Thursday, April 30, 2009

कलिकाल में कल्याण के लिए हरिनाम से बड़ा साधन नहीं !

सुखपुरा (बलिया)। रामनाम के जप से ही मानव का कल्याण सम्भव है। रामनाम के लिए कोई समय तिथि निर्धारित न करे बल्कि अपना दैनिक कार्य करते हुए राम का नाम लेते रहे तो निश्चित रूप से ईश्वर आपका कल्याण करेगा।

उक्त विचार स्वामी हरिहरानन्द जी के हैं। वह प्रधानाचार्य डा. लालेन्द्र प्रताप सिंह के आवास पर आयोजित 48 घंटे के कीर्तन समारोह के समापन पर उपस्थित भक्तों को बुधवार को देर शाम सम्बोधित कर रहे थे। कहा कि ईश्वर को प्राप्त करने के लिए कीर्तन से बड़ा कोई अस्त्र नहीं है। ध्यान यह रहे कि कीर्तन पूर्ण मनोयोग से शुद्धता के साथ करें। कीर्तन से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं और मानव का कल्याण करते हैं। हरेराम-हरेराम, राम-राम हरे हरे, हरे कृष्ण-हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे के जाप से मानव का मन मस्तिष्क दोनों प्रकाशित होता है। वह कुविचार व कुमार्ग से दूर होकर सद्कमरें की तरफ अग्रसर होता है ईश्वर प्राप्ति का यह पहला सोपान है। इसके पूर्व मानव कल्याण के लिए 48 घंटे के आयोजित कीर्तन का समापन वैदिक मंत्रों के बीच विद्वान ब्राह्मणों ने किया। इस अवसर पर प्रवीण कुमार सिंह, अभिराम सिंह दारा, पंकज कुमार सिंह, वीर बहादुर सिंह, रामेश्वर सिंह, शेषनाथ पाण्डेय, अरुण कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

बलिया जिला जेल में फांसी लगा कैदी ने की खुदकुशी

बलिया। जिला कारागार में हत्या के प्रयास में बंद एक कैदी ने बुधवार की देर रात को बैरक के जंगले से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस सनसनीखेज घटना के बाद जेल में हड़कम्प मच गया। जिले के आला अधिकारी पहुंचकर मौका मुआयना किए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है।

बताते है कि नरहीं थाना क्षेत्र के पिपराकलां निवासी रामजी सिंह पुत्र सुदर्शन सिंह हत्या के प्रयास व आ‌र्म्स एक्ट में जिला कारागार की बैरक नम्बर 3डी में बंद था। इस बैरक में 50 कैदी उसके साथ थे। रात को लगभग साढ़े ग्यारह बजे एकाएक कैदियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर बंदी रक्षक तत्काल मौके पर पहुंच गये। अंदर का दृश्य देखकर उनके होश उड़ गये। इसकी सूचना तत्काल जिले के आला अधिकारियों को दी गयी। सूचना पर पहुंचे अधिकारी तत्काल जिला जेल पहुंचे और शव को नीचे उतरवाया। यह कैदी गमछे के सहारे जंगले से लटका हुआ था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिला जेल का वह जंगला जिसके सहारे कैदी ने फांसी लगायी उसकी लम्बाई कम थी। परिवार वालों ने जेल प्रशासन पर हत्या का आरोप लगाया है। इधर घटना की सूचना के बाद पहुंचे बसपा जिलाध्यक्ष इंदल राम, राम प्रवेश व शम्भूनाथ ने बैरक का निरीक्षण किया। साथ ही जेलर से घटना की जानकारी ली।

पब्लिक का मित्र बने पुलिस हर हाल में थमेगा अपराध !

बलिया। पुलिस महा निरीक्षक परिक्षेत्र आजमगढ़ विजय कुमार ने कहा कि अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को पब्लिक के साथ मित्रवत संबंध स्थापित करना होगा। उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर दियरांचल में आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जल पुलिस कर्मियों की तैनाती बहुत जल्द करने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जल पुलिस कर्मियों की अनुपलब्धता के कारण सीमावर्ती नदियों में गश्त नहीं हो पा रही है। इस संबंध में सार्थक प्रयास किये जा रहे है।

बैरिया प्रतिनिधि के अनुसार उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है। जैसे ही जल पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ेगी बलिया जनपद के उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा की नदियों में जवान तैनात कर दिये जाएंगे।

आईजी गुरुवार को यहां थाने में पत्रकारों से से रूबरू थे। बताया कि जनपद की भवन विहीन पुलिस चौकियों का कायाकल्प शीघ्र किया जाएगा। इसके लिए भी शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। बाद में चौकीदारों की बैठक को सम्बोधित करते हुए पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि चौकीदारों का वेतन बढ़ेगा और एवजी पर काम करने वाले चौकीदार स्थायी होंगे। साथ ही उन्हे सरकार द्वारा अधिकतम सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। उन्होंने गांवों पर विशेष नजर रखने के लिए चौकीदारों को निर्देश दिया। कहा कि आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए चौकीदारों को और जागरूक होने की जरूरत है। इस दौरान पुलिस अधीक लालजी शुक्ल, क्षेत्राधिकारी बैरिया सिद्धार्थ आदि भी मौजूद रहे।

रसड़ा प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय कोतवाली का निरीक्षण करने के उपरांत आईजी ने कहा कि पुलिस एवं ग्राम सुरक्षा की मजबूत कड़ी के रूप में चौकीदारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसे अधिक क्रियाशील बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने चौकीदारों की व्यक्तिगत समस्याओं को ध्यान से सुना और समझा। पुलिस महानिरीक्षक ने गांवों में स्थित गढ़, किले, पोखरे एवं प्राचीन पुरातात्विक अवशेषों के विषय में भी सूचना एकत्र करने का निर्देश महकमे को दिया।

बैठक के पश्चात पुलिस महानिरीक्षक ने क्षेत्र के राजनेताओं, गणमान्य नागरिकों एवं ग्रामीण जनों से भी मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुन प्रभारी निरीक्षक को उनके त्वरित निस्तारण हेतु आवश्यक निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान क्षेत्राधिकारी एके श्रीवास्तव, प्रभारी निरीक्षक एचपी गौतम सहित जनपद के अन्य पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Wednesday, April 29, 2009

15 पहचान खोने की कगार पर गुलाबों की नगरी सिकंदरपुर !

बलिया। कभी पूरे भारत में इत्र की खुशबू बिखेरने वाली गुलाबों की नगरी सिकंदरपुर आज अपनी पहचान खोने की कगार पर है। इस उद्योग की उखड़ती सांसें यदि टूटने से बची है तो वह है गुलाब जल का अभी भी विदेशों में निर्यात। सच्चाई यही है कि यहां के अधिकतर उत्पादक व कारीगरों ने संसाधनों की कमी का दंश झेलते हुए इस धंधे से खुद को अलग कर लिया है।

बता दें कि सुगंध को शीशी में बंद करने वाले केंद्रों में एक नाम बलिया जनपद के सिकंदरपुर का भी है। यूरोप की औद्योगिक क्रांति ने भारत के जिन कुटीर उद्योगों पर कुठाराघात किया था उसमें यहां का सुगन्धित तेल व इत्र उद्योग भी रहा। यहां के गुलाब जल, केवड़ा जल एवं सुगंधित तेलों की ख्याति दूर-दूर तक थी। यहां का गुलाब जल और केवड़ा जल आज भी कोलकाता भेजा जाता है। जहां से वह विक्रय हेतु विदेशों को चला जाता है। फूलों के शौकीन सिकंदर लोदी का बसाया कस्बा सिकंदरपुर का अतीत काफी गौरवपूर्ण रहा है। इसे आज भी फूलों की नगरी, उद्यानों का नगर आदि-आदि के नाम से पुकारा जाता है। अतीत में इस उप नगर के चतुर्दिक गुलाब, चमेली, केवड़ा, बेला के फूलों की बड़े पैमाने पर खेती होती थी। इससे यहां का वातावरण सदैव सुगंधित रहा करता था। इन फूलों की उपज से गुलाब रोगन व चमेली के तेल सहित इत्र, गुलाब जल, केवड़ा जल, गुलाब कंद, गुलाब शर्करी आदि देशी विधि से तैयार किए जाते थे। कुटीर उद्योग की बदौलत यहां के लोगों को जीविकोपार्जन के लिए अन्य साधन अपनाने की आवश्यकता नहीं थी। घर-घर में स्थापित इस उद्योग के चलते यहां के लोग काफी समृद्धिशाली और आत्मनिर्भर थे लेकिन औद्योगिक क्रांति ने इस व्यवसाय पर भी कुठाराघात किया। यही कारण है कि कारखानों में उत्पादित सेंट व तेलों की स्पर्धा में यहां की वस्तुएं टिक नहीं पायी। साथ ही नकली उत्पादों ने भी इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्न चिह्न लगाया। सिकंदरपुर के नाम से बड़े-बड़े शहरों में इतने नकली उत्पाद छा गए कि यहां के उत्पादों के लिए बाजार ही सिकुड़ गया। आज आवश्यकता है इस उद्योग को बढ़ावा देने की जिससे कि सिकंदरपुर अपने गौरवमयी इतिहास को पुन: हासिल कर सके। इसके लिए यहां के तेल फूल उद्योग को शासन का सहयोग और संरक्षण आवश्यक है। फूलों की खेती को उद्योगपरक बनाने के लिए यदि शासन स्तर से सहयोग मिले तो कोई कारण नहीं कि यहां का फूल-तेल उद्योग पुन: अपने पुराने गौरव को प्राप्त न कर ले।

