Tuesday, May 26, 2009

युवाओं में सांस्कृतिक चेतना लाने की कवायद !

बलिया । बच्चों में संगीत व कला के प्रति अभिरुचि पैदा करने व युवाओं में सांस्कृतिक चेतना विकसित करने के उद्देश्य से संकल्प द्वारा समर कैम्प 2009 का आयोजन किया गया है। 30 मई से प्रारम्भ समर कैम्प में संगीत, नृत्य, अभिनय, संचालन व चित्रकला में 30 दिवसीय प्रशिक्षण का विशेष आयोजन किया गया है। संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया के मिश्र नेवरी स्थित कार्यालय पर यह कैम्प चलाया जायेगा। संस्था के सचिव आशीष त्रिवेदी ने बताया कि ग्रीष्मकालीन छुट्टी में आयोजित यह कैम्प बच्चों की रचनात्मक क्षमता बढ़ाने और उनके व्यक्तित्व में सृजनात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। कैम्प के समापन अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा जिसमें प्रशिक्षित कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। प्रशिक्षित कलाकारों को संस्था की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त कलाकार भी कैम्प को सम्बोधित करेगे।

Monday, May 25, 2009

यज्ञ स्थल की शुद्धि के लिए हुई 501 कलशों की जल-भराई !

बलिया। क्षेत्र के मामपुर महादेवा सेमरी ग्राम में विवेकानन्द महाविद्यालय के तत्वावधान में होने वाले नौ दिवसीय विष्णु महायज्ञ कार्यक्रम सोमवार को गणेश पूजन के साथ प्रारम्भ हुआ। जहां से भगवान गणेश व कलश पूजन के बाद यज्ञ स्थल की शुद्धि व पवित्रता हेतु जल-भराई के लिए श्रद्धालुओं का काफिला घाघरा नदी की ओर बढ़ा। स्थानीय खैरा खास ग्राम पर पहुंचते ही पतित पावनी मोक्ष दायिनी गंगा की सहायक घाघरा नदी की पूजा अर्चना की गयी। पूरे विधि-विधान व मंत्रोच्चारण के बीच नदी पूजन के साथ ही नौ शिष्यों का मुण्डन संस्कार भी किया गया। वहीं करीब 501 कलशों में जल-भराई के बाद किशोरी व श्रद्धालु महिलाएं यज्ञ स्थल के लिए प्रस्थान हुईं। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए यज्ञ संयोजक व अध्यक्ष टी.एन. मिश्रा ने बताया कि 25 मई से प्रारम्भ श्री विष्णु महायज्ञ आगामी 2 जून तक चलेगा। जहां यज्ञाचार्य श्री रेवती रमण जी महाराज की देखरेख में जारी रहेगा व यज्ञकर्ता श्री श्री 108 श्री राम केवल दास जी महाराज के नेतृत्व में कार्यक्रम में हर दिन शाम में वृंदावन की प्रख्यात मण्डली द्वारा रासलीला का मंचन किया जायेगा। देर शाम विद्वान संतों द्वारा राम कथा व विष्णु कथा के तहत प्रवचन भी होगा। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के महिला मंडल सदस्य नीलू सिंह, अमन सिंह, बिंदू सिंह व नंदनी सिंह के अलावा डा. शशिकांत त्रिपाठी, टीएन मिश्रा, दिनेश सिंह, महेश मौर्या, महात्मा मौर्या, जगदीश यादव, कैलाश गुप्ता, पारस यादव, लक्षीराम, अरविंद यादव, तुलसी यादव, जयनाथ, सुरेन्द्र यादव, सोमारू , अनिरुद्ध व कैलाश गुप्ता आदि का सहयोग जारी है।

Sunday, May 24, 2009

सांसद नीरज के बलिया आगमन पर कल्पनातीत स्वागत !

बलिया। पन्द्रहवीं लोकसभा के बलिया संसदीय सीट से निर्वाचित सांसद नीरज शेखर के पहली बार संसदीय क्षेत्र में आगमन पर उनका स्थान-स्थान पर जोरदार स्वागत किया गया।

फेफना प्रतिनिधि के अनुसार फेफना तिराहे पर जिला सचिव शैलेश चौधरी पप्पू के नेतृत्व में नव निर्वाचित सांसद का जोरदार स्वागत हुआ। फेफना तिराहे पर जैसे ही सांसद का काफिला पहुंचा सैकड़ों की संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने मुलायम सिंह जिन्दाबाद, नीरज शेखर जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए सड़कों पर आकर माला पहनाया। सांसद ने कहा कि आपके स्नेह और सहयोग का यह नीरज ऋणी है और जब तक मैं रहूंगा आपकी सेवा करता रहूंगा। सांसद का स्वागत करने वालों में उमाशंकर चौधरी, संजय सिंह, रामेश्वर यादव, शिवजी यादव प्रधान, हीरालाल प्रधान, शिव कुमार सिंह, शिवमुनि यादव प्रधान, मुन्ना चौधरी, रवीन्द्र यादव, विक्रमा यादव, अमित पाण्डेय, वंशीधर यादव, सुधीर चौधरी आदि लोग उपस्थित थे। ग्रामसभा कपूरी में कपिलेश्वरी मंदिर के पास वरिष्ठ सपा नेता भोला सिंह व राजेश यादव के नेतृत्व में सांसद का स्वागत किया गया।

सागरपाली प्रतिनिधि के अनुसार सांसद का काफिला जैसे ही वैना पहुंचा वहां काशीनाथ यादव के नेतृत्व में उनका स्वागत किया गया। यहां बिजली यादव, ददन यादव, मदन सिंह, जवाहर चौधरी, वीरेन्द्र सिंह, साधू यादव, लाल परीखा सिंह, हरिनाथ वर्मा आदि लोग उपस्थित थे। सागरपाली बाजार में भी नीरज शेखर का स्वागत जोरदार तरीके से किया गया। जैसे ही सांसद शेखर सागरपाली पहुंचे बैण्ड बाजे के साथ कार्यकर्ता व ग्रामीणों ने सांसद को घेर लिया और माला पहनाकर स्वागत किया। स्वागत करने वालों में राजाराम मण्टू, गुलाब लाल, केशव सिंह यादव, भैया तेजा शंकर, अशोक भैया, अजीत सिंह, अरुण उपाध्याय, प्रमोद कुमार मण्टू तथा देवरिया कला में ग्रामप्रधान विजय शंकर वर्मा ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ सांसद का स्वागत किया।

मनुष्य अपने कर्मो से प्राप्त कर सकता है अलौकिक सम्पदा !

बलिया। श्री हरिवंश बाबा इण्टर कालेज पूर के प्रबंधक के आवास पर चल रही रामकथा के तीसरे दिन मानस मर्मज्ञ पर अमरनाथ त्रिपाठी ने कहा कि संत गोस्वामी तुलसी दास ने रामचरित मानस के अन्दर भरत के चरित्र का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है वह अपने आप में अद्वितीय है। दशरथ के मरण का समय हो, राज्याभिषेक की बात हो या राम बन गमन की बात हो। इस समय में भरत ने अपने चरित्र का जो उदाहरण प्रस्तुत किया वह आज के समाज के लिए अनुकरणीय है। मनुष्य अपने कर्म के अनुसार ही अलौकिक सम्पदा को प्राप्त कर सकता है। वह ब्राह्मण सोचनीय है जो वेद से विहीन हो। वह क्षत्रिय सोचनीय है जो नीति नहीं जानता। वह वैश्य सोचनीय है जो ज्ञान में अहंकार रखता है। वह ब्रहमचारी जो अपने गुरु के आदेश का पालन नहीं करता है व जो ईश्वर की आराधना नहीं करता वह जीव भी सोचनीय है। 'अनुचित उचित विचार तजि जे पालाहि पितु वैन। ते भाजन सुख सुजश के वसंहि अमरपति ऐन॥' द्वारा भरत को समझाने का प्रयास किये कि तुम भी अपने परमपूज्य पिता के आदेश का पालन करते हुए इस राज्य के भोग का पालन करो लेकिन गुरु वशिष्ठ के लाख समझाने के बाद भी राज्य सुख को दर किनार करते हुए स्वयं अपने स्वजनों के साथ भरत चित्रकूट की ओर प्रस्थान कर जाते हैं और कहते हैं कि राजा तो भगवान श्रीराम ही होंगे मैं तो मात्र उनका अनुचर हूं। भरत ने माताओं को सती होने से भी रोक दिया था। इस प्रकार भरत ने अपने चरित्र को समुद्व मंथन से निकले चौदह रत्‍‌नों के समान सिद्ध किया है।

देश के युवाओं को एक मंच पर लाने की कवायद !

बलिया। जब तक देश के युवाओं को एक मंच पर लाकर साझा संस्कृति का आदान-प्रदान नहीं होगा तब तक राष्ट्रीय एकता की डोर मजबूत नहीं हो सकती। इसी उद्देश्य को धरातल पर मूर्त रूप देने के लिए बलिया में नेहरू युवा केन्द्र के संयोजकत्व में नगर के महावीर घाट स्थित गायत्री शक्तिपीठ के परिसर में 25 से 31 मई तक राष्ट्रीय एकता शिविर का आयोजन किया गया है। युवा समन्वयक कपिलदेव के अनुसार यह कार्यक्रम प्रदेश के चार जनपदों इलाहाबाद, मुरादाबाद, ललितपुर व बलिया में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये कार्यक्रम दो पाली में होंगे। प्रथम पाली 9:30 से 11:30 तक तथा द्वितीय पाली 11:40 से 17:00 बजे तक होगी। 25 मई को प्रथम पाली में प्रतिभागियों का पंजीकरण एवं संदर्भ सामग्री का वितरण, परिचय, समूह निर्माण, समूह नेता का चुनाव, शिविर अनुशासन एवं नियम चर्चा तथा 11:40 बजे से राष्ट्रीय एकता शिविर की अवधारणा, आवश्यकता विषय वस्तु पर चर्चा होगी। इसी प्रकार 26 मई को भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन : साझी सहादत, साझी विरासत, भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में युवाओं की भूमिका पर समूह चर्चा, 27 मई को ग्राम स्वराज पंचायती राज राष्ट्रीय एकता को समद्ध करने में संस्कृति कार्यक्रम का महत्व, 28 मई को आतंकवाद के उन्मूलन हेतु युवा एकल के साथ ही राष्ट्रीय अस्मिता के रक्षार्थ आतंकवाद का समूल उन्मूलन, 29 मई को बलिया जनपद के स्वतंत्रता आन्दोलन से जुडे़ स्थानों का शैक्षिक भ्रमण होगा। 30 मई को 11:40 बजे से युवाओं का सशक्तिकरण, स्व रोजगार, कुटीर उद्योग में युवाओं के लिए स्वरोजगार एवं सम्भावनाएं, पर्यावरण, एड्स विरोधी जागरूकता कार्यक्रम पर चर्चा तथा 31 मई को राष्ट्र के सम्मुख आसन्न चुनौतियों और युवाओं से अपेक्षाएं विषय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता एवं शिविर का मूल्यांकन करने के साथ ही राष्ट्रीय एकता शिविर का समापन समारोह होगा। 26 से प्रत्येक दिन प्रथम पाली में चेतनागीत, क्षेत्रीय युवा गीत व विगत दिवस की आख्या का प्रस्तुतीकरण के साथ ही प्रात: व्यायाम एवं योग, श्रमदान का कार्य होगा।

Friday, May 22, 2009

चेहरे की लालिमा में चार चांद लगाता बलिया, सिकन्दरपुर का गुलाबकंद !

