Thursday, April 28, 2011

आदर देने वाला ही सम्मान का हकदार !

व्यक्ति की महानता उसके कर्मो से परिलक्षित होती है। दूसरों को सम्मान देने वाला ही सम्मान पाने का हकदार है। समाज में कतार के अंत में खड़े रहने वाले गरीबों के दु:ख-सुख में भागीदारी करके ही सफलता की मंजिल हासिल की जा सकती है। उक्त उद्गार युवा समाजसेवी व छात्रशक्ति इन्फ्रा कन्ट्रक्शन लिमिटेड के एमडी उमाशंकर सिंह ने नगरा क्षेत्र के ओम इण्टर कालेज डिहवां द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। कहा कि मै वादा नहीं कार्य पर विश्वास करता हूं। विकास कार्यो में क्षेत्रीयता के आधार पर भेदभाव करना मेरी फितरत नहीं है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जिले के हर क्षेत्र में बन रहीं खूबसूरत व स्मार्ट सड़कें हैं। उन्होंने कहा जनता मेरे लिये भगवान है। जनता का जो असीम स्नेह व प्यार मुझे मिल रहा है उसे देखकर हर पार्टी के नेताओं की नींद हराम हो गयी है। विद्यालय प्रांगण में पहुंचने पर सबसे पहले बाजे-गाजे के साथ उनका स्वागत किया गया। तत्पश्चात विद्यालय के प्रबंधक ओम प्रकाश गुप्त ने श्री सिंह को फूलों का गुलदस्ता व अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। समारोह में विचार प्रकट करने वालों में विशिष्ट अतिथि बृजभान चौहान, सरल गुप्त, राजकुमार पाण्डेय, लाल बाबू यादव, जब्बार अंसारी, मुक्तेश्वर सिंह, श्रीकांत यादव आदि रहे। व्यवस्थापक गोपाल गुप्त ने विशिष्ट अतिथि बृजभान चौहान को अंगवस्त्रम् से सम्मानित किया। अध्यक्षता जगन्नाथ सिंह व संचालन मुश्ताक अहमद ने किया। लोक कलाकार श्रीपाल प्रभाकर व राधेश्याम यादव ने अपनी गीतों के माध्यम से खूब जलवा बिखेरा। जनता की मांग पर मुख्य अतिथि ने नगरा-सिकन्दरपुर मार्ग पर डिहवां चट्टी से विद्यालय के लिए मार्ग निर्माण कराने का वादा भी किया।

Wednesday, April 27, 2011

अंग फड़कना भी होता है शुभ-अशुभ !

हमारा शरीर अन्य प्राणियों की तुलना में काफी संवेदनशील होता है। यही कारण है कि भविष्य में होने वाली घटना के प्रति हमारा शरीर पहले ही आशंका व्यक्त कर देता है। शरीर के विभिन्न अंगों का फड़कना भी भविष्य में होने वाली घटनाओं से हमें अवगत कराने का एक माध्यम है। नीचे विभिन्न अंगों के फड़कने के फलादेश दिए गए हैं- सिर के अलग-अलग हिस्सों के फड़कने का भिन्न-भिन्न अर्थ होता है जैसे- मस्तक फड़कने से भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। कनपटी फड़के तो इच्छाएं पूर्ण होती है। दाहिनी आंख व भौंह फड़के तो समस्त अभिलाषा पूर्ण होती है। बांई आंख व भौंह फड़के तो शुभ समाचार मिलता है। दोनों गाल यदि फड़के तो अतुल धन की प्राप्ति होती है। यदि होंठ फडफ़ड़ाएं तो हितैषी का आगमन होता है। मुंह का फड़कना पुत्र की ओर से शुभ समाचार का सूचक होता है। यदि लगातार दाहिनी पलक फडफ़ड़ाए तो शारीरिक कष्ट होता है।हाथ के विभिन्न हिस्सों का फड़कनादाहिनी ओर का कंधा फड़के तो धन-संपदा मिलती है। बांई ओर का फड़के तो सफलता मिलती है और यदि दोनों कंधे फड़कें तो झगड़े की संभावना रहती है। हथेली में यदि फडफ़ड़ाहत हो तो व्यक्ति किसी विपदा में फंस जाता है। हाथों की अंगुलियां फड़के तो मित्र से मिलना होता है। दाईं ओर की बाजू फड़के तो धन व यश लाभ तथा बाईं ओर की बाजू फड़के तो खोई वस्तु मिल जाती है। दाईं ओर की कोहनी फड़के तो झगड़ा होता है, बाईं ओर की कोहनी फड़के तो धन की प्राप्ति होती है।शरीर के मध्य भागों का फड़कनापीठ फड़के तो विपदा में फंसने की संभावना रहती है। दाहिनी ओर की बगल फड़के तो नेत्रों का रोग हो जाता है। पसलियां फड़के तो विपदा आती है। छाती में फडफ़ड़ाहट मित्र से मिलने का सूचक होती है। ह्रदय का ऊपरी भाग फड़के तो झगड़ा होने की संभावना होती है। नितंबों के फड़कने पर प्रसिद्धि व सुख मिलता है।पैर के विभिन्न हिस्सों का फड़कनादाहिनी ओर की जांघ फड़के तो अपमान होता है, बाईं ओर की फड़के तो धन लाभ होता है। गुप्तांग फड़के तो दूर की यात्रा पर जाना होता है। दाईं ओर का अंडकोष फड़के तो खोई वस्तु की प्राप्ति होती है, बाईं ओर का फड़के तो पुत्र से सुख और विदेश यात्रा का योग बनता है। दाहिनें पैर का तलवा फड़के तो कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बाईं ओर का फड़के तो निश्चित रूप से यात्रा पर जाना होता है।