ब-पेस्ट

वासन क्रिया से बनता है तेल, इत्र वगैरह वाष्पन विधि से

सिकंदरपुर , निप्र: सिकंदरपुर के सुगन्धित तेलों, गुलाब व केवड़ा जल तथा इत्र बनाने की अलग-अलग प्रक्रिया है। तेल जहां वासन क्रिया के माध्यम से तैयार किये जाते है वहीं गुलाब, केवड़ा जल, इत्र वाष्पन क्रिया के माध्यम से निर्मित होते है। गुलाब रोगन व चमेली का तेल बनाने की यह एक ही प्रक्रिया है। इसमें तिल को अच्छी तरह धो व सुखा लिया जाता है। यदि चमेली का तेल बनाना है तो एक निश्चित मात्रा में तिल और चमेली का फूल ले लिया जाता है। फर्श पर एक बड़े हिस्से मे चमेली के फूल की एक तह बिछाकर उस पर तिल फैला दिया जाता है। बाद में तिल के ऊपर भी फूल की एक तह फैला दी जाती है। फर्श पर फैले फूल और तिल को पूरी रात उसी प्रकार छोड़ दिया जाता है। दूसरे दिन तिल को फूल से अलग कर उसे फेंक दिया जाता है और यह क्रिया तीन-चार दिन तक चलने के बाद तिल को सुरक्षित रख लिया जाता है। बाद में आवश्यकतानुसार सुरक्षित वासित तेल की पेराई कर इससे तिल निकाल विक्रय हेतु भेज दिया जाता है। ठीक यही प्रक्रिया गुलाब रोगन के तेल के निर्माण में भी अपनायी जाती है। अंतर मात्र इतना होता है कि इसमें चमेली के फूल की जगह गुलाब का फूल इस्तेमाल किया जाता है। जहां तक गुलाब जल, केवड़ा जल व इसके निर्माण की बात है तो यह वासन की बजाय वाष्पन क्रिया द्वारा बनाये जाते है। इनके भी निर्माण में काफी अंतर है। गुलाब व केवड़ा जल जहां पानी और फूल के संयोग से बनाये जाते है वहीं इत्र का निर्माण फूल व पानी के साथ ही सन्दल एवं एक विशेष प्रकार के तेल के संयोग से बनते है। गुलाब व केवड़ा जल के निर्माण हेतु एक बड़े डेग में एक निश्चित मात्रा में फूल और पानी डालकर भट्ठी पर चढ़ा दिया जाता है। डेग को ढक्कन से भलीभांति बंद कर दिया जाता है जिससे कि उसके अंदर न तो हवा जाय न ही अंदर से बाहर ही आये। ढक्कन के बीच में एक छिद्र होता है जिससे बांस की एक एल टाइप नली को निकाल पानी से भरे हौदे में पड़े एक सुराहीदार बर्तन के मुंह से जोड़ दिया जाता है। भट्ठी में आग जोड़ने पर उस पर रखे गये डेग का पानी व फूल खौलने लगते है जिनसे उत्पन्न वाष्प बांस की नली के माध्यम से हौदी में पड़े बर्तन में पहुंच ठंढा हो पुन: पानी का रूप धारण कर लेते है। डेग में यदि केवड़ा का फूल है तो हौदी में पड़े बर्तन में पहुंच केवड़ा जल तैयार होता है। यदि गुलाब का फूल है तो गुलाब जल बनता है। फूल बदल-बदलकर यह क्रिया कई दिन तक दोहरायी जाती है। इत्र भी बनाने की यही प्रक्रिया है। अंतर मात्र इतना है कि गुलाब जल व केवड़ा जल के निर्माण के समय हौदी में पड़ा बर्तन में एक निश्चित मात्रा में सन्दल में घुल उसे सुगन्धित बना देता है। बाद में हौदी से बर्तन निकाल तेल अथवा सन्दल को पानी से अलग कर शीशियों को भरकर रख दिया जाता है।

Monday, April 27, 2009

परशुराम के विचार आज और भी प्रासंगिक: शशिकांत

बलिया। भगवान विष्णु के दशावतारों में भगवान परशुराम छठवें अवतार थे जिन्होंने ऐसे राज्य कुशासन के खिलाफ जंग छेड़ी जिसके चलते तत्कालीन सामाजिक विषमता का समूल नाश कर उन्होंने राष्ट्र एवं समाज में जर्जर सामाजिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान की। उक्त उद्गार उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी राज्य कार्यकारिणी के सदस्य शशिकांत चतुर्वेदी के है। वे परशुराम मंच के तत्वावधान में जीराबस्ती स्थित व्यायामशाला में अक्षय तृतीया के अवसर पर परशुराम जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिमा शंकर तिवारी ने कहा कि उन लोगों को सचेत होना चाहिये जो पूंजीवादी व्यवस्था की वकालत कर रहे हैं। इसके पूर्व भगवान परशुराम के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर बबलू तिवारी, रवीन्द्र यादव, मनोज यादव, मोती लाल यादव, कृष्णानन्द तिवारी, गोब‌र्द्धन राय, गणेश पाण्डेय, राजेश पाण्डेय, मंटू तिवारी, दीपक कुमार वर्मा, सुधीर तिवारी, श्रवण कुमार पाण्डेय एवं राजेश चौबे ने विचार व्यक्त किया। संचालन विनोद तिवारी ने किया। इसी क्रम में आध्यात्मिक चिंतन संस्थान के संयोजक रमाशंकर तिवारी ने आज के संदर्भ में परशुराम जी सार्थकता विषयक गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में व्याप्त जातीय विषमता को विनष्ट करने के लिए भगवान परशुराम का जीवन दर्शन इसलिए प्रासंगिक है ताकि आर्थिक साम्राज्यवाद को ढहाकर समाजवाद का परचम लहराया जाये। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष जगन्नाथ तिवारी, श्रीकांत चौबे, गुड्डू मिश्रा, ब्रज किशोर तिवारी, राजमंगल ठाकुर, सत्यप्रकाश पाठक, इन्दू भूषण ओझा आदि विचार रखे। संचालन आलोक रंजन यादव ने किया।

Sunday, April 26, 2009

गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन सम्पन्न कराए संस्कार!

बलिया। गायत्री शक्तिपीठ पर सम्पन्न हो रहे विचार क्रांति विद्या विस्तार गायत्री महायज्ञ के तीसरे तथा अंतिम दिन रविवार को जबरदस्त गर्मी एवं गर्म हवा के थपेड़ों के बीच श्रद्धालुओं को रेला दिन भर लगा रहा। महायज्ञ में आहुतियों के साथ योग व्यायाम एवं विभिन्न संस्कार सम्पन्न हुए। महायज्ञ परिसर में चिकित्सा सुविधा हेतु डा. अरविन्द की देखरेख में चिकित्सा शिविर लगाया गया है। जहां सैकड़ों मरीजों का इलाज अब तक किया जा चुका है। महायज्ञ परिसर में पूजन सामग्री एवं साहित्य के स्टाल लगाए गए हैं।

गायत्री महायज्ञ में शांति कुंज टोली के नायक पण्डित शत्रुघ्न शर्मा, यज्ञाचार्य राजेश शास्त्री, संगीतज्ञ धर्मानन्द, नाल वादक अजय यादव तथा राहुल सिंह का अभिनन्दन स्वागत शक्तिपीठ प्रमुख विजेन्द्रनाथ चौबे ने अक्षत पुष्प से किया। यज्ञ के तीसरे दिन भारी संख्या में पुंसवन, नामकरण, दीक्षा अन्न प्रासन्न, विद्यारम्भ, उपनयन, मुण्डन, यज्ञोपवित संस्कार हुए। एक जोड़ा कन्या एवं वर का विवाह संस्कार यज्ञ स्थल पर सम्पन्न हुआ जो महायज्ञ का आकर्षण का केंद्र बना हुआ था। कन्या कुमारी नीतू सिंह पुत्री रमाशंकर सिंह गांव निपनिया पो. बहदुरा जिला बलिया एवं वर अजय सिंह पुत्र रामचन्द्र सिंह गांव मर्यादपुर जिला-मऊ महायज्ञ में परिणय बंधन में बंध गए। विवाह संस्कार को देखने के लिए यज्ञ स्थल पर काफी भीड़ जमी रही। यज्ञ स्थल पर पूजा सामग्री एवं साहित्य स्टाल पर भी काफी भीड़ देखी गयी। यज्ञ स्थल पर स्वास्थ्य शिविर में रोगियों का इलाज भी हो रहा था।

भारतीय संस्कृति का तिरस्कार राष्ट्रघाती !