बलिया। फूलों का राजा गुलाब। वह गुलाब जो सभी का पसन्दीदा है। सभी उसकी खूबसूरती और गंध के कायल हैं। गुलाब के फूल को सूंघने से दिमाग में एक अजीब ताजगी आ जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को तो गुलाब का फूल इतना पसन्द था कि आजीवन वह अपनी कोट में उसे लगाते रहे। वह भी गुणों से भरपूर सिकन्दरपुर का देशी गुलाब हो तो क्या कहना जो अनेक गुणकारी सामानों के उत्पादन का केन्द्र बिन्दु है। कहना न होगा कि गुलाब से यहां करीब आधा दर्जन ऐसी वस्तुएं बनायी जाती हैं जो शरीर के विभिन्न भागों के लिए काफी फायेदेमन्द हैं। इन सभी उत्पादों का नाम गुलाब से ही जुड़ा होता है, यथा गुलाब जल, गुलाब रोगन, गुलाब शर्करी, इत्र गुलाब आदि इसी के साथ गुलाब के फूल से उत्पादित एक अन्य वस्तु है जिसे गुलाबकन्द कहा जाता है। इसे सिकन्दरपुरी चवनप्राश भी कहा जाता है जो पेट के लिए काफी मुफीद तो है ही चेहरे पर लाली पैदा करने का काम करता है। शुद्ध देशी विधि से निर्मित गुणकारी इस वस्तु का सिक्का आज भी चल रहा है। इसकी मांग आज भी इतनी है कि निर्माता आपूर्ति देने में अपने को अक्षम पाते हैं। इसके मूल में गुलाब के पैदावार की कमी एक मुख्य कारण है। जहां तक गुलाबकन्द के बनाने की विधि की बात है तो इसका निर्माण काफी आसान तो है किन्तु श्रमशील है। गुलाब कन्द के निर्माण हेतु एक निश्चित मात्र में गुलाब का फूल और चीनी एक बडे़ बर्तन में रख लिया जाता है। गुलाब और चीनी को घण्टों हाथ से आपस में इस प्रकार मला जाता है कि यह हलुवा का रूप ले लेता है। बाद में उसे स्वादिष्ट बनाने हेतु अन्य वस्तुएं मिला धूप में रख दिया जाता है। धूप में रखने की प्रक्रिया कई दिन तक दोहरायी जाती है। जब उक्त हलुवा एक निश्चित रंग में आ जाता है तो उसे सुरक्षित रख लिया जाता है। इस प्रकार गुलाब कन्द तैयार कर उसे विक्रय हेतु बाजारों में भेज दिया जाता है। गुलाब कन्द जहां पेट को ठंडक पहुंचाने और गैस नाशक है। वहीं इसके बराबर सेवन से चेहरे पर लालिमा बनी रहती है। आज जरूरत है शुद्ध देशी विधि से तैयार इस उत्पाद को बढ़ावा देने की जो गुणकारी तो है ही शुद्ध भी है।

सांसारिक दु:खों की औषधि है भगवन्नाम: पं. अमरनाथ !

बलिया। इस संसार में परनिन्दा से बढ़कर कोई पाप नहीं है। परनिन्दा करने वाले को हजारों वर्षो तक मेंढक की योनि प्राप्ति होती है। श्री हरिवंश बाबा इण्टर कालेज पूर के प्रबंधक प्रहलाद सिंह के यहां चल रहे पंच दिवसीय मानस कथा के दूसरे दिन मानस मर्मज्ञ पं. अमरनाथ त्रिपाठी ने उपरोक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अगर निन्दा ही करनी है तो अपने अन्दर पैदा हुए विकारों, दुर्गुणों की करो। कहा कि जिसको हम धारण करते हैं वही धर्म है। मानस में भरत का जो चरित्र है उसकी व्याख्या करते हुए स्वयं वशिष्ठ जी ने इसकी सम्पुष्टि की और कहा कि भरत राम-प्रेम की प्रतिमूर्ति है। समुंद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्‍‌नों का रूपक देते हुए व्यास जी ने भी कहा कि भरत का राम प्रेम ही चौदह रत्नों में प्राप्त अमृत था। प्रेम अमिय मंदर विरह, भरथ पयोधि गम्भीर। आगे उन्होंने कहा कि इस संसार में परनिन्दा से बढ़कर दूसरा कोई पाप नहीं है। परनिन्दा करने वाले को हजारों वर्षो तक मेंढक की योनि प्राप्त होती है। अगर निन्दा ही करनी है तो अपने अंदर पैदा हुए विकारों दुर्गुणों की निंदा करो। गुरु, शास्त्र एवं वेद के वचनों की अवज्ञा न करते हुए लिया गया भगवन्नाम सांसारिक दुखों की औषधि है। चूंकि कौशल्या ज्ञान शक्ति, सुमित्रा उपासना शक्ति एवं कैकेयी क्रिया शक्ति का प्रतीक है। अत: राम का कैकयी के प्रति अधिक प्रेम क्रिया शक्ति का तथा भरत का कौशल्या एवं सुमित्रा के प्रति अधिक प्रेम ज्ञान एवं उपासना शक्ति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आज के परिवेश में हम यदि मानस के पात्रों का अनुकरण करे तो यह समाज जो भ्रष्ट रास्ते का अनुकरण कर रहा है उससे बचा जा सकता है। भाई का भाई के प्रति प्रेम, पुत्र का पिता के प्रति प्रेम, मित्र का मित्र के साथ संबंध हम मानस के पात्रों से उनके चरित्र का अनुकरण करते हुए समाज को सुख एवं समृद्धि के रास्ते पर अग्रसर किया जा सकता है।

आशाओं से लेते काम पर नहीं देते भुगतान !

बलिया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा संचालित जननी सुरक्षा योजना के तहत 2007-08 में संस्थागत प्रसवोपरान्त लाभार्थी व आशा कार्यकत्रियों को मिलने वाली प्रोत्साहन धनराशि का वितरण आज तक न किये जाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। सूत्रों की माने तो वर्ष 2007-08 में जननी सुरक्षा योजना के लिए प्राप्त करीब 6 लाख रुपये का बन्दरबांट कर लिये जाने की आशंका जतायी जा रही है। आशा कार्यकत्रियों ने जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य उप्र शासन को पत्र भेजकर प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की और न होने की दशा में आन्दोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। पत्र में कहा गया है कि शासन द्वारा लाभार्थी को 1400 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में, आशा को 600 रुपये प्रतिपूर्ति राशि के रूप में दिया जाता है। वर्ष 2007-08 का लाभार्थी व आशा को मिलने वाली धनराशि का वितरण अब तक नहीं किया गया है इसे लेकर अक्टूबर 2008 में क्षेत्रीय जनता व आशा कार्यकत्रियों द्वारा धरना प्रदर्शन भी किया गया था। प्रदर्शन में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मंसूर अहमद ने आकर समस्या के समाधान हेतु आश्वासन दिया था। जनवरी वर्ष 2009 में पल्स पोलियो कार्यक्रम के दौरान नगरा पहुंचे अपर मुख्य चिकित्साधिकारी का ध्यान पुन: इस ओर दिलाया गया तो उन्होंने कहा कि 2007-08 का चेल नवम्बर 2008 में ही काटकर दे दिया गया है। आशाओं ने पत्र में तत्कालीन प्रभारी चिकित्साधिकारी व लिपिक पर धनराशि के गोलमाल करने का आरोप भी लगाया है। जब इस प्रकरण के सम्बन्ध में वर्तमान प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. रामानन्द सिद्धार्थ से पूछा गया तो उन्होंने पूरी जानकारी देने में असमर्थता प्रकट किया।

23 की जगह 14 किलो दे रहे गेहूं, रेट सात रुपये !

बलिया। शासन द्वारा एपीएल (पीले) कार्ड धारकों को भी प्रतिमाह 23 किलों गेहूं दिए जाने की घोषणा से एपीएल कार्ड धारकों में काफी हर्ष व्याप्त है। किंतु राशन दुकानदारों द्वारा 23 किलो की जगह 14 किलो तथा 6.60 रु. की जगह 7 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं दिए जाने से एपीएल कार्ड धारकों मेंगहरा आक्रोश व्याप्त है।

इस संबंध में कोटेदारों का कहना हे कि गत 8 मई को जिलापूर्ति अधिकारी बलिया सीएल सरोज को नगर के 2751 एपीएल कार्ड धारकों की सूची दी गयी किंतु मात्र 1754 एपीएल कार्ड धारकों को ही गेहूं एलाट किया गया है। ऐसे में सभी एपएल कार्ड धारकों को संतृप्त करने के लिए 14 किलो प्रति एपीएल कार्ड खर्च को जोड़ते हुए 7 रुपया प्रति किलो दिया जा रहा है। इस संबंध में क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षक दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि एपीएल कार्ड धारकों के भारी विरोध को देखते हुए प्रति कार्ड 23 किलों गेहूं बांटने हेतु नगर के कोटेदारों को निर्देशित किया गया है।

गेहूं का आर्डर मिला हो रही नोंकझोंक

सिकंदरपुर : लम्बे समय बाद एपीएल कार्ड धारकों को शासन द्वारा कोटे की दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न प्रदान किए जाने से जहां उनमें प्रसन्नता है वहीं कोटेदारों द्वारा आर्थिक शोषण और घटतौली से उनमें आक्रोश भी है। दशकों बाद गरीबी रेखा से ऊपर के कार्ड धारकों को शासन के निर्देशानुसार मई माह में प्रति कार्ड 23 किलोग्राम गेहूं प्रदान किया जा रहा है। इसका मूल्य प्रति किलोग्राम छ: रुपया 50 पैसा निर्धारित है। प्रशासन का सख्त आदेश है कि कोटेदार निर्धारित दर से अधिक पैसा कार्ड धारकों से न लें। बावजूद इसके कतिपय कोटेदार गेहूं तो कम दे ही रहे हैं कार्ड धारकों से उसका मूल्य साढ़े छ: रुपये के बजाय 7 रुपये 15 पैसे नाजायज तरीके से वसूल रहे हैं। घटतौली और अधिक मूल्य को लेकर अक्सर कार्ड धारकों और कोटेदारों के बीच नोंकझोंक के साथ ही मारपीट तक की नौबत आ जा रही है।

चैम्बर आफ कामर्स ने जनता के निर्णय को सराहा !

बलिया। चैम्बर आफ कामर्स बलिया की एक बैठक कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक में वक्ताओं ने बलिया लोक सभा क्षेत्र से नीरज शेखर को प्रतिनिधि चुने जाने पर हर्ष व्यक्त किया तथा बधाई दी। इसके साथ ही वक्ताओं ने आशा व्यक्त की कि हमारे सांसद अपना अधिकांश समय अपने संसदीय क्षेत्र को देंगे और इस क्षेत्र के समग्र विकास पर अपना ध्यान केन्द्रित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के सपनों को पूरा करेंगे। साथ ही जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगे। बैठक में निजामुद्दीन मुन्ना बाबू, आलोक कुमार, गणेश शंकर गुप्ता, गोविन्द जी, अशोक कुमार एडवोकेट, बद्रीनाथ पाण्डेय, संजय गर्ग, राज गुप्त, विजय शंकर गुप्ता, ईश्वरन श्री अग्रवाल आदि सदस्य उपस्थित थे। अध्यक्षता डा. बाबू गुप्ता तथा संचालन सुनील सर्राफ ने किया।

Thursday, May 21, 2009

भोजपुरी फिल्म प्रीत न जाने भेद का प्रदर्शन आज !