Tuesday, April 26, 2011

डेयरी खोल बने युवाओं के रोल मॉडल !

अच्छी पगार वाली मनपसंद नौकरी हर युवक का सपना होती है लेकिन बढ़ती बेरोजगारी के बीच यह किसी चुनौती से कम नहीं। इसे महसूस करते हुए एक शख्स ने स्वरोजगार को चुना और बन बैठा दर्जनों युवाओं का रोल मॉडल। एक छोटे से डेयरी फर्म की शुरुआत के बाद आज वह लोगों को संदेश दे रहा है कि अपने लिए तो सभी जीते है, कुछ ऐसा करो कि औरों को भी रोजी-रोटी मिल सके। यहां बात हो रही है बैरिया डेरा निवासी स्व. रमाशंकर सिंह के पुत्र विनोद की जिसने वर्ष 08 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने घर के पास ही तीन गायों को रखकर छोटा सा डेयरी फर्म खोला। आज उनके पास अच्छी नस्ल की एक दर्जन से अधिक गायें हैं। विनोद इसे पूर्वाचल का सबसे बड़ा डेयरी फर्म बनाने की ख्वाहिश रखते है। उनके डेयरी फर्म का दूध पराग मिल्क व सुधा डेयरी को सप्लाई किया जाता है। डेयरी पर आसपास के पशुपालक भी अपना दूध बेचने आते है। क्षेत्रीय पशु अस्पताल के डा.के लाल भी उनकी भरपूर मदद करते है। विनोद के इस उद्योग ने एक दर्जन बेरोजगारों को तो काम दिया ही, छोटे पशुपालकों या दूध व्यवसायियों को भी बिना किसी भागदौड़ के उनके दूध की कीमत मिल जाती है।

रोज बिकता है डेढ़ से दो सौ लीटर दूध

महज तीन गायों से शुरू हुआ विनोद का डेयरी उद्योग अब ऊंचाइयों को छू रहा है। डेयरी से रोजाना 150-200 लीटर दूध की बिक्री होती है। प्रति लीटर 17 से 18 रुपये लीटर की दर से अर्थात यदि रोजाना 150 लीटर दूध 17 रुपये प्रति लीटर की भाव से भी बिका तो एक दिन का 2550 रुपये, एक महीने का 76,500 रुपये और एक साल का नौ लाख 17 हजार रुपये। गायों की खानपान व रख-रखाव में आए खर्च व उद्योग में लगे युवाओं की पगार मजदूरी को निकाल दिया जाय तो भी घर बैठे लाखों की सालाना कमाई।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना भी उपलब्ध

विनोद ने डेयरी की स्थापना में किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं ली है लेकिन उनका कहना है कि सरकारी स्तर पर शिक्षित बेरोजगारों के लिए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (पुराना नाम प्रधानमंत्री रोजगार योजना) संचालित है जिसका भरपूर लाभ युवाओं को उठाना चाहिये।

