Monday, April 13, 2009

बच्चों की अन्तर्निहित शक्तियों का विकास शिक्षा का मूल उद्देश्य

बलिया। बच्चों की अन्तर्निहित शक्तियों का विकास ही शिक्षा का मूल उद्देश्य होता है। शिक्षा एक ऐसी अमूल्य धरोहर है जिसके बिना समाज पशुवत बन कर रह जाता है। इसलिए हमें अपने बच्चों को सुसंस्कार युक्त शिक्षा प्रदान करना चाहिए।

स्थानीय आरपी मिशन कान्वेन्ट स्कूल के संस्थापक एवं शिक्षाविद् स्व. रामेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव की 83वीं जयन्ती पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि गोविन्द नारायण सिंह ने उक्त उद्गार व्यक्त किया। उन्होंने स्व.रामेश्वर प्रसाद के शिक्षा एवं राजनीति के क्षेत्र में किये गये कार्यो का स्मरण करते हुए उनके आदर्शो पर चलकर स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया। इसके पूर्व मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों द्वारा विद्यालय परिसर में स्थापित स्व. श्रीवास्तव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हे याद किया गया।

इस मौके पर आरपी मिशन कान्वेन्ट स्कूल तथा रामेश्वर प्रसाद बालिका उमा विद्यालय के बच्चों ने संयुक्त रूप से विभिन्न मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किये।

जयन्ती के अवसर पर मुख्य अतिथि सिंह द्वारा एक से 7वीं कक्षा तक प्रथम स्थान अर्जित करने वाले राणा प्रताप सिंह पुत्र त्रिलोकी नाथ सिंह को संस्था के बिर्लिएन्ट स्कालर एवार्ड से सम्मानित किया गया। वहीं सूरज प्रकाश, आकाश यादव, अंकिता गुप्ता, ऋषभ, जयश्री, प्रियंका, सुमित सिंह, अमृतेश, श्वेता, शशांक शेखर को भी अपनी कक्षाओं में प्रथम रहने पर उक्त एवार्ड से नवाजा गया। अन्त मे विद्यालय के प्रबंधक नरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

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