बलिया। भोजपुरी फिल्म 'प्रीत न जाने भेद' युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित होगी। ऐसा मानना है फिल्म के नायक रंजन कुमार व नायिका श्वेता सिंह का जिसका प्रदर्शन नगर में 22 मई को होने जा रहा है। इस फिल्म की खासियत ये है कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठ कर इसे देख सकते है।

नगर के एक होटल में गुरुवार को इस फिल्म के कलाकार पत्र-प्रतिनिधियों से मुखातिब थे। नायक रंजन कुमार जो इस फिल्म के डायरेक्टर व प्रोड्यूसर भी है ने बताया कि किशोर वय में लड़के व लड़कियां दोनों भटकाव की स्थिति में रहते है। इनकी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए इस फिल्म का निर्माण किया गया है। फिल्म की नायिका श्वेता सिंह को भी इससे काफी उम्मीदें है। उनका कहना है कि युवाओं पर बनी यह फिल्म निश्चय ही सफलता के कीर्तिमान स्थापित करेगी। इस मौके पर फिल्म के अन्य कलाकारों में नायिका की मां का रोल कर रहीं उमा सिंह व खलनायक संतोष साह भी मौजूद रहे।

Wednesday, May 20, 2009

उच्च शिक्षा के साथ अपनी संस्कृति का भी रखें ज्ञान !

बलिया। स्थानीय चन्द्रशेखर नगर स्थित शक्ति स्थल शिशु मंदिर एवं बालिका जूनियर हाईस्कूल पर वार्षिक परीक्षाफल का वितरण किया गया जिसमें कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को विद्यालय के प्रबंधक दुर्गादत्त त्रिपाठी द्वारा मेडल एवं पेन देकर पुरस्कृत किया गया। अपने सम्बोधन में श्री त्रिपाठी ने कहा कि आज के ये बच्चे कल के देश के कर्णधार है इसलिए इन्हे अच्छी शिक्षा देना नितांत आवश्यक है। बच्चे कम्प्यूटर की शिक्षा ग्रहण तो करे लेकिन इसके साथ भारतीय संस्कृति को भी याद रखें। अपनी संस्कृति का समुचित ज्ञान रखने से ही उस देश के नागरिक का सम्मान बढ़ता है।

Tuesday, May 19, 2009

आठ लाख के पान की फसल को लगा दी आग !

सुखपुरा (बलिया)। स्थानीय थानान्तर्गत महावीरगंज के कृषकों की लगभग 5 एकड़ में बोई गयी पान की फसल को सोमवार की रात अराजक तत्वों ने जलाकर राख कर दिया। पीड़ित कृषकों की नष्ट हुई पान की फसल की कीमत लगभग 8 लाख रुपये बतायी जा रही है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सुखपुरा व गड़वार पुलिस पीड़ित कृषकों से आवश्यक जानकारी हासिल करने के बाद मामले की तह तक पहुंचने की कवायद में जुट गयी है।

ज्ञात हो कि उक्त गांव के राधामोहन चौरसिया, रामचन्द्र चौरसिया पुत्रगण रामनरेश चौरसिया, उमेश, राजू पुत्रगण दूधनाथ चौरसिया, राम अवतार, सुभाष पुत्रगण राम नारायण चौरसिया पान की पुस्तैनी खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। इन लोगों ने इस सीजन में लगभग 5 एकड़ में पान की खेती की थी। बीच-बीच में तैयार पत्ते को तोड़कर बेचा भी जा रहा था। सोमवार की रात जब सभी गहरी नींद में थे तभी किसी ने रंजिशन पान के खेत में आग लगा दी। चूंकि पान की फसल लकड़ी फूस पर तैयार होती है इसी कारण देखते-देखते 5 एकड़ की फसल पूर्णतया जल कर नष्ट हो गयी। किसी को आग बुझाने तक का मौका नहीं मिल पाया। इस घटना से चौरसिया परिवार के समक्ष गम्भीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। पीड़ित कृषक रामचन्द्र चौरसिया ने बताया कि जीविका का एक मात्र साधन हमसे छिन गया। पान की फसल के बर्बाद होने से पूरा परिवार सकते में है।

जादू-टोना : जमकर चले ईट-पत्थर, चटकीं लाठियां

बिल्थरारोड (बलिया)। क्षेत्र के उभांव थाना अंतर्गत मोलनापुर गांव में सोमवार की देर शाम एक-दूसरे पर जादू-टोना करने के आरोप को लेकर दो पक्ष भिड़ गये। तू-तू, मै-मै के बाद हिंसक संघर्ष छिड़ गया। इस दौरान जमकर चले ईट-पत्थर व लाठी की चोट से पंचायत करने पहुंचे पंच समेत 11 लोग गम्भीर रूप से जख्मी हो गये। घायलों में नैमुन निशां, मो. इकबाल (22), मुख्तार साई व जावेद साई (पिता-पुत्र), कमरैन अंसारी (42), इमरान अंसारी (32), बिस्मिल्ला (60), अंजूम आरा (22), पंच- सुरेन्द्र यादव (38), ब्रह्मदेव सिंह (55), केशव सिंह, शिव मंगल यादव व ललन सिंह आदि शामिल हैं। जिनमें अधिकांश को उपचार हेतु स्थानीय सीयर अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से जख्मी नैमुन निशां व मो. इकबाल को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया।

बताया जाता है कि उक्त गांव निवासी बिस्मिल्लाह अंसारी एवं मुख्तार साई के बीच लम्बे समय से किसी बात को लेकर रंजिश चली आ रही है। घटना के समय भी दोनों पक्ष एक दूसरे पर जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए बहस कर रहे थे। बिस्मिल्लाह ने मामले को पंचायत के जरिए निबटाने के उद्देश्य से चार-पांच पंचों को बुला लिया था। पंचों के समझाने के बाद मामला शांत हुआ ही था कि एकाएक मौके पर बिस्मिल्लाह के दो पुत्रों कमरैन व इमरान आ पहुंचे और माहौल एक बार फिर गर्म हो गया। देखते ही देखते एक पक्ष अपनी छत से ईट-पत्थर बरसाने लगा। साथ ही लाठी-डण्डे भी चलने लगे जिससे गांव में भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी। करीब तीस मिनट तक बरसे लाठी-डण्डे व ईट-पत्थर की चोट से पंचायत करने पहुंचे वरिष्ठ ग्रामीण समेत गांव के 11 लोग गम्भीर रूप से जख्मी हो गये। समाचार लिखे जाने तक मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी थी।

Monday, May 18, 2009

युवाओं में नशाखोरी की बढ़ती लत समाज के लिए घातक !

बलिया। समाज में तेजी से फैल रही नशे की लत का सर्वाधिक शिकार युवा वर्ग ही हुआ है। बीयर से लेकर कच्ची देशी एवं अंग्रेजी शराब को पीने का आदी हो चुका युवा वर्ग अब ताड़ी की ओर तेजी से आकर्षित हुआ है। बीयर एवं शराब का सुरूर पाने की चक्कर में लोगों में ताड़ी पीने की ललक बढ़ गयी है।

कस्बे सहित आसपास के क्षेत्रों में ताड़ी के अड्डे भोर से ही गुलजार हो जा रहे है। कोई एक लीटर तो कोई तीन-चार लीटर तक ताड़ी खींच जाता है। इन दिनों एक लीटर ताड़ी बारह रुपये में पड़ रही है। पीने वालों में से अधिकांश का मानना है कि यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है तथा शराब से सस्ती भी पड़ती है। कई ताड़ी विक्रेताओं ने बताया कि पीने वालों में सर्वाधिक संख्या युवा वर्ग की है जो शौकिया पी रहे है, ऐसे लोग पांच लीटर तक ताड़ी प्रतिदिन पी जाते है। वैसे पीने वालों के लिए काफी सस्ती इस ताड़ी को उतारने की प्रक्रिया काफी जटिल है। मार्च के महीने से ही पेड़ों पर ताड़ी बननी शुरू हो जाती है। पेड़ों की टहनियों को करीने से तराशकर कलम की जाती है जिसके नीचे मिट्टी के विशेष बर्तन लबनी को बांधा जाता है। ताड़ी उतारने वाले ज्यादातर मजदूर बिहार व झारखण्ड प्रदेश से आये हुए है। लबनी में ताड़ी बूदं-बूंद करके जमा होती है। उतारने वालों का कहना है कि बांझ वृक्ष की ताड़ी सबसे अच्छी होती है। ताड़ वृक्ष के मालिकों के पास इन दिनों ताड़ी ही कमाई का जरिया बनी हुई है। साल में एक बार मात्र कुछ महीने ही इन वृक्षों से कमाई होती है।

बिल्थरा को जिला व नगरा को टाउन एरिया बनायेंगे !

बलिया। सलेमपुर लोकसभा क्षेत्र से मतगणना के बाद आये अप्रत्याशित फैसले ने निश्चय ही सबको चौंका दिया है। विभिन्न दलों से अब तक चार बार सांसद रहे निवर्तमान सपा सांसद हरिकेवल प्रसाद को जनता ने तो नकारा ही, साथ ही अपनी प्रबल दावेदारी करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव डा. भोला पाण्डेय को भी मुंह की खानी पड़ी है। वहीं जदयू से पहली बार चुनाव मैदान में उतरे पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के भतीजे रविशंकर सिंह पप्पू को भी हार का सामना करना पड़ा है जबकि जनता ने सादा जीवन जीने वाले बसपा के प्रत्याशी डा. रमाशंकर विद्यार्थी पर भरोसा कर जीत का ताज पहना दिया है। पहली बार इस संसदीय क्षेत्र से विजयश्री का ताज पहनने वाले बसपा प्रत्याशी डा. रमाशंकर विद्यार्थी ने चुनाव परिणाम को अप्रत्याशित कहने पर एतराज जताया। कहा कि ये तो होना ही था। जनता ने मुझ पर भरोसा किया है और मैं जनता के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा व शिकायत का कोई भी मौका नहीं दूंगा। विकास योजनाओं को लेकर अपनी रणनीति पर चर्चा करते हुये सलेमपुर के निर्वाचित बसपा सांसद श्री विद्यार्थी ने आगे बताया कि यह क्षेत्र झुग्गी-झोपड़ी व नदी से भरा है। यहां हर वर्ष गरीब अगलगी व बाढ़ से प्रभावित होते हैं जिन्हें पूरा न्याय दिलाना मेरी पहली प्राथमिकता होगी। कहा कि बलिया व देवरिया जनपद समेत सलेमपुर संसदीय क्षेत्र के विकास के लिये हर क्षेत्र में जो भी बन पड़ेगा, वे हर हाल में करेगे। बिजली, पानी व सड़क की समस्या के साथ ही बिल्थरारोड को जिला बनाने से लेकर नगरा को टाउन एरिया बनाने तक के लिये सार्थक कदम उठाये जायेंगे।


बांसडीह क्षेत्र अब नहीं रहेगा उपेक्षित

बांसडीह : नव निर्वाचित सांसद रमाशंकर विद्यार्थी ने जीत के बाद बांसडीह में पहुंचकर क्षेत्र के लोगों के सर्वाधिक सहयोग के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उपेक्षित रहा यह क्षेत्र अब विकास की मुख्य धारा में शामिल होगा।