अधिकतम 25 लाख का मिलता है लोन

जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक शिवलाल बताते है कि लाभ लेने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास है। योजना के तहत बेरोजगार युवा को अधिकतम 25 लाख का लोन दिया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र के सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को लोन का 25 प्रतिशत तथा एससी-एसटी महिला व ओबीसी के अभ्यर्थियों के लिए 35 प्रतिशत छूट की व्यवस्था है।

आम के आम गुठलियों के दाम

इसे ही कहते है आम के आम गुठलियों के भी दाम। विनोद के डेयरी फर्म से रोजाना 150 से 200 लीटर दूध की बिक्री तो हो ही जाती है, गाय व उनके बछड़े, बछियों का गोबर भी अच्छी खासी रकम दे जाता है। विनोद ने बताया कि गोबर 700 रुपये प्रति ट्राली की दर से आसानी से बिक जाता है जिससे मवेशियों का चारा खरीद लेते हैं। यही नहीं सब्जी की खेती करने वाले किसान भी गोबर ले जाते हैं।

करायी सैर, जैम जेली बनाना भी सिखाया !

बालिकाओं को जनपद के प्रमुख कार्यालय, पर्यटन स्थल, मंदिर आदि की जानकारी देने के लिए सरकार द्वारा संचालित सर्वशिक्षा अभियान एनपीइजीइएल योजना के तहत शिक्षा क्षेत्र नगर के जूनियर हाईस्कूल की 200 छात्राओं को भ्रमण एवं जानकारी कराने हेतु मंगलवार को ले जाया गया।

चार बड़ी बसों में सवार इन बालिकाओं को कार्यक्रम के अनुसार सर्वप्रथम नगर स्थित भृगु जी मंदिर, बालेश्वर मंदिर, रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट, कम्पनी बाग, विकास भवन, पोस्ट आफिस, पुलिस कार्यालय दिखाया गया और उसके बारे में जानकारी दी गयी। सरकारी उद्यान में छात्राओं को फलों को संरक्षित कैसे करें इसकी जानकारी फल संरक्षण प्रभारी विशन सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि आफ सीजन में इन फलों को कैसे सुरक्षित रखा जाता है। इसके बाद यह टूर नगर के बाहर निकला और मां कपिलेश्वरी भवानी मंदिर कपूरी, मां मंगला भवानी मंदिर उजियार व डाकबंगला कोरण्टाडीह का भ्रमण कर शाम को वापस लौटा। नगर शिक्षा अधिकारी एके झा की मौजूदगी में नगर पालिका अध्यक्ष संजय उपाध्याय ने हरी झण्डी दिखाकर काफिले को रवाना किया। नगर क्षेत्र समन्वयक मो. वजैर के नेतृत्व में निकले इस टूर में पूर्व समन्वयक शिव प्रसाद पाण्डेय, इश्तियाक अहमद, शहाबुद्दीन खां, सरताज जमानी, हुस्न बानो, इन्दू सिंह, अर्चना पाण्डेय, सविता, पूजा मिश्रा, प्रमोद चन्द्र तिवारी, संजय कुमार सिंह, रविशंकर, नूर जहां बेगम आदि अध्यापक गण भी साथ रहे। इस टूर में कन्या जूनियर हाईस्कूल चौक, इन्दिरा कन्या जूनियर हाईस्कूल व जूनियर हाईस्कूल भृगुआश्रम की 200 छात्राएं शामिल रहीं।

Thursday, April 21, 2011

दृढ़ इच्छाशक्ति से मिलती कामयाबी !

दृढ़ इच्छा शक्ति व कठोर परिश्रम से ही इंसान को कामयाबी मिलती है। इसमें किसी भी तरह की उदासीनता सफलता की राह में रोड़ा बन सकती है। यह बातें सांसद नीरज शेखर ने कहीं। वह बुधवार की देर शाम नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय भृगु आश्रम के जीराबस्ती में निर्माणाधीन भवन स्थल पर आयोजित वार्षिकोत्सव को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान शारीरिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गंगा-जमुनी तहजीब प्रस्फुटित होकर दर्शकों को झूमने के लिये मजबूर करती रही। राहुल यादव का साइकिल प्रदर्शन, गोविंद का जादू एवं शमशेर खां के गीत लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बिन्दु बने रहे। इस अवसर पर भारतीय शिक्षा समिति पूर्वी उप्र के प्रदेश निरीक्षक चिंतामणि ने प्रस्ताविकी, विद्यालय के प्रबंधक अक्षय कुमार ठाकुर ने विद्यालय का वृत्त निवेदन प्रस्तुत किया जबकि अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्रधानाचार्य मणिराम मिश्र ने किया। अध्यक्षता पूर्व विधायक सुधीर राय ने की तथा संचालन निर्मल यादव व हर्ष कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर गोरक्ष प्रांत प्रचारक अनिल कुमार, सम्भाग निरीक्षक प्रेमधर पांडेय, डॉ.प्रदीप श्रीवास्तव, विभाग प्रचार प्रमुख गिरीश नारायण चतुर्वेदी, जिला प्रचारक बैरिस्टर जी, कन्हैया लाल झा, डॉ.हरिओम, आनंद स्वरूप शुक्ल, डॉ.बृजेन्द्र सिंह आदि मौजूद रहे। विशिष्ट जनों में आनंद स्वरूप शुक्ल, जितेंद्र तिवारी आदि मौजूद रहे।

