। लगातार बढ़ते हुए जलस्तर को देखते हुए प्रशासन के अधिकारी और रेस्क्यू टीमें तैनात कर दी गईं हैं।