बलिया। पाश्चात्य जीवन शैली के अंधानुकरण में भारतीय संस्कृति का तिरस्कार राष्ट्रघाती होगा। भारत की मिली जुली संस्कृति में अपरिमेय क्षमतायें है परन्तु इसकी अपनी एक विशिष्ट पहचान अब भी बनी हुई है। ज्ञान, विज्ञान, चिंतन, दर्शन एवं समस्त प्रकार की शिक्षाओं का उद्देश्य लोक संगठन ही होना चाहिए।

शनिवार को राधिका शिक्षण संस्थान छितौनी रसड़ा के वार्षिकोत्सव को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्रीमती फुलेहरा स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय के प्रबन्धक गोविन्द नारायण सिंह ने उपर्युक्त उद्गार व्यक्त किये। इसके पूर्व उन्होंने सांस्कृतिक मंच का फीता काटकर बच्चों के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

इस अवसर पर बच्चों द्वारा देर रात तक अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये जिसे दर्शकों ने काफी सराहा। बच्चों ने सरस्वती वन्दना तथा लोक विधाओं से ओतप्रोत कार्यक्रमों में बच्चों ने दुर्गा वन्दना, भगवती जागरण, समूह गान, कव्वाली आदि कार्यक्रम प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने को विवश कर दिया।

कुमारी हर्षिता सिंह द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत के साथ कवि सम्मेलन में अनुराग, विशाल, अतुल, मोहित और विशाल कुमार की प्रस्तुतियों ने सभी को भाव विभोर कर दिया। इसके अतिरिक्त बच्चों ने भारत दुर्दशा एकांकी प्रस्तुत कर सभी के आंखों को सजल कर दिया। अंत में कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रधानाचार्य रामबदन जी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

Friday, April 24, 2009

मालगाड़ी पटरी से उतरी, आधा दर्जन ट्रेनें लेट

बलिया। गोरखपुर वाराणसी रेल मार्ग पर मालगाड़ी के पटरी से उतर जाने के कारण रेल यातायात घण्टों बाधित हो गया। प्राप्त सूचना के अनुसार आसाम से कोयला लेकर पंजाब को जा रही मालगाड़ी देवरिया जिले के नूनखार स्टेशन पर शुक्रवार को 1 बजकर 40 मिनट पर सिग्नल न मिलने के बावजूद ड्राइवर द्वारा गाड़ी आगे बढ़ाये के कारण पटरी से उतर गयी। इसके चलते गोरखपुर-वाराणसी रेलमार्ग घण्टों बाधित हो गया और इस मार्ग से गुजरने वाली लगभग आधा दर्जन ट्रेनें नं. 4006 डा.लिच्छवी एक्सप्रेस, 5104 डाउन इण्टरसिटी एक्सप्रेस, 5018 अप दादर एक्सप्रेस, 1056 अप गोदाम एक्सप्रेस, 5008 अप कृषक एक्सप्रेस, 5003 डाउन चौराचौरी एक्सप्रेस तीन से चार घण्टे विलम्ब से बिल्थरारोड स्टेशन पर पहुंचीं। रेल प्रशासन ने लापरवाही बरतने के कारण ड्राइवर करूमुद्दीन खां और सहायक बृजेश को सस्पेण्ड कर दिया।

Thursday, April 23, 2009

आरोपी ससुर व जेठ को नहीं मिली जमानत

बलिया। विवाहिता को जलाकर मार डालने के मामले में सुनवाई करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी शुक्ला की अदालत ने आरोपी ससुर व जेठ की जमानत अर्जी खारिज कर दिया। उल्लेखनीय है कि मुअ सं 73/09 में गड़वार थाना अन्तर्गत नानू के पूरा निवासी आरोपी गण हरदेव व दिनेश की जमानत अर्जी अदालत ने भादवि की धारा 498 ए, 304 बी व 3/4 डीपी एक्ट के तहत खारिज कर दिया। अभियोजन के अनुसार बांसडीह कोतवाली थाना अन्तर्गत शिवरामपुर निवासी राजू यादव की बहन रीता की शादी 6 वर्षो पूर्व हरदेव के पुत्र रवीन्द्र के साथ हिन्दू धर्मशास्त्र के अनुसार दान-दहेज सहित सम्पन्न हुई थी कुछ दिनों के बाद गवना हुआ। इसके बाद उसे एक पुत्री पैदा हुई। इसके कुछ ही दिनों बाद ससुराल के लोग सोने की चेन व रंगीन टीवी की मांग करने तथा ताना मारने लगे। अन्त में मांग पूरी न होने पर 20 मार्च 2009 को उसे जहर दे दिया। इसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गयी। इस मामले में मुकदमा पंजीकृत हुआ जिसमें जमानत सुनवाई के समय अभियोजन की ओर से एनएन सिंह तथा बचाव की ओर से राजेन्द्र श्रीवास्तव ने अपना-अपना पक्ष रखा।

दिनदहाड़े हो रही आपराधिक घटनाओं से इलाकाई दहशत में

बैरिया (बलिया)। स्थानीय बाजार के तहसील मोड़ के समीप बजाज मोटरसाइकिल एजेंसी के मैनेजर जसू यादव की हौसलाबुलंद अपराधियों द्वारा मंगलवार को सरेआम एजेंसी के भीतर घुसकर गोली मारने की घटना से बाजार में दहशत की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

बता दें कि तीन वर्ष पूर्व इसी तरह दुकान में घुस कर दिनदहाड़े अपराधियों ने समाजसेवी अविनाश सिंह विदेशी की हत्या कर दी थी। दो वर्ष पूर्व बलिया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक मुरली छपरा के शाखा प्रबंधक नन्द लाल मौर्य की सोनबरसा के पास बदमाशों ने पीछा कर गोली मार कर हत्या कर दी थी और एक वर्ष पूर्व शिवाल मठिया के प्रधान पवन यादव की हत्या होली का बाजार करके लौटते समय बदमाशों ने मोटरसाकिल से पीछा करके सुरेमनपुर-रानीगंज के बीच गोली मारकर कर दी थी किन्तु किसी भी मामले में न तो शूटरों का खुलासा हो पाया न ही हत्या का कारण ही सार्वजनिक हो पाया।

अब मंगलवार को जसू यादव की एजेंसी के भीतर घुस कर हत्या का प्रयास किये जाने के बाद फिर द्वाबा के आम लोग सहम गये। उनके मुंह से निकलने लगा है कि अपराधियों के बढ़ते हौसले के कारण अब क्षेत्र का कोई भी आम आदमी सुरक्षित नहीं रह गया है। लोगों का कहना है कि अब तक जो भी सनसनीखेज वारदातें हुई हैं उसमें एक ही मोटरसाइकिल पर तीन लोगों की सवारी ही सामने आई है।

Wednesday, April 22, 2009

मां इतना क्रूर होगी इसकी कल्पना सपने में भी कोई नहीं कर सकता

बलिया। मां इतना क्रूर होगी इसकी कल्पना सपने में भी कोई नहीं कर सकता। मां तो मां होती है चाहे वह बड़ी हो या छोटी। यह कलयुगी मां ममता की सारी सीमाएं तोड़ते हुए अपने ही देवर के खून को आग के हवाले कर तमाशा देखती रही। उसे तनिक भी मासूम पर दया नहीं आयी। इस मासूम की गलती क्या थी यह किसी को पता नहीं। ज्ञात हो कि शिव मंगल वर्मा की गाय एक सप्ताह पूर्व मरी थी। इसका कारण उसकी पत्‍‌नी हीरावती अपने ही देवर राजमंगल को मान रही थी। उसका मानना था कि इसी परिवार ने सल्फास दिया है। बताते हैं कि उसी समय उसने खून के बदले खून लेने की कसम खाई थी। उसका पति शिवमंगल काफी शरीफ इंसान है। वह इसके पक्ष में नहीं था लेकिन इस चण्डी स्वरूप कलयुगी महिला के आगे उसकी एक नहीं चली। हीरावती शिवमंगल की तीसरी पत्‍‌नी बताई जाती है। उसने जब मासूम खेदन (10) को बुलाया तो उस वक्त उसकी मां व बहन चन्द्रवती ने देखा था। वह सब समझीं कि किसी काम के लिए हीरावती ने उसे बुलाया है। उन्हे नहीं पता था कि वह उसे आग के हवाले कर देगी। ये दोनों घर चली गयीं। इसके बाद उसने मासूम खेदन के हाथ पांव बांधकर उसे आग का शोला बना दिया। असहाय खेदन इन दोनों के सामने गिड़गिड़ाता रहा। दोनों के अंदर तनिक भी दया नहीं आयी। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों सीधे घर चले गये। इसकी भनक किसी को नहीं लगने दी।

बताते हैं कि घाघरा दियारा में रात को कोई जल्दी जाता नहीं है। इसलिए वह मासूम को आग के हवाले करने के बाद घर चले आये ताकि किसी को भनक न लग सके लेकिन खेदन के ताऊ (बडे़ पिता) शिवमंगल ने पुलिस को सब कुछ बता दिया।

आरोपी दम्पति को कोर्ट में किया पेश

बलिया: गत रात मासूम को जिन्दा जलाकर मार डालने के आरोपी पति-पत्नी को बांसडीह कोतवाली पुलिस द्वारा सीजेएम पीपी सिंह यादव की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर चौदह दिनों की रिमांड पर जिला कारागार भेज दिया। अदालत ने पति-पत्‍‌नी शिवमंगल व हीरावती को भादवि की धारा 302 के तहत जेल भेजा है।

Tuesday, April 21, 2009

शनै: शनै: शुरू हुआ मूल्यांकन

बलिया। उप्र बोर्ड परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन शुरू हो गया है मूल्यांकन के दूसरे दिन नगर के मूल्यांकन केन्द्र मुरली मनोहर टाउन इण्टर कालेज और कुंवर सिंह इण्टर कालेज में मूल्यांकन कार्य हेतु आधे से अधिक परीक्षक पहुंचे ही नहीं। कुंवर सिंह इण्टर कालेज में मूल्यांकन कार्य हेतु बोर्ड से कुल 370 परीक्षक नियुक्त किये गये हैं जबकि सोमवार को मात्र 170 परीक्षक ही उपलब्ध रहे। इसी तरह मुरली मनोहर टाउन इण्टर कालेज में मूल्यांकन हेतु 37 उप प्रधान परीक्षक सहित 350 परीक्षक बोर्ड द्वारा नियुक्त किये गये है जबकि मूल्यांकन हेतु 18 उप प्रधान परीक्षक व 193 परीक्षक ही उपस्थित रहे। मूल्यांकन कार्य में अभी तेजी नहीं देखी जा रही है।