प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य कर्म !

प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा पुण्य व सामाजिक कर्म है। अतएव इस कार्य के लिए सभी को हाथ बढ़ाना चाहिए।

यह बातें डा.डी प्रसाद ने कहीं। वे जनता फ्रंट जिला कमेटी के तत्वावधान में गुरुवार को कदम चौराहा पर नि:शुल्क प्याऊ के उद्घाटन के पश्चात मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जनों को सम्बोधित कर रहे थे। फ्रंट के जिला संयोजक व पूर्व सभासद ददन यादव ने कहा कि भीषण गर्मी में राहगीरों का पानी ही सहारा है अत: इस पुनीत कार्य को फ्रंट के सभी सदस्य जिम्मेदारी पूर्वक करते है। पार्टी के जिला महासचिव व जनता शिक्षण सेवा संस्थान कम्प्यूटर टेकिन्कल कालेज के प्रबंधक राजेश कुमार द्विवेदी राजेश्वर ने कहा कि जीवन को परिपोषित करने में नीर की अहम भूमिका है। अत: जल ही जीवन है इस बात का सदैव ख्याल रखते हुए प्याऊ खोलने जैसे धार्मिक कार्यो में सभी बुद्धिजीवियों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इस अवसर पर फ्रंट के कोषाध्यक्ष वीरेन्द्र प्रसाद वर्मा, सुनील पाण्डेय, सोना सिंह, सोनू तिवारी, अम्बादत्त पाण्डेय, सुनील ओझा, अन्नू जी, अनिल चौरसिया, चन्दन सिंह, नवीन मिश्र आदि उपस्थित रहे।

Tuesday, April 19, 2011

मजा देसी खेलों का !

इस बार दादी-नानी के घर जाकर तुम देसी खेलों का भरपूर आनंद उठा सकते हो। अगर शहर में रहकर तुम्हे इन खेलों की जानकारी नहीं है, तो कुछ खास खेलों के बारे में यहां जान लो..

गुल्ली-डंडा

लकड़ी की गुल्ली अमूमन 3 से 6 इंच की होती है, वहीं डंडा 12 से 18 इंच तक लबा हो सकता है। जमीन पर एक छोटा घेरा बनाया जाता है। गुल्ली को घेरे के ऊपर रखा जाता है। एक खिलाड़ी (स्ट्राइकर) डंडे से गुल्ली को हवा में उछालता है। इस दौरान यदि विपरीत दिशा में खड़ा खिलाड़ी गुल्ली को कैच कर लेता है, तो स्ट्राइकर आउट माना जाता है। यदि गुल्ली जमीन पर गिरती है, तो सामने वाला कोई खिलाड़ी (फील्डर) घेरे के ऊपर रखे डंडे को तीन बार हिट करता है। यदि वह कामयाब हो जाता है, तो स्ट्राइकर आउट माना जाता है। यदि वह कामयाब नहीं हो पाता, तो स्ट्राइकर तीन बार डंडे के सहारे गुल्ली को हवा में उछालता है और उसके प्वाइंट्स बनते हैं। सबसे अधिक प्वाइंट्स लेने वाला खिलाड़ी गेम जीत जाता है।

कबड्डी

मैदान के बीचो-बीच एक रेखा खींची जाती है। यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है, जिसमें सात-सात खिलाड़ी होते हैं। मैदान के बीचों-बीच टीम का एक खिलाड़ी (छापामार) एक सास में कबड्डी-कबड्डी बोलता हुआ दूसरी टीम के क्षेत्र में जाता है। विपक्षी टीम एक घेरा बनाकर उसे पकड़ने की कोशिश करती है। यदि वह पकड़ा जाता है और उसकी सास टूट जाती है, तो वह आउट माना जाता है।

