Friday, April 3, 2009

शक्तिपीठों पर उमड़ी भीड़, राम के जन्मोत्सव की गूंज

बलिया। अगाध आस्था और सम्पूर्ण भक्ति के त्योहार रामनवमी पर जहां देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही वहीं मर्यादा पुरुषोत्तम राम के जन्म दिन पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। जनपद के सिद्ध शक्तिपीठों, ब्रहमाइन, शंकरपुर, उचेड़ा, उजियार, गायघाट, खरीद, कपूरी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने चुनरी चढ़ा नारियल फोड़ मां की अभ्यर्थना की और सुख, सम्पत्ति, समृद्धि, सन्तति का आशीर्वाद मांगा। भगवान राम का जन्म दिन भी धूमधाम से मनाया गया। घरों में स्थापित कलश पूजन हवन के साथ पूर्णाहुति हुई। कन्या पूजन के क्रम में कुंवारी कन्याओें की पूजा कर भोजन करा उन्हे द्रव्य दक्षिणा भी समर्पित किया गया।

हनुमागंज प्रतिनिधि के अनुसार बासंतिक नवरात्र के अन्तिम दिन मां के दर्शन के शुभ दिन शुक्रवार होने के नाते जनपद के प्रतिष्ठित दुर्गा मंदिर मां बाह्मणी देवी ब्रम्हाईन में भारी भीड़ के बीच भक्तों ने मत्था टेका और अपने उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्रथम आरती चार बजे भोर से ही मां के दर्शन के लिए भीड़ जुटनी शुरू हो गयी। एक समय तो गर्भ से 200 मीटर लम्बी लाइन लग गई। हनुमानगंज चौकी इंचार्ज दीनानाथ यादव पूरे दल बल के साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं पूर्ण व्यवस्था में लगे रहे। हनुमानगंज व्यापार मण्डल के अध्यक्ष अमीर चन्द्र गुप्ता ने बताया कि नवरात्रि मेले में आये भक्तजनों के लिए हरेन्द्र यादव उर्फ बबुआ जी एवं व्यापार मण्डल के संयुक्त प्रयास से नीबू पानी एवं शरबत की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। भक्तों का रेला छोड़हर स्थित राम जानकी मंदिर में भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता मां, दुर्गा, भगवान शंकर, मां पार्वती ही आदमकद प्रतिमा का दर्शन पूजन किया। दिन के ठीक 12 बजे भगवान श्रीराम का भव्य ढंग से हजारों भक्तों की उपस्थिति में सांस्कृतिक गीतों के बीच जन्मोत्सव मनाया गया तथा उपस्थित भक्तों को प्रसाद भी वितरित किया गया।

रेवती प्रतिनिधि के अनुसार स्थानीय नगर तथा क्षेत्र के दियरांचलों में रामनवमी का पर्व हर्षोल्लास श्रद्धाभक्ति के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पचरूखा , सोभनथहीं तथा नगर से सटे भटवलिया में मां काली के स्थान पर सुबह से देर रात तक हजारों भक्तों ने मां का दर्शन पूजन किया। पचरूखा (गायघाट) स्थित पचरूखा देवी के मंदिर में रामनवमी के अवसर पर एक दिवसीय चैता मेला लगा। जहां भक्तों ने देर रात तक मां पचरूखा का दर्शन पूजन किया।

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