ब-

पेस्ट

बलिया: परीक्षा के बाद अब मूल्यांकन कार्य में भी उत्तरप्रदेश के जम्बोजेट शिक्षण संस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की खामियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मूल्यांकन के दौरान इसी तरह का एक वाकया मुरली मनोहर टाउन इण्टर कालेज केन्द्र पर दिखा जब इण्टरमीडिएट सामाजिक विज्ञान प्रथम प्रश्रन् पत्र 337 कोड के मूल्यांकन आदेश पर परीक्षक का नाम व पता की जगह केवल पता लिखकर भेज दिया गया है। समस्या यह है कि उन कापियों का परीक्षण किससे कराया जाये।

Sunday, April 19, 2009

विरले ही पैदा होते चन्द्रशेखर सरीखे व्यक्तित्व

बलिया। पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर क्रान्तिदर्शी विचारक थे। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन अन्याय एवं उत्पीड़न के अन्त के लिए समर्पित कर दिया ताकि शहीदों के सपनों के अनुरूप समता मूलक समाज की स्थापना हो सके।

यह बातें देवस्थली विद्यापीठ के प्रधानाचार्य पीसी श्रीवास्तव ने कहीं। पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की 83वीं जयन्ती के अवसर पर अपने विद्यालय में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते प्रधानाचार्य पीसी श्रीवास्तव ने कहा कि उनके आदर्शो को आत्मसात करने की जरूरत है। इसके पूर्व चन्द्रशेखर के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्होंने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने कहा कि सबल राष्ट्र की संकल्पना सुयोग्य नागरिकों पर ही निर्भर है और सुयोग्य नागरिक का सृजन शिक्षण संस्थाओं के माध्यम से ही किया जा सकता है।

वक्ताओं में उप प्रधानाचार्य डा. श्रीमती इन्दू त्रिपाठी, छात्र अभिषेक कुमार पाठक, छात्रा तान्या सिंह आदि शामिल रहे। अध्यापिका श्रीमती सीता सिंह, श्रीमती अनिता सिंह तथा श्रीमती कालिन्दी राय ने गीत के माध्यम से चन्द्रशेखर के व्यक्तित्व की सराहना की। गणित के अध्यापक अरुण सिंह ने भी चन्द्रशेखर को भारत का एक लोकप्रिय शासक बताया। कार्यक्रम का संचालन डा. श्रीमती इन्दू त्रिपाठी ने किया।

नगरा प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के बिन्देश्वरी महाविद्यालय मलप हरसेनपुर के प्रांगण में शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर की 83वीं जयंती मनायी गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ चन्द्रशेखर के छाया चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पण के बाद हुआ। तत्पश्चात अपने सम्बोधन में अवकाश प्राप्त प्रवक्ता राममूरत सिंह ने कहा कि चंद्रशेखर जैसे व्यक्तित्व के लोग युग युगान्तर के बाद ही पृथ्वी पर जन्म लेते है। राणा प्रताप सिंह ने चन्द्रशेखर को सम्बन्धों एवं सिद्धान्तों के अनुपालक की श्रेणी का प्रथम नागरिक करार दिया। छात्र नेता जगत नारायण मिश्र ने 17 अप्रैल 1927 में अभिउदित सूर्य को अस्त होने के बाद भी भारतीय राजनीति के क्षितिज का पुरोधा माना। समारोह में सुभाष सिंह, डा. राकेश सिंह, डा. समर बहादुर सिंह, विकेश सिंह, जितेन्द्र शर्मा ने भी हिस्सा लिया। अध्यक्षता श्रवण कुमार सिंह व संचालन जगत नारायण मिश्र ने किया। आभार व्यक्त प्रबंधक डा. राकेश सिंह ने किया।

हनुमानगंज प्रतिनिधि के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री राष्ट्र नायक चन्द्रशेखर के जन्म दिन पर हनुमानगंज चट्टी पर सजपा के वरिष्ठ नेता जय प्रकाश सिंह जेपी ने व्यापारियों को मिठाई खिलाया। इस अवसर पर व्यापार मण्डल हनुमानगंज के अध्यक्ष अमीर चन्द्र चौहान, पूर्व प्रधान ब्रम्हमाईन एकईस नाथ वर्मा, गोरख राजभर, विवेक गुप्ता, आलोक गुप्ता, मिथिलेश गुप्ता, संतोष प्रजापति, जेपी प्रजापति सहित व्यापार मण्डल के दर्जनों पदाधिकारी व व्यापारी तथा जनप्रतिनिधि थे। वहीं वासुदेवपुर में जय प्रकाश सिंह जेपी ने विधवा महिलाओं को साड़ी वितरित किया। इस अवसर पर रामजी सिंह, राकेश सिंह, मुन्ना पासवान, रामदेव सिंह, बलराम सिंह, राजेन्द्र साहनी, कालीचरण सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।

ब-पेस्ट

चन्द्रशेखर को किया नमन

बलिया: पूर्व प्रधानमंत्री स्व.चन्द्रशेखर की जयंती एनसीसी तिराहे पर पेट्रोल पम्प पर आलोक कुमार सिंह झुनझुन सदस्य जिला पंचायत की अध्यक्षता में धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर जन नागरिकों ने चन्द्रशेखर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के पश्चात उनके जीवन की उपलब्धियों को याद किया। इस अवसर पर प्रधान संघ के संरक्षक चन्द्रकेश सिंह, हीरेन्द्र सिंह प्रधान बकवा, हरिमोहन सिंह प्राचार्य, जितेन्द्र सिंह, विनय सिंह, शैलेन्द्र पाठक आदि उपस्थित रहे।

Thursday, April 16, 2009

इलाज के अभाव में गयी एक और जान

बलिया। तपेदिक से पीडि़त कन्हैया इलाज के अभाव में एडि़यां रगड़-रगड़ कर आखिर काल के गाल में समा ही गया। न तो सरकार ने उस पर ध्यान दिया न बेदर्द जमाने ने।

घटना मुरली छपरा विकास खण्ड के धतुरी टोला गांव की है जहां के कन्हैया (48) पुत्र सिराज गोड़ की मौत बुधवार को हो गई। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला भूमिहीन कन्हैया तपेदिक से पीड़ित था और गरीबी के कारण वह अपना इलाज नहीं करा पाता था।

बताते हैं कि उसकी इतनी आमदनी नहीं थी कि अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए अपना इलाज करा सके। बताया जाता है कि वह 'डाट्स' के तहत मुफ्त टीबी की दवा लेने सोनबरसा अस्पताल भी गया था किन्तु 'डाट्स' से सम्बन्धित कर्मचारियों ने बगैर पैसा दवा देने से मना कर दिया था। अन्तत: सदा-सर्वदा के लिए गरीब कन्हैया इस दुनिया से बुधवार को रुखसत हो गया।

मेघा मठ समेत दो गांवों के वोटरों ने किया मतदान का बहिष्कार

बलिया। संसदीय चुनाव के अंतर्गत जनपद के दो गांवों की जनता ने गुरुवार को मतदान कार्य का बहिष्कार किया।

जानकारी के अनुसार बांसडीहरोड थानांतर्गत मेघा मठ गांव के लोग शुरू से ही इस गांव के प्राथमिक विद्यालय पर बूथ बनाने की मांग करते रहे। यहां के कुल 495 मतदाताओं का कहना था कि मानक की शर्ते पूरी करने के बाद भी उनके गांव के लोगों को रोहुआ में बने बूथ पर मतदान करने को विवश होना पड़ता है जबकि मेघामठ से रोहुआ की दूरी अधिक है लेकिन प्रशासन द्वारा उनकी मांगों को गम्भीरता से नहीं लिया गया जिससे उन्होंने मतदान का बहिष्कार कर दिया।

बिल्थरारोड प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र के सीउरी प्रेमरजा गांव में मतदान केन्द्र बदले जाने से नाराज वोटरों ने चुनाव बहिष्कार कर दिया।

बताते है कि इस क्षेत्र का मतदान केन्द्र हर बार सीउरी टोला में लगता था किंतु इस बार यह आधिकारिक गड़बड़ी के कारण प्रेमरजा टोला में बनाया गया। इस गड़बड़ी का भान होते ही अधिकारियों ने तत्काल इसे पहले वाले स्थान पर ही स्थानांतरित करा दिया जिससे नाराज करीब साढ़े छ सौ मतदाताओं ने वोट ही नहीं डाला। उक्त गांव के मतदाताओं द्वारा चुनाव बहिष्कार की पुष्टि करते हुए एसडीएम कैलाशनाथ वर्मा ने बताया कि इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को भी दे दी गयी है।

Wednesday, April 15, 2009

बूथ लूटने वालों को गोली मारने के आदेश

बलिया। लोकसभा सामान्य निर्वाचन 09 को पुलिस प्रशासन ने सकुशल सम्पन्न कराने की तैयारी पूरी कर ली है। बूथ लुटेरों एवं लूटने वालों को तत्काल गोली मारने का निर्देश दे दिया गया है। बूथ पर किसी तरह की गड़बड़ी न हो इस निर्देश के साथ जवानों ने बूथों की कमान सम्भाल लिया है।