अम्बेडकर तिराहा पर यहां के बसपा नेता संजय कुमार सिंह मुन्ना जी, श्रीभगवान वर्मा, सुरेद्र निषाद, अजय सिंह, सज्जान तिवारी ने सांसद का स्वागत फूलमाला से किया गया। यहां से सांसद सहतवार, रेवती, देवडीह, हरदत्तपुर, मनियर, सिकंदरपुर होते हुए सलेमपुर चले गये। उनके साथ विधायक शिवशंकर चौहान, जिलाध्यक्ष इंदल राम, गोरख बाबू सहित अन्य बसपा नेता भी मौजूद रहे।

Sunday, May 17, 2009

कटान पीड़ित : वक्त के थपेड़े ले रहे कड़े इम्तहान

बलिया। कटान पीड़ितों की जिन्दगी भी क्या जिन्दगी है। घर के नाम पर झुग्गी-झोपड़ी, तन पर गंदे-मैले कपड़े व झंझावात से जूझते इन मासूमों की जीवन गाथा आसमान से गिरे तो खजूर पर अटके की कहावत को ही चरितार्थ कर रही है। वक्त के थपेड़ों ने इन्हे कहीं का नहीं छोड़ा है। विषम परिस्थितियों में इन्हे मिले तो बस शासन-प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के कोरे आश्वासन जिनसे जिन्दगी कतई नहीं आगे बढ़ सकती। टीएस बंधा पर त्रासदी भरा जीवन गुजारना ही इनकी नियति बन गयी है।

बता दें कि घाघरा की कटान से विस्थापित होने के बाद टीएस बंधा पर भोजछपरा से नवकागांव तक करीब 10 किमी की लम्बाई में दोनों तरफ टाट-मड़ई लगा कर जीवन बसर कर रही लगभग 10,000 की आबादी विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है। साल-दर-साल बंधे पर कटान पीड़ितों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। आलम यह है कि बंधे पर शरण लेने के लिए आपस में मारामारी होती है। अब तो बंधे की मरम्मत के नाम पर इन्हे जगह छोड़ने का अल्टीमेटम भी मिल चुका है। इसको लेकर इन्होंने अपना आशियाना हटाना भी शुरू कर दिया है। इनकी बदहाली व त्रासदी देखकर एक बार रोंगटे खडे़ हो जाते हैं। समाज से हर तरह से कटे व अभाव झेल रहे यह लोग किसी नेता व अधिकारी के आने पर उसकी तरफ दौड़ पड़ते हैं। बंधे पर आने वाले हर शख्स की तरफ टकटकी लगाये रहते हैं कि काश कोई तारनहार आ जाय और वास्तविक दु:ख दर्द को समझ उससे निजात दिलाये। बंधे पर शरण लिये विस्थापितों की मुख्य समस्या प्लाट, आवास, राशन, स्वच्छ पेयजल तथा पशुओं के लिए चारा एवं बच्चों की शिक्षा-दीक्षा है। बंधे पर दोनों तरफ शरण लिये तमाम दुश्वारियों के बीच जी रहे इन लोगों का पीछा बीमारियां भी नहीं छोड़ती। बाढ़ व कटान के समय तमाम प्रशासनिक अधिकारी यहां कई बार आये और विस्थापितों की समस्याओं को करीब से देखा व समझा किन्तु इनकी समस्या के समाधान के लिए कुछ खास नहीं कर पाये।


निरोधक कार्यो में तेजी की हिदायत भी बेअसर

रेवती (बलिया), निप्र: जिलाधिकारी पंकज कुमार व चीफ इंजीनियर मण्डल गोरखपुर राधा रमण द्वारा बाढ़ व सिंचाई विभाग को 15 मई तक स्थानीय विकास खण्ड के दत्तहा व तिलापुर में सम्भावित बाढ़ व कटान से बचाव हेतु बंधे की मरम्मत कार्य पूर्ण कर लेने हेतु निर्देश दिया गया था लेकिन समयावधि बीत जाने के बावजूद अभी तक कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। इधर सिंचाई विभाग द्वारा 31 मई तक कार्य योजना पूर्ण होने का दावा किया जा रहा है। इसके बावजूद तटवर्ती ग्रामीणों को कार्य पूर्ण होने पर संशय बना हुआ है।

घाघरा का जलस्तर इस समय अब भी बढ़ाव पर किंतु स्थिर है। पिछले दिनों लगातार पुरवा हवा के थपेड़ों के चलते सेमरा में एक से दो लट्ठा कृषि योग्य भूमि घाघरा में समाहित हो गयी। शिवपुर सेमरा निवासी श्रीभगवान यादव अध्यापक बताते है कि इस बार शिवपुर सेमरा व मांझा गांव के घाघरा में समाहित होने का खतरा बना हुआ है। तिलापुर ग्रामवासी सुनील सिंह ने बताया कि 14/15 मई की रात तिलापुर में 5 से 10 फीट जालीदार बोल्डर घाघरा में समाहित हो गया। घाघरा के जलस्तर में 2 फीट वृद्धि के चलते बंधे के अरार के नीचे रखी गयी बालू भरी बोरियां घाघरा के पानी में पहले से डूबी हुई हैं। कटान विस्थापित डा. गंगा सागर यादव बताते हैं कि इधर बोल्डर की कमी के चलते दो दिनों तक बोल्डर फेंकने का काम लगभग ठप रहा। ठेकेदारों को बोल्डर नहीं मिल रहे हैं, जो बोल्डर उपलब्ध हैं उनकी सूची नहीं दर्ज होने से निरोधात्मक कार्य कच्छप गति से चल रहा है। वैसे यदि बरसात से पहले तिलापुर में निरोधात्मक कार्य नहीं पूरा हुआ तो रेवती कस्बा सहित किनारे पर बसे दर्जनों गांवों के घाघरा की बाढ़ में समा जाने की आशंका बढ़ जायेगी।

Friday, May 15, 2009

ढोंग नहीं मजबूत करना होगा ईमान : मौलाना फारूकी !

बलिया। वर्तमान भौतिकवादी युग में हम अल्लाह व कुरान से मुंह मोड़ रहे हैं। हम अपना किरदार, लिबास, भोजन आदि के साथ ही नबी के नापसंदीदा चीजों को ही अपनाते जा रहे हैं। हम ईमान वाला होने का ढोंग कर स्वयं को दागदार कर रहे हैं। उक्त बातें स्थानीय चौकियां मोड़ पर गुरुवार की देर शाम जमीउल इस्लाम बिल्थरारोड के तत्वाधान में आयोजित रहमते आलम कांफ्रेंस के तहत विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए लखनऊ के मौलाना अब्दुल अली साहब फारूकी ने कही। साथ ही मैनुद्दीन चिश्ती को सबसे बड़ा व सच्चा मुसलमान करार देते हुए कहा कि वर्तमान में बिगड़े हालात को सुधारने के लिये हमें अपने ईमान को मजबूत करना होगा व नबी के बताये रास्ते का अनुसरण करना होगा।

वहीं हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहेवसल्लम के शांति, अमन व भाईचारे के पैगाम का अनुसरण करने की अपील करते हुए देवरिया के कारी सुहैल अहमद ने आतंकवाद के विरुद्ध शंखनाद करते हुए आपसी भाईचारे को बनाये रखने की अपील की। साथ ही नातिया कलाम के तहत संदेश दिया कि वो जुल्मों जोर की दुनिया के आदी हो नहीं सकते, बहादुर हो तो सकते हैं, फसादी हो नहीं सकते, जहां हक है वहां से बस यही आवाज आती है, नबी वाले कभी आतंकवादी हो नहीं सकते। कारी महमूद आलम बलियावी ने कहा कि आतंकवाद किसी धर्म, मजहब व जाति से जुड़ा नहीं होता। इससे हर धर्म व जाति के लोग प्रभावित होते हैं। कुरान में भी चोरी करने वाले के दोनों हाथ काट देने का संदेश है। तभी चोरों व चोरी करने का ख्याल रखने वालों तक में दहशत बन सकेगा और ऐसी व्यवस्था की ही आवश्यकता है जिससे परिवर्तन संभव हो। उक्त कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में लखनऊ के हजरत मौलाना अब्दुल अली फारूकी, जौनपुर के सैय्यद मोहम्मद अजहर, वाराणसी के खुर्शीद अनवर के अलावा मुफ्ती अरशद, इमरान महमूद, मौलाना मंजूर, शराफत भाई, मौलाना सुबैर, आरिफ शकील, अतिउल्लाह, मो. आदिर, फारूख, नय्यर आलम, जैनुद्दीन, मो. दानिश, समीउल्लाह, जफर व नुमान समेत बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोगों ने भी शिरकत की। अध्यक्षता मौलाना तौफीक अहमद एवं संचालन मो. आसिफ आजमी व मुफ्ती मुनीर कासिमी ने संयुक्त रूप से किया।

Thursday, May 14, 2009

गंगा : अस्तित्व रक्षा के लिए करो या मरो का एलान !

बलिया। मैदानी इलाके में अस्तित्व खो रही गंगा के अविरल धारा प्रवाह तथा उसकी निर्मलता के लिए आध्यात्मिक चिंतन संस्थान बलिया अब करो और मरो का रास्ता अख्तियार करेगा। इसकी शुरूआत 18 मई को बक्सर के रामरेखा घाट स्थित धर्मशाला से राष्ट्रीय सेमिनार के बहाने गंगा बचाओ की आवाज बुलंद करके की जायेगी। उक्त घोषणा गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान (राष्ट्रीय) के प्रभारी एवं आध्यात्मिक चिंतन संस्थान के संरक्षक रमाशंकर तिवारी ने गुरुवार को मिश्रनेवरी में संस्थान के कार्यालय में आयोजित गंगा आंदोलन के उद्देश्य को परिभाषित करने के क्रम में की।

कहा गंगा दशहरा के दिन जनपद के प्रत्येक गंगाघाट पर गंगा भक्त सफाई करेगे। उस दिन प्रात: 8 बजे गंगा मुक्ति के लिए विशाल हवन का आयोजन होगा तथा संध्या के वक्त गंगा आरती होगी। अध्यक्षता कर रहे डा. जनार्दन राय ने कहा कि बलिया के गंगा भक्त नरोरा बांध से हाईकोर्ट के निर्णय के अनुसार जल छोड़े जाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनायेंगे। इस अवसर पर अध्यक्ष जगन्नाथ तिवारी, शिक्षक नेता शशिकांत चतुर्वेदी, श्रीकांत चौबे, मनीष कुमार सिंह, डा. शुभजीत चटर्जी, नीरज, कृष्णा जी पटेल, दुर्गेश राय, अजय राय, विनायक जी यादव, चन्दन प्रसाद, ओमप्रकाश पाण्डेय, सत्यप्रकाश यादव सहित कई लोगों ने विचार रखे। संचालन प्रधानाचार्य चन्द्रभूषण पाण्डेय ने किया।

कटान का रुख देख इलाकाई दहशत में

बलिया। दियरांचल के आधा दर्जन ग्रामसभाओं को खुद में समाहित करने के बाद घाघरा ने टीएस बंधे के दक्षिण बसे दर्जनों ग्रामसभाओं की लगभग एक लाख की आबादी का चैन छीन लिया है। कटान तेज होने से बंधे के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है।

