Thursday, April 30, 2009

कलिकाल में कल्याण के लिए हरिनाम से बड़ा साधन नहीं !

सुखपुरा (बलिया)। रामनाम के जप से ही मानव का कल्याण सम्भव है। रामनाम के लिए कोई समय तिथि निर्धारित न करे बल्कि अपना दैनिक कार्य करते हुए राम का नाम लेते रहे तो निश्चित रूप से ईश्वर आपका कल्याण करेगा।

उक्त विचार स्वामी हरिहरानन्द जी के हैं। वह प्रधानाचार्य डा. लालेन्द्र प्रताप सिंह के आवास पर आयोजित 48 घंटे के कीर्तन समारोह के समापन पर उपस्थित भक्तों को बुधवार को देर शाम सम्बोधित कर रहे थे। कहा कि ईश्वर को प्राप्त करने के लिए कीर्तन से बड़ा कोई अस्त्र नहीं है। ध्यान यह रहे कि कीर्तन पूर्ण मनोयोग से शुद्धता के साथ करें। कीर्तन से ही ईश्वर प्रसन्न होते हैं और मानव का कल्याण करते हैं। हरेराम-हरेराम, राम-राम हरे हरे, हरे कृष्ण-हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे के जाप से मानव का मन मस्तिष्क दोनों प्रकाशित होता है। वह कुविचार व कुमार्ग से दूर होकर सद्कमरें की तरफ अग्रसर होता है ईश्वर प्राप्ति का यह पहला सोपान है। इसके पूर्व मानव कल्याण के लिए 48 घंटे के आयोजित कीर्तन का समापन वैदिक मंत्रों के बीच विद्वान ब्राह्मणों ने किया। इस अवसर पर प्रवीण कुमार सिंह, अभिराम सिंह दारा, पंकज कुमार सिंह, वीर बहादुर सिंह, रामेश्वर सिंह, शेषनाथ पाण्डेय, अरुण कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे।

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