चुनाव शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह से कटिबद्ध है। इसकी जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक लाल जी शुक्ल ने बताया कि पुलिस प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सीपीएफ के जवानों को मोबाइल टीम के साथ ही अति संवेदनशील व नक्सल क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गयी है। बूथ के दो सौ मीटर की दूरी पर मतदाता के अलावा कोई नहीं रहेगा।

मतदान को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए बिहार की सीमा से सटे बूथों पर विशेष चौकसी बरती गयी है। इसके लिए 8 अंतरराज्यीय बैरियर बनाये गये हैं। इसके अलावा 100 कलस्टर प्वाइंट भी बनाये गए हैं। यहां तैनात जवान किसी तरह की सूचना पर तत्काल पहुंचने में दक्ष हैं। ये पूरी तरह से अत्याधुनिक असलहों से लैंस रहेगे। 1387 मतदान केंद्रों के लिए पूरे जनपद को 25 जोन में बांटा गया है।

श्री शुक्ला ने बताया कि हर बूथ पर सशस्त्र जवान हैं। इनके ही कंधों पर शांतिपूर्ण चुनाव कराने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। थानाध्यक्ष, क्षेत्राधिकारी की अलग से मोबाइल टीमें होंगी। जो पल-पल की जानकारी देंगी। नदी उस पार के बूथों पर विशेष व्यवस्था की गयी है। कहा कि किसी भी दशा में मतदान शांतिपूर्ण कराने के लिए पुलिस के जवान बूथों की कमान सम्भाल लिए हैं।

ईवीएम में आज बंद हो जायेंगे उम्मीदवारों के भाग्य

बलिया। लोक सभा सामान्य निर्वाचन 09 के प्रथम चरण के गुरुवार को होने वाले मतदान के साथ ही इस चुनावी महासमर में भाग्य आजमा रहे 16 उम्मीदवारों के तकदीर के फैसले ईवीएम में बंद हो जायेंगे। दिलचस्प बात यह कि इस संसदीय सीट पर कुल सोलह प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं और मतदाता भी कुल सोलह लाख हैं। देखना यह है कि जब 16 मई को मतगणना होगी तो सोलह के आंकडे़ में चारों तरफ से घिरी बलिया सीट से कौन प्रत्याशी दिल्ली पहुंचेगा। नये परिसीमन के बाद बदले भूगोल में बलिया और गाजीपुर जनपद की पांच विधान सभाओं का यह क्षेत्र बैरिया विधान सभा के मांझी से शुरू होकर मुहम्मदाबाद विधान सभा के हसनपुरा तक फैला है। इतने बड़े क्षेत्र के 16833118 मतदाता अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करेगे। बैरिया विधान सभा में कुल 339095 मतदाता हैं जिसमें पुरुषों की 191140 तथा महिलाओं की संख्या 146868 है। यहां सर्वाधिक सर्विस मतदाता हैं जिनकी संख्या 1087 है। इनमें 702 पुरुष तथा 385 महिलाएं हैं। इस तरह कुल 191842 पुरुष तथा 147253 महिलाएं इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेगे। विधान सभा क्षेत्र बलिया नगर में कुल 357329 वोटर हैं जिसमें 201694 पुरुष मतदाता और 155635 महिला मतदाता हैं। यहां सर्विस वोटरों की संख्या 954 है। बलिया जिला मुख्यालय इसी विधान सभा के अंतर्गत है। इसलिए इस विधान सभा में जागरूक मतदाता ज्यादा हैं। बात करें विधान सभा फेफना की तो यहां सबसे कम वोटर 310081 हैं जिसमें 616 पुरुष सर्विस मतदाताओं को मिलाकर कुल 168124 पुरुष तथा 322 महिला सर्विस वोटर मिलाकर 141957 महिलाओं के पास मत देने का अधिकार है। इस तरह बलिया जनपद में तीन विधान सभा मिलाकर कुल 1006505 मतदाता हैं जिसमें पुरुष 561660 तथा महिला 444845 हैं। गाजीपुर के जहूराबाद विधान सभा में 324993 मतदाता पहलीबार बलिया संसदीय सीट पर अपना योगदान देंगे। जिसमें पुरुष 173414 तथा महिला 151579 हैं इसके अलावा सर्विस मतदाता 408 पुरुष व 194 महिला मिलाकर 602 भी शामिल हैं। विधान सभा मुहम्मदाबाद के 347262 मतदाता भी बलिया लोक सभा सीट पर पहली बार वोट करेगे जिसमें पुरुष 652 सर्विस मतदाता मिलाकर 187594 तथा महिला 325 सर्विस मतदाता मिलकर कुल 151668 हैं।

पांचो विधान सभा के कुल मतदाताओं को मिलाकर सोलह प्रत्याशियों में से किसी एक को दिल्ली की पंचायत में भेजना है जिसका फैसला 16 मई की मतगणना के बाद ही होगा। गुणा-गणित, शाह-मात के इस राजनीतिक खेल में बादशाहत किसे मिलेगी यह अभी भविष्य के गर्भ में है।

Tuesday, April 14, 2009

प्रशासनिक तैयारियां पूरी, आज बंद होगा प्रचार

बलिया। जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी पंकज कुमार ने कहा कि लोकसभा 09 के होने वाले चुनाव के लिए प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गयी हैं। 16 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए 14 की शाम को प्रचार थम जायेगा। वहीं जनपद की सभी सीमाएं भी सील कर दी जायेंगी। मतदान में बाधक बनने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा।

श्री कुमार ने सोमवार की शाम को विकास भवन की सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान यह जानकारी दी। कहा कि लोकतंत्र व्यवस्था के लिए हो रहे इस चुनाव में आयोग के निर्देशों का अक्षरश: पालन किया जायेगा। आयोग ने मतदाताओं के लिए 13 मानक तय किया है। इस बार के चुनाव में राशन कार्ड को पहचान पत्र से आयोग ने बाहर रखा है। 14 अप्रैल की शाम से प्रचार थम जायेगा। बिहार एवं अन्य जनपद की सीमाएं सील होंगी। समय सीमा के बाद प्रचार वाहन कहीं नजर नहीं आने चाहिए। 15 को पार्टियां बूथों पर रवाना होंगी। बिना मार्क पोल के किसी भी परिस्थिति में चुनाव शुरू नहीं होगा। एजेंटों के सामने मार्क पोल की जायेगी। पूरे चुनाव के दौरान कई मोबाइल टीमें चक्रमण करती रहेगी। जो किसी भी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहेगी। श्री कुमार ने कहा कि अतिसंवेदनशील व संवेदनशील बूथों पर तगड़ी फोर्स की व्यवस्था की गयी है। 175 सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा 25 जोनल मजिस्ट्रेट तैनात रहेंगे। बूथ के 200 मीटर रेज में कोई टेट, बैनर पोस्टर किसी दल का नहीं लगेगा। नदी उस पार के बूथों पर माइक्रो आबर्जवर तैनात होंगे। मतदाताओं को धमकाने व रोकने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। इस मौके पर प्रेक्षक गंगा राम बदोरिया तथा पुलिस अधीक्षक लालजी शुक्ला भी मौजूद रहे।

Monday, April 13, 2009

सत्कर्म व ज्ञान से ही संभव है इंसान की मुक्ति: संत रामअवध

बलिया। ज्ञान से व्यक्ति के कर्म का निर्माण होता है और उसका कर्म ही खोलता है उसके मुक्ति का मार्ग और यह संभव है सदगुरु के शरण में जाने पर ही। उक्त बातें क्षेत्र के भीमपुरा जूनियर हाई स्कूल के प्रांगण में सोमवार को आयोजित निरंकारी संत समागम सत्संग कार्यक्रम के दौरान संत रामअवध मौर्या ने कही। साथ ही उन्होंने सदगुरु को साकार ब्रह्म करार देते हुए कहा कि जो भी इन्हें सच्चे मन से याद करता है, उसे इनका सानिध्य अवश्य मिलता है। साथ ही सर्व मनोकामना प्राप्ति व उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। कहा कि सांसारिक जीवन जीने वाले भी सच्चे हृदय से इन्हें याद कर हर जगह इन्हें पा सकते हैं। उक्त अवसर पर उपस्थित बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु नर-नारियों ने सत्संग का रसास्वादन किया। इस दौरान विशाल भंडारा का भी आयोजन किया गया था। इसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेन्द्र प्रसाद, संतोष कुमार, प्रमोद वर्मा, जंग बहादुर, जयप्रकाश, बेचू प्रसाद, रामवतार व श्याम बिहारी आदि का सराहनीय योगदान रहा।

बच्चों की अन्तर्निहित शक्तियों का विकास शिक्षा का मूल उद्देश्य

बलिया। बच्चों की अन्तर्निहित शक्तियों का विकास ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होता है। शिक्षा एक ऐसी अमूल्य धरोहर है जिसके बिना समाज पशुवत बन कर रह जाता है। इसलिए हमें अपने बच्चों को सुसंस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करना चाहिए।

स्थानीय आरपी मिशन कान्वेन्ट स्कूल के संस्थापक एवं शिक्षाविद् स्व. रामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव की 83वीं जयन्ती पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि गोविन्द नारायण सिंह ने उक्त उद्गार व्यक्त किया। उन्होंने स्व.रामेश्वर प्रसाद के शिक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में किये गये कार्यो का स्मरण करते हुए उनके आदर्शो पर चलकर स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों द्वारा विद्यालय परिसर में स्थापित स्व. श्रीवास्तव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हे याद किया गया।