तटवर्ती ग्रामीणों का मानना है कि 50 वर्ष पुराने बंधे व एक करोड़ रुपये से अधिक का बोल्डर खर्च करने के बावजूद जब सिंचाई व बाढ़ विभाग पूर्व प्रधान के घर व बंधे को नहीं बचा पाये तो इस समय बंधा के 69.300 से 70.200 किमी के बीच लगभग 800 मी. की लम्बाई में बन रहा सर्पोटिंग बंधा घाघरा के वेग को कैसे झेल पायेगा। हाल यह है कि दत्तहां से पूरब तिलापुर की तरफ एक किमी की लम्बाई में पुराने बंधे की जगह नया सर्पोटिंग बंधा बनाने की जो कवायद चल रही है उस पर एक-एक फीट धूल की पर्त बिछ गयी है। सिवाय टै्रक्टर के कोई दूसरा वाहन बंधे पर नहीं जा पा रहा है। रेवती दत्तहां मार्ग से तिलापुर जाने वाला सम्पर्क मार्ग काफी क्षतिग्रस्त है। इस बार घाघरा का दबाव पुन: तिलापुर में बन रहा है। तिलापुर में जो सर्पोटिंग बंधा बन रहा है वहां नीचे सीधे तौर पर नदी बंधा से सटी है। ऐसे में आशंका व्यक्त की जा रही है कि नयी भुरभुरी मिट्टी व बिना कुआं बनाये फेंके गए बोल्डर का कटान शुरू होने पर कोई पता नहीं चल पायेगा। तिलापुर में इस बार 15 करोड़ की कार्य योजना पर कार्य चल रहा है। तिलापुर से पश्चिम 65.300 से 69 किमी के बीच दत्तहां से पूरब व पश्चिम 14 करोड़ की कार्य योजना के तहत 12 स्पेल के निर्माण की कवायद चल रही है। बाढ़ व सिंचाई विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि 31 मई तक कार्य योजना पूर्ण हो जाएगी इसके बावजूद इलाकाई कटान को लेकर काफी सशंकित हैं।

Wednesday, May 13, 2009

हर हाल में पूरा करे मई में महामाया आवास लक्ष्य !

बलिया। मुख्य विकास अधिकारी और जिला विकास अधिकारी ने बुधवार को विकास भवन में जनपद के समस्त विकास खण्डों के लेखाकारों की बैठक कर विकास कार्यो की समीक्षा की तथा कमी पाये जाने पर जमकर क्लास लिया।

विकास भवन में बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी राम अरज मौर्य तथा जिला विकास अधिकारी रामाधार कुशवाहा ने अलग-अलग बैठक कर विकास खण्ड के लेखाकारों से महामाया आवास, राष्ट्रीय वायों गैस के लक्ष्य पूर्ति तथा ग्राण्ट रजिस्टर पार्ट थ्री की समीक्षा की। विकास भवन में आयोजित समीक्षा बैठक में जिला विकास अधिकारी रामाधार कुशवाहा ने राष्ट्रीय वायो गैस सत्र 08-09 के लक्ष्यों को पूरा न होने पर लेखाकारों को जमकर फटकार लगायी तथा तल्ख शब्दों में कहा कि मई तक यह कार्य हर हाल में पूर्ण हो जाना चाहिए तथा आवासों के अवशेष धन शत प्रतिशत खर्च हो जाने चाहिए। बैठक में बांसडीह से आजाद अहमद, दुबहड़ से चन्द्रबली राय, गड़वार से मनोज कुमार, बेलहरी से कृष्ण कुमार गुप्ता मनियर से राजाराम, हनुमानगंज से विजय उपाध्याय रेवती से जफर अली तथा मुरली छपरा ब्लाक से बृजेश गुप्ता मय रिकार्ड उपस्थित थे।

व्यापार मंडल द्वाबा विकास मंच के साथ खड़ा हुआ

बैरिया (बलिया)। द्वाबा विकास मंच के संयोजक सुरेन्द्र सिंह पर मंगलवार को बैरिया तहसील में हुए जानलेवा हमला की रानीगंज उद्योग व्यापार मंडल द्वारा कड़े शब्दों में निंदा की गई है और सुरेन्द्र सिंह के कदम से कदम मिलाकर चलने का ऐलान किया गया है।

बुधवार को इस बात की घोषणा व्यापार मंडल के महामंत्री छोटे लाल गुप्त व युवा अध्यक्ष रोशन गुप्त ने व्यापार मंडल की बैठक के बाद की। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि जब सुरेन्द्र सिंह जैसे जुझारू व इमानदार व्यक्ति के साथ तहसीलकर्मी भ्रष्टाचार का विरोध करने के कारण मारपीट कर सकते है तो आम आदमी को ये क्या समझेंगे। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ इस धर्मयुद्ध में व्यापार मंडल द्वाबा विकास मंच के साथ है।

एक अन्य समाचार के अनुसार व्यापार मंडल के अध्यक्ष जयप्रकाश साहू ने भी इस घटना की निंदा की है।

लोकसभा के गठन के बाद प्रदेश सरकार की विदाई तय

बैरिया (बलिया), निप्र। प्रदेश के पूर्व मंत्री भाजपा नेता भरत सिंह ने कहा है कि नये लोकसभा के गठन के बाद प्रदेश की बसपा सरकार की विदाई हो जाएगी और लोगों का जातिगत आधार पर शोषण व अत्याचार का सिलसिला समाप्त हो जाएगा।

पूर्व मंत्री मंगलवार को बैरिया में कहा, माफिया समानान्तर सरकार चला रहे है व प्रशासनिक अधिकारी गरीबों को दोनों हाथों से लूट रहे है किन्तु यह खेल अब खत्म होने वाला है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केन्द्र में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में एक मजबूत सरकार बनने वाली है और केन्द्र में राजग के गठन के बाद संवैधानिक दायित्वों को इमानदारी पूर्वक निभाने, भय, भूख, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने वाले ही सरकार में रहेगे न कि प्रदेश को लूटने वाले।

Tuesday, May 12, 2009

बाल मनोविज्ञान ही शिक्षा का मूल आधार !

रसड़ा (बलिया), निप्र। समीपवर्ती ग्राम कमतैला में सोमवार को एक नये प्राथमिक विद्यालय महात्मा बुद्ध चिल्ड्रेन स्कूल का उद्घाटन श्रीमती फुलेहरा स्मारक स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय के प्रबन्धक गोविन्द नारायण सिंह ने ग्रामीण जनों की उपस्थिति में फीता काटकर किया।

इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री सिंह ने कहा कि सभी भाषाओं के अध्ययन व शोध का अवसर प्राप्त होना चाहिए। बालक के विकास में प्राथमिक विद्यालयों के महत्व को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने कहा कि शिशु शिक्षा के लिए आकर्षक एवं परिष्कृत वातावरण का सृजन करना चाहिए।

इसके पहले मुख्य अतिथि ने फीता काटकर विद्यालय के नये सत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालयों की उपादेयता को रेखांकित करते हुए बाल मनोविज्ञान को शिक्षण पद्धति का मूल आधार बताया और कहा कि शिशुओं के कोमल भावनाओं, अन्तर्निहित क्षमताओं और उनकी कलात्मक अभिरुचियों को परखकर उनके अनुसार शिक्षा प्रदान करने से ही शिक्षा की सार्थकता है।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वीर बहादुर वर्मा ने इस विद्यालय के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। लालबहादुर, कुंज बिहारी, भुनेन्द्र वर्मा, अजय सिंह, पिंटू सिंह, भूपेन्द्र सिंह समीम अन्सारी तथा हरे राम सिंह आदि ने भी विचार व्यक्त किये। प्रधानाचार्य रवीन्द्र कुशवाहा ने अतिथियों का अभिवादन कर क्षेत्र वासियों से सहयोग की अपेक्षा की। प्रबन्धक देवेन्द्र कुमार कुशवाहा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।

Monday, May 11, 2009

पुलिस मुठभेड़ में दबोचा गया कांट्रैक्ट किलर

बलिया। चितबड़ागांव थाना पुलिस ने सोमवार को क्षेत्र के मटिहीं पुल के पास से एक मुठभेड़ में कान्ट्रैक्ट किलर को धर दबोचा। इसके पास से लूट की एक लाइसेंसी रिवाल्वर तथा मोटरसाइकिल बरामद हुई। इसने पुलिस के सामने डकैत हृदयानंद यादव समेत तीन की हत्या कर शव टोंस नदी में बहाने का भी खुलासा किया। कांट्रैक्ट किलर संजय उर्फ बबलू सिंह पर पुलिस ने ढाई हजार का इनाम रखा था। इसके ऊपर लगभग एक दर्जन संगीन मुकदमे दर्ज हैं।

जानकारी के अनुसार चितबड़ागांव थानाध्यक्ष प्रभात राय अपने सहयोगी मनोहर, अनुपम, रमेश कन्नौजिया के साथ मटिहीं पुल पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी बीच हीरोहोण्डा पैशन मोटरसाइकिल से एक व्यक्ति आता हुआ दिखाई पड़ा। पुलिस पार्टी को देख वह गाड़ी छोड़कर बंधे की तरफ भागने लगा। पुलिस के पीछा करने पर उसने फायर झोंक दिया। पुलिस ने सतर्कता पूर्वक घेराबंदी कर बदमाश संजय उर्फ बबलू सिंह निवासी प्रधानपुर कोतवाली रसड़ा को धर दबोचा। उसकी गाड़ी यूपी 65 एसी 6769 की डिग्गी से 6 किग्रा गांजा बरामद हुआ। छानबीन में पता चला कि यह मोटरसाइकिल पकड़ी थाना क्षेत्र से लूटी गयी थी। साथ ही लाइसेंसी रिवाल्वर भी लूट की निकली। पुलिस के सामने इस कुख्यात अपराधी ने स्वीकार किया कि उसने दीपावली के दिन डकैत हृदयानंद यादव तथा मुलायम यादव की हत्या कर लखनेश्वरडीह के पास टोंस नदी में शव को फेंक दिया था। यह रिवाल्वर उसने हृदयानंद से छिना था। यह रिवाल्वर हृदयानंद ने सिकंदरपुर में गुड्डूं सिंह ठेकेदार से छिना था। इसका मुकदमा भी सिकंदरपुर थाने में कायम है। उसने बताया कि बिहार के छपरा जनपद के बदमाश संजय की भी हत्या कर उसने शव टोंस नदी में फेंक दिया था। पुलिस अधीक्षक लाल जी शुक्ला ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह हत्या, लूट व छिनैती की घटना को अंजाम देता था। इसके ऊपर ढाई हजार का इनाम रखा गया था। इस शातिर अपराधी ने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में मारा गया बबलू उर्फ नौशाद तथा मिथिलेश उर्फ बबलू से भी उसके अच्छे संबंध थे।


एसपी ने दिए ढाई हजार

बलिया: पुलिस अधीक्षक लाल जी शुक्ल ने कांट्रेक्ट किलर को पकड़ने वाली टीम को ढाई हजार का इनाम देने की घोषणा की है। साथ ही आईजी से इनाम राशि बढ़ाने की सिफारिश करने का आश्वासन भी दिया है।


चित्र परिचय-पुलिस मुठभेड़ में दबोचा गया कान्ट्रैक्ट कीलर संजय उर्फ बबलू सिंह इनसेट में बरामद बाइक व लाइसेंसी असलहा।

Sunday, May 10, 2009

312 शिक्षकों को नहीं मिला प्रशिक्षण भत्ता, आक्रोश

बैरिया (बलिया)। मानक पर खरा उतरने के बाद शिक्षक बने 312 लोगों को अभी तक वेतन तो दूर प्रशिक्षण भत्ता भी नहीं मिल सका। इस कारण इन शिक्षकों का आर्थिक ढांचा डगमगाने लगा है। विभाग इन शिक्षकों के प्रति पूरी तरह उदासीनता बरत रहा है जबकि उसके पास भरपूर मात्रा में धन भी उपलब्ध है।