खो-खो

यह दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी शामिल होते हैं। एक निश्चित दायरे के अंदर अलग-अलग टीम के खिलाड़ी दौड़ लगाते हैं। उन्हें छूने के लिए दूसरी टीम का कोई एक खिलाड़ी उनके पीछे भागता है। यदि वह विपक्षी टीम के किसी एक खिलाड़ी को छू देता है, तो वह खिलाड़ी आउट माना जाता है।

पचीसी

यह खेल समुद्र या नदी में पाए जाने वाले छोटे सीप (कौड़ियों) की सहायता से खेला जाता है। दो अलग-अलग टीमें कुछ कौड़ियों को एक निश्चित दूरी तक फेंकती हैं, जिससे स्कोर बनता है। जिस टीम का स्कोर 25 हो जाता है, वह जीत जाता है।

विष-अमृत

कोई एक खिलाड़ी बाकी खिलाड़ियों को दौड़कर छूता है और उसे आउट (विष) करता है। बाकी खिलाड़ी चालाकी से आउट हुए खिलाड़ी को छूकर दोबारा खेल में शामिल (अमृत) कर लेते हैं।

Sunday, April 17, 2011

वैदिक यज्ञ में दी गयी बुराइयों की आहुति !

आर्यसमाज के वार्षिकोत्सव पर तीन दिवसीय भव्य वैदिक यज्ञ कार्यक्रम रविवार को सकुशल सम्पूर्ण हो गया। यज्ञ के दौरान समाज में फैली तमाम तरह की विसंगतियों, बुराईयों, असमानता व द्वेष की हजारों आहुतियां दी गयीं ताकि जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सके व मानवता व इंसानियत का वजूद बना रहे।

स्थानीय रामलीला प्रांगण के समीप आर्य समाज की यज्ञशाला में विगत शुक्रवार से प्रारंभ तीन दिवसीय वैदिक यज्ञ पूरे विधिविधान के साथ मंत्रोच्चारण के बीच आहुतियों के साथ पूरा हो गया। मानवता व इंसानियत के रक्षार्थ आर्यपुत्रों ने संकल्प भी लिया। इस दौरान भजनोपदेशकों ने अनेक प्रकार के भजन का गायन कर अध्यात्म की रक्षा हेतु हर किसी में जागरूकता का भाव भरने का संदेश दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में विद्वान प्रवचनकर्ता व आर्य समर्थक मौजूद रहे। वहीं कार्यक्रम के तहत देर शाम विद्वान प्रवचनकर्ता वैदिक प्रवक्ता आचार्य सुरेशचंद्र जोशी, भजनोपदेशक रूक्मिणी आर्या, पं. जितेन्द्र आर्य, चंद्रभान स्वाध्यायी, आर्यपुत्र रामाज्ञा व दीपनारायण शर्मा जी ने सदोपदेश दिये। कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के मंत्री आनंद कुमार गुप्त व प्रधान अशोक कुमार आर्य, यज्ञकर्ता लालमणि शर्मा, कुमारी शुभांगी, गुलाब जी, सूर्यनाथ वर्मा, देवव्रत आर्य, बृजमोहन जी, चंदन, रामजी तिवारी, शिवदास गुप्त आदि का सराहनीय योगदान रहा।

अग्निपीड़ितों के बीच किया खाद्यान्न वितरित !

सामाजिक कार्यक‌र्त्री रजनी द्विवेदी ने रविवार को गंगा उस पार शिवपुर नई बस्ती के गरीब राय के डेरा में आग में सब कुछ गवां बैठे लोगों के बीच खाद्यान्न व अन्य सामग्री वितरित की। वहीं बांसडीह कैथवली गांव में अग्निपीड़ितों के भी आंसू पोछे।