इस मौके पर आरपी मिशन कान्वेन्ट स्कूल तथा रामेश्वर प्रसाद बालिका उमा विद्यालय के बच्चों ने संयुक्त रूप से विभिन्न मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

जयन्ती के अवसर पर मुख्य अतिथि सिंह द्वारा एक से 7वीं कक्षा तक प्रथम स्थान अर्जित करने वाले राणा प्रताप सिंह पुत्र त्रिलोकी नाथ सिंह को संस्था के बिर्लिएन्ट स्कालर एवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं सूरज प्रकाश, आकाश यादव, अंकिता गुप्ता, ऋषभ, जयश्री, प्रियंका, सुमित सिंह, अमृतेश, श्वेता, शशांक शेखर को भी अपनी कक्षाओं में प्रथम रहने पर उक्त एवार्ड से नवाजा गया। अन्त मे विद्यालय के प्रबंधक नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

Sunday, April 12, 2009

प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी देख गए बलिया

बलिया। प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) मंजीत सिंह एवं डीजीपी विक्रम सिंह ने रविवार को यहां चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। हेलीकाप्टर से शाम को पहुंचे दोनों अधिकारियों ने पीडब्लूडी डांक बंगले में जिला निर्वाचन अधिकारी पंकज कुमार एवं पुलिस अधीक्षक लालजी शुक्ला के साथ बिहार से सटे इस जनपद में चुनावी तैयारी की समीक्षा की। समीक्षा से संतुष्ट दिखे उच्चाधिकारियों ने 16 अप्रैल को होने वाले मतदान के पूर्व आमजन में सुरक्षा की भावना पैदा करने का निर्देश दिया। साथ ही नदी तटीय एवं बिहार से सटे बूथों पर तगड़ी सुरक्षा का इंतजाम करने की सलाह दी। इन उच्चाधिकारियों का हेलीकाप्टर पुलिस लाइन के मैदान में उतरा था। लगभग एक घण्टे तक रहे इन अधिकारियों को प्रशासन ने मतदान व्यवस्था व सुरक्षा से जुड़े पहलुओं के बारे में व्यापक जानकारी दी

Friday, April 10, 2009

अवाम को पार्क नहीं, चाहिये रोजी-रोजगार : अखिलेश

बैरिया (बलिया)। समाजवादी पार्टी युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी सांसद अखिलेश सिंह यादव ने कहा है कि सूबे में जनता की गाढ़ी कमाई से बनवाये जा रहे पार्क उत्तर प्रदेश की तस्वीर नहीं बदल सकते। इसके लिए अवाम को रोजी-रोजगार से सीधे तौर पर जोड़ना होगा।

श्री यादव ने यह बातें शुक्रवार को बैरिया बस स्टैण्ड के मैदान में बलिया संसदीय क्षेत्र से सपा प्रत्याशी नीरज शेखर के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए कहीं। युवा सांसद ने कहा कि सपा की सरकार ने गरीबों के हित में जिन कल्याणकारी योजनाओं को अस्तित्व में लाया था उसे बंद कर मौजूदा सरकार क्या संदेश देना चाहती है यह तो वहीं जाने लेकिन इतना जरूर है कि इनका क्रियान्वयन न होने से उनकी परेशानी जरूर बढ़ गयी है जिनके घरों में दोनों वक्त चूल्हे बमुश्किल ही जलते थे। कहा बेरोजगारी भत्ता व कन्या विद्या धन को प्रचलन में लाकर सपा सरकार ने बेरोजगारों व बालिकाओं के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया था लेकिन इसे भी बंद कर दिया गया जो कहीं से भी न्याय संगत नहीं है। पुलिस भर्ती प्रकरण को उठाते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री ने सिपाहियों को इसलिए बर्खास्त कर दिया क्योंकि उसमें सबसे अधिक यादव थे। युवा नेता ने आगे कहा कि मायावती प्रदेश की पहली ऐसी नेत्री हैं जो जीवित होते हुए अपनी मूर्ति लगवाई हैं। यह मूर्ति जन सामान्य को क्या प्रेरणा देगी इसे सहज महसूस किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जन्म दिन पर चंदा वसूलने वाले व जाति के नाम पर भाईचारा कमेटी बनाकर समाज को बांटने का कार्य करने वाले आम जनता का दर्द नहीं समझ सकते। उन्होंने नीरज शेखर की जनता के प्रति सेवा समर्पण की भावना की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें अपना अच्छा मित्र बताया। साथ ही उनके साथ मिलकर कार्य करने की इच्छा जतायी।

सपा प्रत्याशी नीरज शेखर ने बलिया की जनता की सेवा व जनपद के विकास की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि मैं सांसद रहूं या न रहूं बलिया व यहां के जनता-जनार्दन को छोड़ने वाला नहीं हूं। जनता से कहा आप हमें आशीर्वाद दीजिए, मैं वादा करता हूं कि चंद्रशेखर के इस बलिया का मान सम्मान गिरने नहीं दूंगा।

सभा को पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी के अलावा जमानिया के पूर्व विधायक चौधरी लालता प्रसाद निषाद, नृपेन्द्र मिश्र बागी, कैलाश चौधरी, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मण गुप्त, विजय कुमार मिश्र, सुशील कुमार पांडेय (कान्हजी), राजमंगल यादव, नंदजी यादव, शैलेश चौधरी, शशिकांत चतुर्वेदी, धर्मानन्द तिवारी, डा. विश्राम यादव, सुमेर सिंह, नागेन्द्र सिंह, राजनारायण सिंह आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता राज प्रताप यादव व संचालन विनायक मौर्य ने किया।

ब-

मैनेजर सिंह को किया नमन, पैदल ही बढ़ गये सभास्थल की ओर

बैरिया (बलिया): समाजवादी पार्टी युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रभारी अखिलेश सिंह यादव ने मैनेजर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। बैरिया के द्वाबा राष्ट्रीय इंटर कालेज के मैदान में हेलीकाप्टर से उतर कर सभा स्थल पर जाते हुए बैरिया त्रिमुहानी पर अपनी गाड़ी रोकवा कर उतरे युवा सांसद श्री यादव ने पार्टी प्रत्याशी नीरज शेखर के साथ मैनेजर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और पैदल ही सभा स्थल की ओर चल दिए। मंच पर रोशन गुप्त, निर्भय सिंह गहलौत, वीरेन्द्र निषाद, पप्पू मौर्य, राजेश वर्मा, अरविंद सिंह सेंगर, लालू यादव, शैलेश सिंह, श्रीमती सरिता पांडेय, श्रीमती शैल कुमारी व अंजली वर्मा सहित दर्जनों लोगों ने फूल माला से उनका स्वागत किया।

जिन्न की तरह गायब हुआ खूनी तेंदुआ

उधरन (बलिया)। पिछले 24 घण्टों से क्षेत्र में दहशत का पर्याय बना खूनी तेंदुआ किसी जिन्न की मानिंद गुरुवार की रात को भाग निकलने में सफल हो गया और अधिकारी हाथ मलते रह गये। हालाकि तेंदुआ के चले जाने को लेकर ग्रामीणों में अभी संशय बनी हुई है। क्षेत्र में दहशत व भय का माहौल व्याप्त है। वहीं पिछले 20 घण्टों से मौके पर सर खपाने वाले अधिकारियों को पिंजारा आदि लगाने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिल सकी है। शुक्रवार की सुबह अधिकारियों ने चारों तरफ से घिरे खेत में पूरी तैयारी के साथ कांबिंग की लेकिन उन्हे कोई सफलता नहीं मिली। उनके अनुसार रात में अंधेरे का लाभ उठाकर खूंखार तेंदुआ निकल भागा है। सुबह खेत में तेंदुआ के छिपे रहने की आशंका वाले स्थान से करीब बीस फीट दक्षिण दिशा की तरफ से बाहर निकलने के चिन्ह मिले हैं। इसके बाद विभाग द्वारा मौके से पिंजरा आदि हटा लिये जाने से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। साथ ही वन विभाग की नाकामी के कारण नाराज ग्रामीणों ने अधिकारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। हालांकि वन अधिकारियों ने अभी इसका खतरा होने से इंकार नहीं किया है। यही कारण है कि गांव में अधिकारियों ने सावधानी बरतने हेतु पर्चा वितरित कराया है। मौके पर पहुंचे आजमगढ़ वन संरक्षक एसके शर्मा व डीएफओ गणेश एस भट्ट ने बताया कि तेंदुआ के आसपास में होने की आशंका को देखते हुए पिंजड़े को पास के गजियापुर स्थित विभागीय कार्यालय पर ही रखा गया है। लोगों ने तेंदुआ के भाग जाने के लिये बिना ठोस योजना व संसाधन के ही की गयी विभागीय कार्यशैली को जिम्मेवार ठहराते हुए उन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया वहीं अधिकारियों ने ग्रामीणों पर ही भरपूर सहयोग न करने का आरोप लगाया है।

Wednesday, April 8, 2009

विभिन्न महाविद्यालय के प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तारीखें घोषित