उल्लेखनीय है कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पकवाइनार पर 28 अप्रैल 08 से विशिष्ट बीटीसी में चयनित 231 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण शुरू हुआ था। इन अभ्यर्थियों के साथ वर्ष 01 के 81 बीटीसी अभ्यर्थी भी शामिल हो गये। सभी 231 अभ्यर्थियों ने नौ फरवरी को प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद 10 फरवरी को सम्बन्धित प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के रूप में पदभार भी ग्रहण कर लिया। प्रशिक्षण के दौरान इन शिक्षकों को 2500 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से भत्ता विभाग द्वारा मिलना था किन्तु प्रशिक्षण केन्द्र पर उन्हे एक पाई भी नहीं मिली। पुरजोर मांग के बाद भी विभाग ने इन शिक्षकों पर रहम नहीं किया। करीब तीन माह बीत गये किन्तु अब तक एक टका भी नसीब नहीं हुआ।

Saturday, May 9, 2009

अंध विश्वास मुक्त मानवतावादी जीवन का रास्ता दिया बुद्ध ने

बलिया। तथागत गौतम बुद्ध की जयंती शनिवार को स्थानीय बाबा साहब डा. अम्बेडकर संस्थान कलेक्ट्रेट परिसर में धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर उपस्थित बुद्ध प्रेमी एवं श्रद्धालुओं ने उनके जीवन, व्यक्तित्व, कृतत्व पर विस्तार से चर्चा किया। लक्ष्मी नारायन चौहान एडवोकेट ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुनिया और समाज को आज भी बुद्ध की जरूरत है। क्योंकि बुद्ध महान वैज्ञानिक, दार्शनिक दूरदर्शी थे। उन्होंने दुनिया को बौद्धिक अन्धविश्वास मुक्त मानवतावादी जीवन जीने का नया रास्ता दिया। शैलेश धुसिया प्रमुख प्रतिनिधि दुबहड़ ने कहा कि बुद्ध एवं उनके विचारों की प्रासंगिकता जितनी पहले रही उतनी ही आज भी बनी हुई है क्योंकि उनके धम्भ ही समाजवादी, समता वादी, मानवतावादी समाज का निर्माण कर सकते हैं। धार्मिक पाखण्ड से समाज को मुक्ति दिला सकते हैं। इस अवसर पर विचार व्यक्त करने वालों में दिनेश कुमार शुक्ल, एस बौद्ध, गुलबदन बौद्ध, रामलगन बौद्ध, विकल जी, श्रीराम बौद्ध, डा. उमाशंकर निषाद, रवीन्द्र यादव, पीएन राम, लाल मोहर राम, दरोगा राम, राम प्रवेश राजभर, अशोक कुमार, गणेश गुप्ता, अमरनाथ फौजदार आदि प्रमुख रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के संस्थापक एस प्रताप वैध और संचालन हरिशंकर पटेल ने किया।

Friday, May 8, 2009

दहेज को लेकर बिन शादी बैरंग लौटी बारात !

बलिया। दहेज के लेन-देन को लेकर हुई तना-तनी में बिना विवाह के ही एक बारात बैरंग वापस लौट गयी जबकि आक्रोशित गांव वालों ने तिलक में दिये गये सामानों की वापसी हेतु दबाव बनाने के लिए वर के बहनोई को बंधक बना लिया है। वहीं वर पक्ष के लालची स्वभाव से खिन्न हो दुल्हन ने भी शादी करने से इंकार कर दिया। यह वाकया है क्षेत्र के गांव बालूपुर का जहां गुरुवार को मनियर थाना क्षेत्र के मुड़ियारी गांव से एक गोड़ परिवार में बारात आयी थी।

बताते है कि बालूपुर निवासी लालबहादुर गोड़ ने अपनी पुत्री मीना की शादी मनियर थाना क्षेत्र के गांव मुड़ियारी निवासी बब्बन के पुत्र रिंकू से तय की थी। एक सप्ताह पूर्व तिलक के दिन लाल बहादुर ने शादी के लिए तय नकदी और सामान वर पक्ष को दे दिया था। इसमें तीन हजार रुपया देने को बाकी रह गया था। निर्धारित तारीख 7 मई को बब्बन अपने पुत्र की बारात लेकर लाल बहादुर के दरवाजे पर आया। द्वारपूजा के बाद बब्बन ने लड़की के पिता से बकाया 3 हजार रुपये की मांग करना शुरू कर दिया, जिसे लेकर दोनों में तनाव बढ़ना शुरू हो गया। इस खबर से गांव, घर व कन्या पक्ष में मायूसी छा गयी। लड़की के पिता लाल बहादुर द्वारा काफी हाथ-पैर जोड़ने व इज्जत की दुहाई देने के बावजूद उसकी हर फरियाद अनसुनी कर रुपया नहीं मिलने पर शादी नहीं करने की धमकी देते बब्बन गोड़ अपनी बारात लेकर वापस जाने लगा। इस दौरान मौके पर एकत्रित वधू पक्ष के रिश्तेदारों, गांव वालों ने दोनों पक्षों में सुलह कराने का भरसक प्रयास किया। किन्तु वर पक्ष की जिद के आगे उनकी एक न चली और बारात वापस चली गयी। इससे गांव वालों में आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने बब्बन के दामाद को बंधक बना लिया। गांव वालों के अनुसार बारातियों सहित वर व उसके पिता ने भी शराब पी लिया था जो शादी के टूट जाने में और सहायक बना। उधर वधू को जब वर के शराब पीने और उसके लालची स्वभाव का पता चला तो जैसे उसके अरमानों पर बिजली गिर गयी और उसने शराबी व लालची वर से शादी करने से साफ इंकार कर दिया। दोनों पक्षों में तना-तनी बनी हुई है और मामला पुलिस तक पहुंच गया है।


बिना दहेज की शादी बनी मिसाल

सिकंदरपुर : स्थानीय एक मंदिर में शुक्रवार को बिना किसी लेन-देन के हुआ एक आदर्श विवाह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। बताते है कि समीप के गांव गंगा किशोर निवासी योगेंद्र वर्मा ने अपने पुत्र धर्मेद्र की दहेज रहित शादी गांव कंसो थाना हलधरपुर निवासी स्व.लालजी वर्मा की पुत्री सुमन वर्मा के साथ तय की थी। शुक्रवार को वर-वधू पक्ष दोनों स्थानीय जल्पा मंदिर में पहुंच गये और वर ने वधू को जयमाला पहनाकर अपना जीवन संगिनी बना लिया। शादी के बाद मौके पर मौजूद लोगों ने वर व वधू को आशीष देकर उनके मंगलमय जीवन के कामना के साथ उन्हे विदाई दिया। इस मौके पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

दहेज लोभियों को ठुकराने वाली पूजा को विपिन ने अपनाया !

बलिया। यह सुखद संयोग ही है कि जिस लड़की को दहेज के लोभ में शराबी दूल्हे व उसके पिता के कारण शादी से इनकार करना पड़ा था उसे 36 घंटे के अन्दर ही इसारी सलेमपुर निवासी रामकृपाल सिंह ने अपने बड़े पुत्र विपिन के साथ शादी के बन्धन में बंधवाकर उदारता एवं महानता का परिचय दिया है। इस शादी से गम का माहौल खुशी में बदल गया है।

बताते है कि छिब्बी निवासी जयनाथ सिंह की पुत्री पूजा सिंह की बारात भीमपुरा थाना क्षेत्र के नवादा गांव से बुधवार को आयी थी जिसमें दूल्हे के पिता रमेश सिंह व दूल्हा सत्यप्रकाश ने नशे में धुत होकर अचानक दहेज की मांग उठा दी और मारपीट शुरू कर दिया। इससे खिन्न होकर पूजा ने शादी से ही इनकार कर दिया था। परिणाम स्वरूप गुरुवार को कन्या पक्ष ने पूर्व में दिये गये दहेज की रकम की मांग को लेकर दूल्हा, उसके पिता तथा उसके परिजनों को बन्धक बना रखा था। घंटों बाद दहेज की रकम अदा करने के बाद कन्या पक्ष ने उनकी रिहाई कर दी थी।

इस घटना की खबर जंगल की आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गयी और चारों तरफ पूजा के इस कदम की सराहना की जाने लगी। अभी 36 घंटे भी नहीं बीते थे कि इसारी सलेमपुर निवासी रामकृपाल सिंह ने अपने बड़े पुत्र विपिन की शादी का प्रस्ताव बिना दहेज लिये ही जयनाथ के सामने रखा। पूजा के साहसी कदम से पवन, विपेन्द्र तथा मनीष कुमार जैसे प्रभावशाली युवक काफी प्रभावित हुए और उन्होंने आनन फानन में शुक्रवार को दोपहर में ही उसी मण्डप में पूजा की शादी विपिन से रचवा दी। इस मौके पर गांव के काफी संख्या में स्त्री, पुरुष व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।



पूजा पुरस्कृत

रसड़ा : दहेज लोभी दरिन्दों की शिकार पूजा के साहस की पूरे जनपद में प्रशंसा की जा रही है। दहेज से संघर्ष कर एक मिसाल बनी पूजा के कारनामों पर प्रसन्न होकर चिलकहर के विधायक प्रतिनिधि सेवा पाण्डेय ने जहां उसे पांच हजार एक रुपये का पुरस्कार प्रदान किया वहीं रसड़ा ग्राम प्रधान संघ के महामंत्री अरुण कुमार सिंह मुन्ना ने उसकी प्रशंसा करते हुए अन्य कन्याओं को भी पूजा के इस सराहनीय कदम से सबक लेने का आह्वान किया है।



दहेज लोभी फंसे कानून के शिकंजे में

रसड़ा (बलिया): रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के छिब्बी गांव में आयी बारात और दहेज लोभी दूल्हा व उसके पिता द्वारा उत्पात मचाये जाने के बाद दुल्हन द्वारा शादी से इनकार कर दिये जाने की घटना पर रसड़ा पुलिस तत्काल हरकत में आयी और उसने दुल्हन पूजा की भाभी दीपमाला पत्‍‌नी अशोक सिंह की तहरीर पर दूल्हा सत्यप्रकाश पुत्र रमेश सिंह, पिता रमेश सिंह, भाई अजय सिंह तथा उसकी भाभी ऊषा सिंह पर कानूनी शिकंजा कसते हुए दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी गयी तहरीर में दीपमाला ने आरोप लगाया है कि दरवाजे पर आयी बारात के समय ही वर पक्ष द्वारा दहेज के रूप में 40 हजार रुपये देने की मांग की गयी और न देने पर वर पक्ष द्वारा काफी हंगामा, उत्पात तथा मारपीट की भी कार्रवाई की गयी। पुलिस ने इस आरोप के तहत अपराध संख्या 182/ 09 धारा 323/ 506 आईपीसी के अलावा दहेज निवारण अधिनियम 3/ 4 डीपी एक्ट का मामला दर्ज कर लिया है।

Thursday, May 7, 2009

शराबी दूल्हे को देख बिदकी दुल्हन, शादी से किया इंकार !