किशुनीपुर की श्रीमति द्विवेदी अपने सहयोगियों संग शिवपुर नई बस्ती के गरीब राय के डेरा पहुंची। इसके बाद पीड़ितों के बीच आटा, चावल, आलू, बर्तन, वस्त्र, बच्चों के लिए बिस्कुट आदि का वितरण किया। साथ ही महिलाओं की परेशानी व विवशता को भी सुना। इस दौरान उन्होंने हर स्तर पर मदद देने का उन्हें आश्वासन दिया। बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के कैथवली गांव में भी उन्होंने पीड़ितों के बीच खाद्यान्न वितरित किया। कहा कि प्रदेश सरकार की किसी भी योजना का इन पीड़ितों तक नहीं पहुंच पाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मौके पर दीना नाथ दूबे, विनय दूबे, मनोज दूबे, अमित, मो. नसीफ अख्तर, संतोष भारती, अंजनी गुप्त, कृष्ण कुमार आदि साथ रहे।

Sunday, April 10, 2011

मंदिरवा में शुकवा सोमार नरियर चढ़ेला !!!!!

निकटवर्ती खड़ीचा स्थित भगवती मां मंदिर प्रांगण में नवरात्र के अवसर पर भक्ति जागरण में गायकों ने ऐसा समा बांधा कि सभी झूठ उठे। जनपद के अतिरिक्त अन्य जनपदों से आये लोक गीत गायकों ने अपने देवी गीतों के माध्यम से पूरी रात श्रोताओं को बांधे रखा। जैसे-जैसे रात बीतती गयी वैसे-वैसे भक्ति संगीत की स्वर लहरियां उ‌र्ध्वगामी होती गयीं। कार्यक्रम का शुभारम्भ इंजी. सुभाष जी ने दीप जलाकर किया। कार्यक्रम में जनपद के प्रसिद्ध गायक कन्हैया हरिपुरी ने भगवती नाम से खड़ीचा में पुजाली, फेफना में माई कपिलेश्वरी कहाली गाकर मां के दरबार में हाजिरी लगायी। बाल कलाकार अंशु उपाध्याय ने अपने देवी गीत माई के मंदिरवा में शुकवा सोमार नरियर चढ़ेला, त माई के पहिने खातिर गरवा फुलवा के हरवा चढ़ेला प्रस्तुत किया। श्रोता बेसुध मुद्रा मे ताली बजाते हुए थिरकते रहे। मऊ से आये भगवान राजन ने मइया के मन भावन सुरतिया सबके दीवाना बनवलेबा.एवं चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है गाकर सबको झूमने के लिए मजबूर कर दिया। दिल्ली से आयीं मीना मंजरी ने मां के नाम की माला जपेला कोई दिलवाला प्रस्तुत किया। रसड़ा से आए अनुराग कुमार ने होके मगन मन झूमि जाला को श्रोताओं ने खूब सराहा। चौदह कोस में स्थित कलचुरी क्षत्रिय वंश के सैकड़ों गांवों से आये नर-नारी भक्तों से मां भगवती का परिसर खचाखच भरा रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष मनोज सिंह एवं संचालन घनश्याम सिंह ने किया। कार्यक्रम के आयोजक कांग्रेस के युवा नेता नरेन्द्र प्रताप सिंह एवं अनिल सिंह ने सबके प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में मन्नू लाल आनन्द सिंह, विजय आदि की सहभागिता रही।

पंखों के पेंच खराब एसी आउट आफ आर्डर !

गर्मी के आगाज के साथ ही आग की घटनाएं जोर पकड़ने लगी हैं। जनपद के चहुंओर आग की भीषण तबाही शुरू हो गयी है। ऐसे में रोजाना ही दो चार लोग आग की चपेट में आकर झुलस रहे हैं। मामूली रूप से झुलसे लोगों का पीएचसी, सीएचसी पर इलाज होता है लेकिन गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। अब अगर जिला अस्पताल के बर्न वार्ड का जायजा लें तो यहां की स्थिति बद से बदतर हो गयी है। वार्ड में लगे पंखों में एक-दो को छोड़ दें तो बाकी सभी किसी न किसी तकनीकी करण से बंद पड़े हैं। वार्ड में तीन एसी लगे है जो जले हुए मरीजों को राहत प्रदान करे लेकिन तीनों बंद पड़े हैं। ऐसे में विभिन्न परिस्थितियों में जले हुए मरीजों को राहत मिल सके ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं है। वार्ड में चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा है। मरीजों के परिजन वार्ड में किसी भी तरह समय व्यतीत करते हैं। संसाधनों के अभाव में झुलसे मरीजों की व्यथा व परेशानी की कल्पना मात्र से ही रोम-रोम सिहर उठता है। गर्मी की शुरुआत में ही यह आलम है तो प्रचंड गर्मी में क्या होगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। बर्न वार्ड के बाहर से ही इतनी सड़ांध आ रही है कि आम लोगों की अंदर जाने की शायद ही हिम्मत हो पाये। ऐसे में मरीज व परिजनों की हालत की बस कल्पना ही की जा सकती है।

भारत के नव निर्माण में सतर्क दृष्टि से लग जायं !