उधरन (बलिया)। क्षेत्र के विभिन्न महाविद्यालय प्रशासन द्वारा स्नातक के प्रथम, द्वितीय व तृतीय सत्र के प्रयोगात्मक परीक्षा की तारीखें घोषित कर दी गयी हैं। स्थानीय गौरा पतोई स्थित तिलेश्वरी देवी महाविद्यालय के गृहविज्ञान विषय के प्रथम, द्वितीय व तृतीय सत्र की प्रयोगात्मक परीक्षा 19 अप्रैल को सुबह 10 बजे से होगी। इसकी जानकारी कालेज प्राचार्य वेदप्रकाश वर्मा ने दी। स्थानीय सेमरी गांव स्थित विवेकानंद महाविद्यालय के प्राचार्य टीएन मिश्रा ने बताया कि गृह विज्ञान विषय के प्रथम, द्वितीय व तृतीय सत्र के प्रयोगात्मक परीक्षा 19 अप्रैल एवं शिक्षा शास्त्र के तीनों सत्र की प्रयोगात्मक परीक्षा 26 अप्रैल को दस बजे से होगी। भीमपुरा नं. एक स्थित रामकरण पीजी कालेज के प्राक्टर डा. अखिलेश सिंह ने बताया कि गृहविज्ञान विषय के स्नातक के तीनों सत्र की प्रयोगात्मक परीक्षा 2 मई, शिक्षा शास्त्र के प्रथम व द्वितीय सत्र की 5 मई एवं भूगोल के तीनों सत्र की 7 मई को प्रयोगात्मक परीक्षा होगी।

इसके अलावा कुबेर महाविद्यालय हसनपुर जजौली नं. दो के प्राचार्य अश्वीनी पाण्डेय ने बताया कि गृहविज्ञान विषय के स्नातक के तीनों सत्र की प्रयोगात्मक परीक्षा 9 व 10 अप्रैल को व भूगोल के तीनों सत्र की प्रयोगात्मक परीक्षा 11 व 12 अप्रैल को होगी। जबकि महाराजा सुहेलदेव महिला महाविद्यालय गजियापुर सेमरी के प्राचार्य डा. रामाकांत पाण्डेय ने बताया कि स्नातक शिक्षा शास्त्र के तीनों सत्र की 26 अप्रैल एवं गृह विज्ञान विषय के स्नातक के तीनों सत्र की प्रयोगात्मक परीक्षा 27 अप्रैल को होना तय है।

दलित वर्ग से सीधे सम्पर्क में रहेगे डीजीपी

बैरिया (बलिया)। आसन्न लोकसभा चुनाव में दलित व कमजोर वर्ग निर्भीक होकर मतदान करें, इसके लिए पूरी तैयारी निर्वाचन आयोग ने कर ली है।

उक्त जानकारी देते हुए निर्वाचन विभाग के सम्बन्धित सूत्रों का कहना है कि बैरिया थाना क्षेत्र में कुल 27 व दोकटी में 17 गांव अति संवेदनशील हैं, जहां के दलित व कमजोर वर्ग के लोगों का मोबाइल फोन नम्बर सम्बन्धित थाना के माध्यम से डीजीपी तक पहुंचा दिया गया है। मतदान होने तक प्रदेश के शीर्ष अधिकारी दलित वर्ग के लोगों से सीधे सम्पर्क में रहेगे। फोन पर जानकारी प्राप्त करते रहेगे।

अखिलेश सिंह यादव व संजय दत्त कल बैरिया में

बैरिया (बलिया)। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के पुत्र सांसद अखिलेश सिंह यादव व सपा के राष्ट्रीय महासचिव फिल्म अभिनेता संजय दत्त शुक्रवार को बैरिया में एक जनसभा को सम्बोधित करेगे।

उक्त जानकारी देते हुए सपा के मीडिया प्रभारी शैलेश सिंह ने बताया कि इसके लिए उप निर्वाचन अधिकारी बैरिया की अनुमति ले ली गई है।

Tuesday, April 7, 2009

मंगल पाण्डेय की शहादत दिवस पर विविध कार्यक्रम

बलिया। 1857 की क्रांति के अग्रदूत शहीद मंगल पाण्डेय के बलिदान दिवस पर 8 अप्रैल को जनपद में अलग-अलग स्थानों पर विविध कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक पार्क कदम चौराहा बलिया से सुबह 7 बजे प्रभात फेरी निकाली जायेगी तथा सुबह 8 बजे झण्डोत्तोलन, गार्ड आफ आनर के बाद शाम 4 बजे श्रद्धांजलि सभा एवं रात 9 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम स्मारक पार्क में होगा।

इसी क्रम में शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक सोसाइटी नगवां के तत्वावधान में उनकी जन्मस्थली नगवां के स्मारक पर पूर्वाह्न 11 बजे से शहादत दिवस समारोह तथा विश्व में बढ़ते आतंकवाद एवं राजनीतिक दलों की भूमिका विषयक संगोष्ठी आयोजित की गयी है जबकि शहीद मंगल पाण्डेय सेवा समिति हल्दी द्वारा हल्दी में शाम 5 बजे से श्रद्धांजलि सभा एवं रात 8 बजे सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

Monday, April 6, 2009

अग्रिम टिकट बुकिंग की सुविधा

बैरिया (बलिया)। पूर्वोत्तर रेलवे के सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर मात्र एक टिकट खिड़की होने के कारण प्राय: भारी मात्रा में यात्रियों को टिकट के अभाव में घंटों कतार में खड़े रहने के बाद भी यात्रा स्थगित करनी पड़ रही है। हालांकि स्टेशन अधीक्षक का कहना है कि दूसरी खिड़की खोलने के लिए रेलवे को दिये गये प्रतिवेदन के बाद विभाग ने अग्रिम टिकट बुकिंग की सुविधा दे दी है। जिसकी सूचना अनेक बार प्रसारित की जा चुकी है किन्तु क्षेत्रीय यात्री गण इस पर ध्यान नहीं दे रहे है तथा यात्रा शुरू करने के मात्र एक या दो घंटे पहले ही टिकट लेना चाहते है। जिससे उनकी परेशानी बढ़ना स्वाभाविक है।

बैरिया में फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ी उपलब्ध करायी जाय : विधायक

बैरिया (बलिया)। द्वाबा विधायक सुभाष यादव ने प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार से बैरिया थाने पर फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ी व दोकटी थाने पर छोटी गाड़ी उपलब्ध कराने की मांग की है।

विधायक ने प्रमुख सचिव को बताया है कि द्वाबा में लगातार हो रही अगलगी घटनाओं से यहां के किसानों को भारी क्षति हो रही है। ऐसे में मात्र एक छोटी गाड़ी फायर ब्रिगेड द्वारा बैरिया थाने पर उपलब्ध कराई गई है और यही गाड़ी हल्दी, रेवती, बैरिया व दोकटी थाना क्षेत्रों के गांवों में आग लगने पर बुझाने के लिए बुलायी जाती है और गाड़ी पहुंचते-पहुंचते आग काफी नुकसान पहुंचा देती है।

विधायक ने स्पष्ट किया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण मुख्यमंत्री स्तर से इस दिशा में कोई कार्रवाई सम्भव नहीं है किन्तु चुनाव के चलते द्वाबा की जनता का नुकसान मेरे लिए असहनीय घटना है। ऐसे में प्रमुख सचिव बैरिया में फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ी उपलब्ध कराने में सक्षम हैं।

Friday, April 3, 2009

शक्तिपीठों पर उमड़ी भीड़, राम के जन्मोत्सव की गूंज

बलिया। अगाध आस्था और सम्पूर्ण भक्ति के त्योहार रामनवमी पर जहां देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्म दिन पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। जनपद के सिद्ध शक्तिपीठों, ब्रहमाइन, शंकरपुर, उचेड़ा, उजियार, गायघाट, खरीद, कपूरी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने चुनरी चढ़ा नारियल फोड़ मां की अभ्यर्थना की और सुख, सम्पत्ति, समृद्धि, सन्तति का आशीर्वाद मांगा। भगवान राम का जन्म दिन भी धूमधाम से मनाया गया। घरों में स्थापित कलश पूजन हवन के साथ पूर्णाहुति हुई। कन्या पूजन के क्रम में कुंवारी कन्याओें की पूजा कर भोजन करा उन्हे द्रव्य दक्षिणा भी समर्पित किया गया।

हनुमागंज प्रतिनिधि के अनुसार बासंतिक नवरात्र के अन्तिम दिन मां के दर्शन के शुभ दिन शुक्रवार होने के नाते जनपद के प्रतिष्ठित दुर्गा मंदिर मां बाह्मणी देवी ब्रम्हाईन में भारी भीड़ के बीच भक्तों ने मत्था टेका और अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रथम आरती चार बजे भोर से ही मां के दर्शन के लिए भीड़ जुटनी शुरू हो गयी। एक समय तो गर्भ से 200 मीटर लम्बी लाइन लग गई। हनुमानगंज चौकी इंचार्ज दीनानाथ यादव पूरे दल बल के साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं पूर्ण व्यवस्था में लगे रहे। हनुमानगंज व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अमीर चन्द्र गुप्ता ने बताया कि नवरात्रि मेले में आये भक्तजनों के लिए हरेन्द्र यादव उर्फ बबुआ जी एवं व्यापार मण्डल के संयुक्त प्रयास से नीबू पानी एवं शरबत की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। भक्तों का रेला छोड़हर स्थित राम जानकी मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता मां, दुर्गा, भगवान शंकर, मां पार्वती ही आदमकद प्रतिमा का दर्शन पूजन किया। दिन के ठीक 12 बजे भगवान श्रीराम का भव्य ढंग से हजारों भक्तों की उपस्थिति में सांस्कृतिक गीतों के बीच जन्मोत्सव मनाया गया तथा उपस्थित भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया।