बलिया। दहेज के दरिंदों को बुधवार की रात उस समय करारा झटका लगा जब रसड़ा क्षेत्र के छिब्बी गांव में दहेज के लिए शराब पीकर बवाल कर रहे दूल्हे व उसके पिता के सामने दुल्हन ने आकर शादी करने से इंकार कर दिया। इस पर सारे बाराती भाग खड़े हुए। इससे खुशी का माहौल पल भर में ही गमगीन हो गया। दहेज की रकम वापस लेने के लिए लड़की पक्ष ने लड़के वाले को दूसरे दिन दोपहर तक बंधक बनाये रखा। दहेज में दी गयी पचास हजार की धनराशि वापस लौटाने के बाद ही उन्हे बंधन से मुक्त किया गया। लड़की द्वारा उठाये गये इस कड़े कदम की सराहना सर्वत्र हो रही है।

जानकारी के अनुसार भीमपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम नवादा बरंवा रति पट्टी निवासी रमेश सिंह के पुत्र सत्य प्रकाश की बारात छिब्बी निवासी जयनाथ सिंह के यहां बुधवार की शाम आयी थी। उस समय चारों तरफ खुशी का माहौल था। हर कोई बारातियों के स्वागत में लगा हुआ था। धूमधाम से द्वारपूजा की रस्म अदायगी की गयी। इसके बाद बाराती पक्ष जनवासे में चला गया। घंटों बाद कन्या पक्ष परम्परा के अनुसार आज्ञा विजय लेकर जनवासे में पहुंचा। उस समय दूल्हा व उसके पिता सहित अन्य परिजन नशे में धुत दिखे और तत्काल लड़की वाले से दहेज की बकाया रकम 40 हजार रुपये की मांग करते हुए विवाह मण्डप में जाने से इनकार कर दिया।

बताते है कि इस खबर से एक तरफ जहां गांव, घर व कन्या पक्ष में मायूसी छा गयी वहीं काफी मान-मनौव्वल के बाद भी दूल्हे के पिता व दूल्हे राजा पर कोई असर नहीं पड़ा। लड़की का पिता काफी मिन्नत के साथ ही इज्जात की दुहाई दे रहा था लेकिन दहेज के लोभी उसकी हर फरियाद अनसुनी कर दे रहे थे। जब इस प्रकरण की भनक दुल्हन पूजा सिंह को मिली तो उसने हिम्मत जुटाई और सीधे शादी करने से इनकार कर दिया। देर रात तक मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा। कहते है कि इसी बीच दूल्हा अपने साथियों के साथ नशे की हालत में मण्डप में पहुंच हंगामा खड़ा कर दिया। बताते है इसको लेकर मारपीट भी हुई। मण्डप में हुड़दंग देख रातोरात बराती भाग खड़े हुए। इधर लड़की पक्ष ने दूल्हे राजा व उसके पिता के साथ अन्य परिजनों को भी बन्धक बना लिया। शर्त रखी कि दहेज में दिये गये धन एवं सामानों की वापसी के बाद ही इन्हे मुक्त किया जायेगा। उधर लड़की के पिता जयनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि उसने अपनी बेटी की शादी के क्रम में तिलक के अवसर पर अपना खेत बन्धक रखकर और रिश्तेदारों से पैसा लेकर वर पक्ष की इच्छा पूरी की थी। फिर भी मण्डप मे उनसे पैसे की मांग की जाती रही। उधर लड़के के पिता ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि कन्या पक्ष द्वारा जानबूझ कर उन्हे परेशान किया जा रहा है जबकि दूल्हे का कहना था कि कन्या पक्ष के लोगों द्वारा बेवजह उसकी धुनाई की गयी।

इन्दरपुर प्रतिनिधि के अनुसार बन्धक बनाये गये वर पक्ष द्वारा दहेज के रूप में दी गयी 50 हजार की धनराशि लौटा देने के बाद कन्या पक्ष ने उन्हे छोड़ दिया। इस बीच बन्धक बनाये जाने की सूचना पर प्रभारी निरीक्षक रसड़ा कोतवाली एचपी गौतम भी मौके पर पहुंच गये और उन्होंने सारी स्थिति का जायजा लिया।


पूजा ने पेश की मिसाल, सबने सराहा

इन्दरपुर: सपा विधायक सनातन पाण्डेय के छोटे भाई सेवा पाण्डेय ने पूजा सिंह के इस निर्णय को सराहा है। कहा कि शराबी दूल्हे का विरोध कर उसने समाज में एक मिसाल कायम की है। गरीब परिवार के होने के बाद भी परिवार व गांव वालों ने भी उसका साथ दिया। श्री पाण्डेय ने कहा कि इसी तरह महिलाओं को जागरूक होना पड़ेगा तभी जाकर समाज से बुराई का अंत होगा।

Wednesday, May 6, 2009

गरीबों का बारह हजार कुंतल खाद्यान्न आखिर जाता है कहां ?

बलिया। हर महीने सरकार गरीबों के लिए उपलब्ध कराती है लगभग 12 हजार कुंतल खाद्यान्न फिर भी इन दिनों गरीब फांकाकशी के शिकार है। आखिर कहां जाता है सरकार द्वारा रियायती दर से दिया जाने वाला यह खाद्यान्न।

मामला बैरिया तहसील क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का है जहां बैरिया विकास खण्ड क्षेत्र के कोटेदारों को अत्यन्त गरीबों को दिया जाने वाला बीपीएल का प्रतिमाह 1309.50 कुंतल गेहूं, 1746.60 कुंतल चावल व अन्त्योदय का 558 कुंतल गेहूं, 1395 कुंतल चावल वहीं मुरली छपरा में बीपीएल के तहत 1313.30 कुंतल गेहूं, 1480.40 कुंतल चावल, अन्त्योदय योजना के तहत 495 कुंतल गेहूं, 1237 कुंतल चावल, रेवती आंशिक में बीपीएल का 488.40 कुंतल गेहूं व 651.20 कुंतल चावल, अन्त्योदय का 200.30 कुंतल गेहूं व 500.60 कुंतल चावल यानी कुल लगभग 12 हजार कुंतल खाद्यान्न गरीबों को रियायती दर पर देने के लिए आता है। फिर भी क्षेत्र में भूखे पेट सोने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। सरकार एक तरफ दावा करती है कि भूखे पेट किसी गरीब को सोने नहीं दिया जाएगा वहीं दूसरी ओर कार्ड होने के बावजूद पात्रों को अपेक्षित खाद्यान्न नहीं मिला पाता। आखिर कहां चला जाता है यह खाद्यान्न, क्या गरीबों के पास राशन कार्ड नहीं है या उनके पास उठान करने में पैसे का अभाव है या फिर कालाबाजारी व भ्रष्टाचार।

सरकार गरीबों का जीवन स्तर उठाने के लिए बहुत सारी घोषणाएं कर चुकी है, दर्जनों कार्यक्रम लागू किए गए हैं, फिर भी परिणाम ढाक के तीन पात। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की दिनोंदिन ऊंची होती अट्टालिकाएं व गाड़ियों की बढ़ती संख्या में कहीं न कहीं गरीबों का हक समाहित हो गया है जिससे गरीब और गरीब तथा धनी और धनी होते जा रहे हैं। पिछले पांच वर्षों से प्रकृति की प्रतिकूलता के कारण किसानों की कमर टूट गई है। ऐसे में फांकाकशी और भूखे पेट सोने के अलावा मजदूरों व किसानों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।

Tuesday, May 5, 2009

आईएएस में चयनित संजय ने बढ़ाया बलिया का मान !

हौसला बुलंद हों और इरादे नेक हों तो जिंदगी के हर इम्तिहान में कामयाबी मिलनी तय है। इसे सच कर दिखाया है संघ लोक सेवा आयोग की भारतीय प्रशासनिक सेवा परीक्षा में 387वां रैक पाकर चयनित बलिया जनपद के बिल्थरारोड तहसील के चौकिया मोड़ निवासी संजय चौरसिया ने। श्री चौरसिया का यह चौथा प्रयास था। पिछले तीन मौकों पर वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे। फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी थी। उनके चयन से क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

बिल्थरारोड तहसील क्षेत्र के उभांव थाना अंतर्गत चौकिया मोड़ निवासी केदारनाथ चौरसिया के सबसे छोटे पुत्र संजय ने गांव की गलियों से नीली बत्ती तक का सफर यूं ही नहीं तय किया। एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले संजय को उसके अनपढ़ पिता ने स्वयं मुफलिसी की जिंदगी जीने के बावजूद उसे भगीरथ प्रयास की प्रेरणा दी जिसे अपने जीवन का उद्देश्य बना चुके थे संजय। पढ़ाई में वह शुरू से ही अव्वल थे। स्थानीय डीएवी इंटर कालेज से ही 1993 में हाईस्कूल की परीक्षा में टाप करने के बाद इंटर भी यहीं से अच्छे नम्बर से पास किया। इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए इलाहाबाद चले गये। 1999 में कानपुर विश्वविद्यालय से तीसरे रैक के साथ बीएड करने के बाद उन्हे कई नौकरियां मिली। किंतु कुछ और ही करने का लक्ष्य बना चुके संजय ने स्नातकोत्तर के बाद लेक्चरर होने के बावजूद ज्वाइन नहीं किया। पिछले तीन वर्ष से वह इलाहाबाद में मार्केटिंग अधिकारी के रूप में कार्यरत है।

क्षेत्र के सपूत के आईएएस में चयन होने की खबर मिलते ही उसके पैतृक गांव समेत आस-पास के क्षेत्रों में खुशी की लहर दौड़ गयी। उनके पिता केदारनाथ चौरसिया ने बेटे की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुये कहा कि उनके बेटे ने सीयर समेत पूरे जनपद का मान बढ़ाया है।

ज्ञात हो आईएएस में चयनित श्री चौरसिया उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के पूर्व निदेशक भगवान शंकर के फुफेरे भाई भी हैं।


आत्म विश्वास, मौलिक सोच व सहज लेखन अपरिहार्य : संजय

बलिया : सच है सफलता के पीछे आदमी के आत्मिक कारण सबसे प्रभावी होते है। ऐसा ही कुछ हुआ बलिया के संजय चौरसिया के साथ। आईएएस में 387 रैकर संजय इलाहाबाद में मार्केटिंग आफिसर है। सफलता से लबरेज संजय ने टेलीफोनिक बातचीत में कहा कि प्रतियोगी छात्रों को आत्मविश्वास, मौलिक सोच और सहज लेखन को वरीयता देनी चाहिए। संजय ने बताया कि उन्होंने बिल्थरारोड से इंटर करने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राचीन इतिहास से एमए किया। यूजीसी से तुरन्त 10 हजार की स्कालरशिप मिली। वर्तमान में मार्केटिंग आफिसर के रूप में कार्यरत रह कम समय में से ही समय निकालकर तैयारी में लगा रहा। संजय ने बताया कि सफलता के पीछे सतत अभ्यास है। उन्होंने कहा कि किताबों से समरी इकट्ठा कर अपनी सोच के साथ एकदम सहज लेखन पर बल दिया। बताया कि नौकरी के बाद सुबह शाम जब भी समय मिलता था अध्ययन, मौलिक लेखन, तुलनात्मक अध्ययन और सहज भाषा पर विशेष जोर देता था। कहा तुलनात्मक अध्ययन और मौलिक शैली ने ज्यादा काम किया। उदाहर के तौर पर बताया जैसे 1857 की क्रांति के बारे में लिखने में 1776 की अमेरिकी सिचुएशन के बारे में तुलनात्मक तरजीह देने से निश्चित रूप से फायदा होगा। संजय ने कहा कि पढ़ना मौलिक सोचना सहज लिखना प्रतियोगी छात्रों की सफलता के लिए अनिवार्य है।