क्रांतिभूमि बलिया से प्रस्फुटित प्रथम चिंगारी के प्रणेता मंगल पाण्डेय के साहस और बलिदान की पृष्ठभूमि से निकली आजादी की अक्षुण्णता तभी सलामत रहेगी जब स्वतंत्र भारत की संप्रभुता की रक्षा सुरक्षा के प्रति आम भारतीय सतर्क होकर भारत के नव निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाये।

उक्त विचार शुक्रवार को अमर शहीद मंगल पाण्डेय के 154 वें शहादत दिवस के अवसर पर स्थानीय कदम चौराहा पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने व्यक्त किया। भारत को स्वतंत्र कराने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले देश के अमर बलिदानियों की चर्चा करते हुए श्रीमती बहुगुणा ने कहा कि हमें आर्थिक आजादी प्राप्त करने के लिए एक नयी क्रांति की शुरूआत करनी है। कहा केंद्र द्वारा प्रदेश के विकास के लिए दिये गये धन का राज्य सरकार ने जिस तरह बंदरबांट किया वैसी परिस्थिति में ऐसी हुकूमत को सत्ता से हटाने के लिए जनता को आगे आना होगा। प्रदेश सरकार की मुखिया का नाम लिये बिना डा.जोशी ने कहा कि प्रदेश शासन के इशारे पर जातीय हिंसा की लपटों से पूरा मुल्क हैरान है। कहा कि बलिया जनपद का डेहरी गांव प्रदेश सरकार की जातिगत नीतियों में झुलसकर रह गया। प्रदेश में महिलाओं की अस्मिता खतरे में है। इसके पूर्व कदम चौराहे स्थित मंगल पाण्डेय की प्रतिमा के समक्ष च्योहिं डा.जोशी का काफिला रूका वहां पहले से इंतजार कर रहे कांग्रेसजनों ने उतरते ही उनका जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर डा.जोशी ने मंगल पाण्डेय की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अमर शहीद मंगल पाण्डेय को नमन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक समिति कदम चौराहा के अध्यक्ष शशिकांत चतुर्वेदी ने डा.जोशी के सम्मान में अभिनंदन पत्र पढ़कर सुनाया तथा मंगल पाण्डेय की आकृति स्मृति चिन्ह उन्हें भेंट किया। इसके बाद मुख्य अतिथि ने मंगल पाण्डेय के जीवनवृत्त पर आधारित प्रकाशित स्मारिका का विमोचन किया। सभा को विशिष्ट अतिथि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा.भोला पाण्डेय, राजेश मिश्र, दिग्विजय सिंह, राघवेंद्र सिंह, बच्चा पाठक, राजधारी सिंह, सुरेंद्र सिंह, बृजेश सिंह गाट, अनूप पाण्डेय, डा.विश्राम यादव, पीएन तिवारी, रवींद्र दूबे, अवध बिहारी चौबे, राजनाथ पाण्डेय आदि ने संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता डा.जनार्दन राय व संचालन राजकुमार पाण्डेय ने किया।