रेवती प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय नगर तथा क्षेत्र के दियरांचलों में रामनवमी का पर्व हर्षोल्लास श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पचरूखा , सोभनथहीं तथा नगर से सटे भटवलिया में मां काली के स्थान पर सुबह से देर रात तक हजारों भक्तों ने मां का दर्शन पूजन किया। पचरूखा (गायघाट) स्थित पचरूखा देवी के मंदिर में रामनवमी के अवसर पर एक दिवसीय चैता मेला लगा। जहां भक्तों ने देर रात तक मां पचरूखा का दर्शन पूजन किया।

Thursday, April 2, 2009

आग ने फिर मचायी तबाही, धर्मापुर की राजभर बस्ती राख

बलिया। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में बीते 24 घण्टे के दौरान आग ने जमकर तबाही मचायी।

चितबड़ागांव प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय थाना अन्तर्गत धर्मापुर गांव की राजभर बस्ती में अचानक लगी आग से दो दर्जन से अधिक परिवार बेघर हो गये। अगलगी में एक गाय, एक बकरी भी जलकर मर गयी। चितबड़ागांव से लगभग चार किमी पश्चिम स्थित धर्मापुर ग्राम पंचायत की राजभर बस्ती में दिन में लगभग 2 बजे गांव के पश्चिम छोर पर स्थित झोपड़ी में अचानक आग लग गई। देखते-देखते आग की लपटे कच्चे मकानों, रिहायशी झोपड़ियां एवं अन्य सामानों को लीलने लगी। पछुआ हवा ने आग में घी का काम किया। राजभर बस्ती के तपेसर पुत्र हरिद्वार, संजय, वीरेन्द्र, मोती, मुन्ना राजभर, बुधिया चन्द्रदेव, जनार्दन, सुखरनियां विधवा राजबली, योगेन्द्र, बबलू, टुनटुन, इन्द्रदेव, कीनू, शिववचन, रामसेवक, रवींद्र, रमेश, रामपति, धर्मदेव तथा रामदेव का सब कुछ स्वाहा हो गया। तपेसर जीराखन की भैंस एवं पड़ियां झुलस गयी। सब कुछ स्वाहा होने के बाद अगिन् शमन की गाड़ी पहुंची। मौके पर थानाध्यक्ष अपने हमराहियों के साथ डटे रहे। सूचना पाकर बसपा प्रत्याशी संग्राम यादव, सपा के चितरंजन सिंह सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के लोग सहानुभूति प्रकट करने पहुंचे।

पकवाइनार प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से सटे मुख्य राजधानी मार्ग के किनारे एक ढाबे में बुधवार की रात आग लगने से हजारों रुपये का सामान जलकर खाक हो गया।

बताते है कि ढाबा मालिक भोला सिंह, छोला सिंह रात में ढाबा बन्द कर सो रहे थे कि इसी बीच ढाबे में किसी प्रकार से आग लग गयी। ढाबा मालिकों एवं ग्रामीणों ने कीमती सामानों को निकालने का काफी प्रयास किया इसके बावजूद उसमें रखे हजारों रुपये का सामान जलकर राख हो गया।

इन्दपुर प्रतिनिधि के अनुसार बलेसरा गांव में सत्यदेव सिंह के खेत में आग लगने से सैकड़ों बोझ गेहूं की खड़ी फसल जल कर राख हो गयी। जब तक फायर बिग्रेड वहां पहुंचता तब तक ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था।

सुखपुरा प्रतिनिधि के अनुसार आसन गांव में गुरुवार की शाम को विद्युत शार्ट सर्किट से एक पक्के मकान में आग लग गयी जिससे उसमें रखा लाखों का सामान जलकर राख हो गया। ग्रामीणों ने किसी तरह से आग को शांत किया। बताते हैं कि शाम को जैसे ही बिजली आयी जनेश्वर सिंह के मकान के तार से आग की लपटें निकलने लगीं। जब तक लोग आग से अपने को बचाते चिंगारी ने बिकराल रूप धारण कर लिया। ग्रामीणों ने किसी तरह से पोल से मकान के अंदर गए तार को तोड़ा। इसके बाद आग को काबू में करने के लिए जुट गए। आग ने लाखों की सम्पत्ति को खाक में मिला डाला।

बांसडीह प्रतिनिधि के अनुसार सारंगपुर में बुधवार की शाम आग लगने से दो दर्जन परिवारों का आशियाना खाक हो गया। सूचना के उपरांत डेढ़ घण्टे बाद फायर बिग्रेड की गाड़ी आने से पीड़ित परिवारों में आक्रोश देखा गया। मौके पर पहुंचे क्षेत्र पंचायत प्रमुख उमाशंकर पाठक व उनके सहयोगियों सहित प्रधान दिनेश प्रसाद एवं ग्रामीण आग बुझाने में जुटे रहे। बुधवार की शाम सात बजे सारंगपुर में अचानक आग लग गयी। कटाई का समय होने के कारण अधिकांश लोग खेत की तरफ थे। सबसे पहले विनय के घर की तरफ से आग की चिंगारी निकली और देखते ही देखते पूरी बस्ती को अपनी आगोश में ले लिया। इस आग में अमरावती, चन्द्रावती, सुनील, रजमतीया, समीरती, सुशीला, राजेश, जिरिया, शिवजी, रमाकांत, अशोक, सीताराम सहित दो दर्जन परिवारों का आशियाना राख हो गया।

Wednesday, April 1, 2009

भगवती ने सुरथ को दिया था अभयदान

बलिया। जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर उत्तर दिशा में अवस्थित ग्राम शंकरपुर में विद्यमान मां भगवती का मंदिर श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है। भगवान शंकर की शांकरी कही जाने वाली भगवती ने राजा सुरथ को अभयदान देकर उनके खोये राज्य व प्रभुत्व को वापस किया था। मां की महिमा से सिंहासन पाये राजा सुरथ ने भव्य मंदिर का निर्माण कराया। शारदीय व चैती नवरात्र में मां के मंदिर में श्रद्धालुओं का रेला लगता है। श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मां भगवती की आराधना करने वाले भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है। यह जनपद का सिद्धपीठ भी है। मां भगवती का वर्णन दुर्गा सप्तशती के कवच प्रकरण में कर्णमूले तू शांकरी नाम से आया है। अर्थात शंकरपुर के समीप होने से शांकरी नाम स्थान विशेष से दिया गया है।

शास्त्रीय आधार पर जहां तक इस मंदिर की स्थापना का प्रश्रन् है तो मार्कण्डेय पुराण के आधार पर यह राजा सुरथ के द्वारा स्थापित किया हुआ सिद्ध होता है।

पूर्वकाल में सुरथ नाम के राजा थे जो चैत्र वंश में उत्पन्न हुए थे। उनका समस्त भू मण्डल पर अधिकार था। उस समय उनका शत्रुओं के साथ संग्राम हुआ। युद्ध में उनसे परास्त सुरथ का प्रभाव नष्ट हो चुका था। इसलिए वे शिकार खेलने के बहाने घोड़े पर सवार होकर वहां से घने जंगल में चले गए। एक दिन उन्होंने वहां विप्रवर मेधा ऋषि के आश्रम के निकट एक वैश्य को देखा और उससे पूछा भाई तुम कौन हो? यहां तुम्हारे आने का क्या कारण है? इस पर वैश्य ने उन्हे प्रणाम करके बड़े विनीत भाव से कहा हे राजन मैं धनियों के कुल में पैदा हुआ एक वैश्य हूं पर मेरे धन के लालच में मेरी पत्‍‌नी और पुत्रों ने मुझे घर से निकाल दिया है। इसके बाद राजाओं में श्रेष्ठ सुरथ और वह समाधि नामक वैश्य मेधा मुनि के कहने पर मां जगदम्बा के दर्शन के लिए नदी के तट पर रहकर तपस्या करने लगे। इस पर प्रसन्न होकर चण्डिका देवी ने प्रत्यक्ष दर्शन देकर दोनों को मनोवांछित वर दिया। देवी का वरदान पाकर राजा सुरथ अपने राज्य को प्राप्त करने की इच्छा से वहां से चल दिए और वहां जाकर देवी की कृपा से अपना पराक्रम दिखाकर वह पुन: अपना राज्य प्राप्त कर लिया। परंतु राज्य प्राप्ति के पश्चात वह मेधा ऋषि के आश्रम को और उस नदी तट को भूले नहीं थे अत: वह बहुत धन लेकर पुन: आश्रम पर पहुंचे। ऋषि आश्रम के निकट एक बहुत बड़ा ताल था जिससे एक नदी निकलती थी। कहा जाता है कि राजा सुरथ उसी क्रम में उस ताल के निकट भी कुछ काल तक रहे जो उन्हीं के नाम से सुरहाताल से प्रसिद्ध है। बाद में उन्होंने सुरहाताल के चारों तरफ कुल पांच मंदिरों की स्थापना की जिनमें शंकरपुर का भवानी मंदिर, ब्रह्माइन देवी का मंदिर, असेगा का शोकहरणनाथ मंदिर, अवनीनाथ मंदिर तथा बालखण्डीनाथ का मंदिर शामिल है। राजा सुरथ का यह प्राचीन मंदिर द्वापर युग से अभी तक अपनी पहचान बनाये हुए है।