बहुत ही सादगी व सामान्य जीवन जीने वाले संजय चौरसिया ने अपनी सफलता को अपने पिता केदारनाथ चौरसिया की प्रेरणा, भाइयों का प्यार व पूरे परिवार के सहयोग का परिणाम बताया है। कहा कि समाज के विकास व बढ़ी विसंगतियों को दूर करने के लिये भगीरथ प्रयास करूंगा। एक सवाल के जवाब में संजय ने कहा कि पूर्वाचल में हर तीन किलोमीटर की परिधि में एक व्यक्ति या तो आईएएस, पीसीएस होता है, या एमपी, एमएलए या मंत्री जिसका मूल कारण है यहां की मजबूरी, बेरोजगारी व बिगड़ चुका सामाजिक ढांचा जिसे एक सार्थक व ठोस प्रयास से ही दूर किया जा सकता है।

Monday, May 4, 2009

क्रय केन्द्र का फंडा: अपना कांटा लाओ जल्दी जाओ

बलिया। कहने को तो अपने कृषि प्रधान देश की धरती गेहूं व धान के रूप में सोना उगलती है। इस सोने से पूरे देश का पेट भरता है फिर भी इन किसानों के दर्द को दूर करना तो दूर, इसे समझने को भी शायद किसी के पास फुर्सत नहीं है। धान-गेहूं उगाने के दौरान तो किसान डीएपी व यूरिया की किल्लत झेलते ही हैं अब गेहूं को मंडी व क्रय केन्द्रों तक पहुंचाने की समस्या से जूझ रहे हैं। जहां उन्हे व्यक्तिगत से लेकर संसाधन के जुगाड़ तंत्र का सहारा लेना पड़ रहा है। क्योंकि यहां सबसे पहले छोटे व बड़े काश्तकार के फासले से निपटना पड़ता है। अब इसे अधिकारियों व कर्मचारियों की लालफीताशाही कहें या किसानों की कमजोरी जो इस व्यवस्था का विरोध तक नहीं कर पाते। यही कारण है कि इन दिनों क्रय केन्द्रों की व्यवस्था का लाभ पाने से छोटे किसान तो वंचित हो ही रहे है साथ ही अब दूर भी होते जा रहे हैं। विभागीय क्रय केन्द्रों में किसानों को पहले नंबर लगाने व उसके बाद नंबर आने की जद्दोजहद झेलनी पड़ती है। फिर केन्द्र पर लाकर कांटा तक पहुंचाने का काम करना पड़ता है। हालांकि विभाग द्वारा अघोषित रूप से चलाया जा रहा फंडा कि साथ में कांटा लाओ-जल्दी जाओ कुछ बड़े काश्तकारों को तो लाभ दे रहा है जो अपने साथ गेहूं को तोलने के संसाधन भी लाते हैं और अपने ही मजदूरों से तौलवाने के बाद आराम से चले जाते हैं किंतु ऐसे में वे छोटे किसान उपेक्षा के शिकार हो जाते हैं जो अपना गेहूं देने के लिये दो से तीन दिन तक मंडी व क्रय केन्द्र पर ही जमे होते हैं। लगभग यही हाल स्थानीय बिठुआ मार्ग स्थित क्रय विक्रय सहकारी समिति, मधुबन मार्ग स्थित एफसीआई क्रय केन्द्र व कृषि मंडी के क्रय केन्द्र का भी है।

स्थानीय एफसीआई केन्द्र पर अपने गेहूं विक्रय के लिये पहुंचे शाहपुर अफगा निवासी कमला प्रसाद ने बताया कि केन्द्र के अधिकारियों की व्यवस्था कहीं से भी किसानों के हित में नहीं है।

वहीं स्थानीय कृषि मंडी के क्रय केन्द्र पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे छिटकियां गांव निवासी विजय बहादुर यादव ने बताया कि गत 28 अप्रैल को नंबर लगाने के बाद एक मई को गेहूं देने हेतु बुलाया तो गया किंतु गेहूं के साथ लगातार चक्कर लगाने के बावजूद आज तक गेहूं की खरीदारी नहीं की जा सकी है।

मिश्रवली मसांव गांव निवासी प्रेमनारायण यादव व मनोज मिश्रा ग्राम मिश्रवली ने विभाग की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त किया। कहा गेहूं विक्रय हेतु तौल के लिये कांटा से लेकर सुतली व सुआ तक किसानों से ही मांगे जाते हैं।

तुर्तीपार निवासी रामजीत सिंह ने बताया कि उनका क्षेत्र बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में आता है जहां वर्ष में मुश्किल से एक ही फसल हो पाती है। बताया इसी गांव निवासी भगवती सिंह के घर उसकी बेटी की शादी इसी माह होना तय है जिसकी तैयारी के लिये अगर समय से उसकी गेहूं की खरीदारी नहीं की गयी तो शायद ही वह अपनी बिटिया की शादी कर पाये। यही कारण है कि वह मजबूरन अपना गेहूं बिचौलियों को भी देने को विवश हो गया है।

ब-

पेस्ट

पर्याप्त आ गयी है बोरी, अब नहीं होगी कमी: एसडीएम

बिल्थरारोड : गेहूं क्रय हेतु केन्द्रों पर होने वाली बोरी की किल्लत की समस्या जल्द ही दूर हो जायेगी। उक्त बातें एसडीएम कैलाशनाथ वर्मा ने कही। बताया कि किसानों द्वारा गेहूं क्रय के दौरान केन्द्रों पर अक्सर परेशानी तो झेलनी पड़ती है किंतु सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इससे निजात मिल जायेगी क्योंकि बोरी की रेक आजमगढ़ तक आ चुकी है और जल्द ही यहां भी उपलब्ध हो जायेगा।

Sunday, May 3, 2009

गमों को भूलकर खूब हंसा और हंसाया

बलिया। विश्व हास्य दिवस पर रविवार को यहां लोग अपने गमों व शिकवों को भूलकर खूब हंसे तथा अपने परिजनों एवं मित्रों को हंसाया। नगर एवं चट्टी चौराहों, होटलों, प्रतिष्ठानों तथा घरों में एक साथ जमा हुए लोगों ने अचानक चुटकुले सुनाएं और देखते-देखते हंसी के फव्वारे छूटने लगे। क्षण भर लोग इस हंसी का राज नहीं समझ पाये लेकिन जब उन्हे हास्य दिवस की याद दिलायी गयी तो वे पुन: ठहाके मारकर हंसने लगे।

विश्व हांस्य दिवस की विशेषता के बारे में पूछे जाने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रसड़ा के फीजिशियन एवं हृदय रोग विशेषज्ञ डा.एसके सिंह ने बताया कि गमों को भूल कर प्रसन्नचित्त रहने वाला व्यक्ति स्वस्थ रहता है तथा वह हृदय रोग से दूर रहता है। इसी को ध्यान में रखकर विश्व हास्य दिवस मनाने की परम्परा शुरू की गयी थी।

बैंक मैनेजर का चालक गाड़ी सहित फरार

बलिया। स्थानीय थाना क्षेत्र के रामपुर असली गांव से शनिवार की रात को चालक ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक की बोलेरो को लेकर फरार हो गया। इस घटना की प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है। बताते हैं कि बेरूआरबारी ग्रामीण बैंक शाखा व प्रबंधक कौशल किशोर सिंह अपनी बोलेरो यूपी 60 एल/601 से रामपुर असली गांव में शादी समारोह में भाग लेने गये हुए थे। गाड़ी को चालक वीरेन्द्र सिंह पुत्र सुरेश निवासी पिपरिया चला रहा था। कुछ देर बार शाखा प्रबंधक लौटकर आये तो चालक गाड़ी सहित गायब था। काफी खोजबीन के बाद भी गाड़ी व चालक का पता नहीं चल सका। घटना की सूचना पुलिस को दी गयी है। पुलिस ने धारा 406 के तहत मुकदमा कायम कर लिया है। पुलिस गाड़ी चालक की तलाश में जुट गयी है।

जाति धर्म की संकीर्ण भावना का परित्याग जरूरी !

बलिया। क्षेत्र के सदगुरू योधन साहब विहंगम योग संस्थान मलवार के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक सत्संग समारोह रविवार को भण्डारा के आयोजन के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सत्संग विचार गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन के कार्यक्रम आयोजित थे जिनमें बलिया सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों मप्र, बिहार, हरियाणा, दिल्ली आदि के हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक संत रामलाल यादव ने अपने प्रवचन में छुआछूत, जाति व धर्मवाद के समापन और समरस समाज के स्थापन पर बल दिया। कहा कि मानव समाज एक है तथा जब तक जाति व धर्म की संकीर्ण भावना समाप्त नहीं होगी तब तक एक बेहतर समाज के निर्माण की कल्पना बेमानी है। अध्यक्षीय सम्बोधन में संत राजेन्द्र मौर्य ने विहंगम योग की महत्ता के बारे में चर्चा की। उदय नारायन ने अतिथि सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। सत्संग में भाग लने वाले प्रमुख लोगों में संत चैत साहब, गईया बाबा, धाकड़ जी, प्रेमलाल लोधी, भोजपुरी भूषण नन्द जी नन्दा, अमरेश यादव, अमन प्रसाद आदि शामिल रहे।

Friday, May 1, 2009

उल्फा उग्रवादियों के हमले में बलिया का जवान शहीद !

बलिया। मणिपुर प्रांत के मोरे स्थान पर स्थित कैम्प कार्यालय पर उल्फा उग्रवादियों द्वारा किये गये हमले में बलिया का एक जवान शहीद हो गया। घटना 29 अप्रैल को पूर्वाह्न करीब 9 बजे की है। इस जांबाज का शव असम रायफल्स के जवानों द्वारा उसके पैतृक गांव लाया जा रहा है जिसके दो मई को यहां पहुंचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। खबर मिलते ही गांव में मातम सा छा गया है।

जानकारी के अनुसार जनपद के बसंतपुर निवासी रमेश सिंह असम रायफल्स में लांस नायक हवलदार के पद पर कार्यरत थे। इस दौरान उनकी तैनाती मणिपुर के मोरे में स्थित कैम्प कार्यालय पर थी। बताते है कि उल्फा उग्रवादियों द्वारा चुनाव बहिष्कार का एलान किया गया था जिसको लेकर वहां का प्रशासन एलर्ट था और इनसे निबटने के लिए जवानों को निर्देश दे दिये गये थे। सूत्रों के अनुसार 29 अप्रैल की सुबह कैम्प कार्यालय पर असम रायफल्स के जवान जब अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे तभी करीब पूर्वाह्न 9 बजे उल्फा उग्रवादियों ने कैम्प पर हमला बोल दिया। हवलदार रमेश सिंह बिना समय जाया किये मोर्चा सम्भाल लिये। गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहल गया। रमेश व उनके साथियों ने उग्रवादियों को अपने पैर पीछे खींचने को मजबूर कर दिया। इसी बीच आतंकियों ने रमेश को अपने निशाने पर ले लिया। दनादन कई गोलियां उनके सीने को भेदती हुईं बाहर निकल गयीं। रमेश लहूलुहान होने के बावजूद मोर्चा सम्भाले रहे लेकिन कुछ देर बाद ही जमीन पर गिर पड़े और दम तोड़ दिया। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों के अनुसार असम रायफल्स के जवानों की अभिरक्षा में उनका शव पैतृक गांव लाया जा रहा है जिसके दो मई को देर रात यहां पहुंचने की सम्भावना व्यक्त की जा रही है।