इसी क्रम में शहीद मंगल पाण्डेय के पैतृक ग्राम नगवां में देर शाम आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समारोह में सेनानी संगठन की अध्यक्ष राधिका मिश्रा, शहीद मंगल पाण्डेय की पौत्रवधू तेतरी देवी एवं सेनानी उत्तराधिकारी नारायण मिश्र, अशोक पाण्डेय, धर्मदेव तिवारी एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिवजी पाठक, क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्मला देवी एवं जादूगर ओपी शर्मा को सम्मानित करने के बाद उप्र कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि बलिया ने पूरे राष्ट्र का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो लूट, हत्या, आत्महत्या जैसे घृणित कार्य में लिप्त इस सरकार के कृत्य ने लोकतंत्र को शर्मसार किया है। जो सपना हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनाननियों ने देश की आजादी के लिए देखे थे उनके सपनों को विखंडित नहीं होने दिया जायेगा। शहीद मंगल पाण्डेय स्मारक सोसाइटी के मंत्री ओम प्रकाश तिवारी ने डा.जोशी को अंगवस्त्रम से सम्मानित किया। कार्यक्रम में बच्चा पाठक, डा. भोला पांडेय, दिग्विजय सिंह, राघवेंद्र प्रताप सिंह, मारकण्डेय सिंह, यतेंद्र बहादुर सिंह, अवध बिहारी चौबे, परिपूर्णानंद पाण्डेय, विजय मिश्र, परमात्मा चौबे, उषा सिंह, विजयानंद पाण्डेय, ओमप्रकाश पाण्डेय, राजेश पाठक, राकेश पाठक, रामेश्वर तिवारी आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजीव उपाध्याय व संचालन ओमप्रकाश तिवारी ने किया। इसी क्रम में डीपी ज्वेलर्स चौक बलिया स्थित प्रमोद सर्राफ के आवास पर श्रीमती जोशी वहां गयीं जहां व्यापारी वर्ग के लोग उनसे मिले तथा अपनी समस्याओं से अवगत कराया।


=> चित्र परिचय-कदम चौराहे पर आयोजित मंगल पाण्डेय शहादत दिवस कार्यक्रम में रीता बहुगुणा जोशी को मंगल पाण्डेय स्मृति चिन्ह प्रदान करते आयोजक।


=> चित्र परिचय-शहीद के पैतृक गांव नगवां में आयोजित कार्यक्रम में देररात स्वतंत्रता सेनानी संगठन के अध्यक्ष राधिका मिश्र को सम्मानित करते डा. जोशी।

Thursday, April 7, 2011

गदर के महानायक की जांबाजी को सलाम !

स्वतंत्रता आंदोलन की प्रथम आहुति व 1857 के गदर के महानायक मंगल पांडेय की जांबाजी को सलाम..। फांसी के फंदे पर हंसते-हंसते झूल जाने वाले इस अमर सपूत ने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति का न सिर्फ नया इतिहास रचा बल्कि इस क्रांति को एक ऐसी चिंगारी दी जिसकी आंच से ब्रितानिया हुकूमत भारत छोड़ने को मजबूर हुई और भारतवासियों को आजादी के उन्मुक्त गगन में खुली सांस लेने का हक मिला। विडम्बना यह कि ऐसे महानायक को अपने ही देश में वह सम्मान अब तक नहीं मिल पाया जिसका वह हकदार था। जिला मुख्यालय से आठ किमी पूरब गंगा के सुरम्य तट पर बसा नगवा गांव जिसे मंगल पाण्डेय की जन्म भूमि होने का गौरव हासिल है, आज सवाल कर रहा है कि आखिर जिम्मेदारों की तंद्रा कब टूटेगी।

मंगल पाण्डेय का जन्म नगवा में 30 जनवरी 1831 को सुदिष्ट पाण्डेय एवं जानकी देवी के पुत्र के रूप में हुआ। मंगल पाण्डेय कोलकाता के पास 24 परगना जिले के बैरकपुर छावनी में 19 वीं रेजीमेण्ट की 34वीं कम्पनी की पैदल सेना के 1446 नम्बर के सिपाही थे। 29 मार्च 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत करने वाले इस सपूत द्वारा चार गोरे अफसरों को मार देने से अंग्रेजों के कान खड़े हो गये। बैरकपुर छावनी में अंग्रेजी सिपाहियों की संख्या बढ़ा दी गयी। मंगल पाण्डेय की गोली की गूंज लंदन तक जा पहुंची। सैनिक अदालत में उन पर मुकदमा चला। अन्तत: उन्हें आठ अप्रैल 1857 को बैरकपुर छावनी में तड़के फांसी दे दी गयी। नगवा के बुजुर्गो का कहना है कि मंगल पाण्डेय की बगावत के बाद अंग्रेजी सरकार ने गांव के लोगों को प्रताड़ित किया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात नगवावासियों को काफी कुछ उम्मीदें थीं कि अपनी सरकार अमर शहीद मंगल पाण्डेय को राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित करेगी। कम से कम भारत के लोकसभा परिसर में इनकी आदमकद मूर्ति की स्थापना अवश्य होगी। गांव भी शहीद ग्राम के रूप में उत्कर्ष को पहुंचेगा लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो सका है। बलिदान दिवस पर एक उम्मीद कि जिम्मेदारों की तंद्रा अब तो टूटे।

जीवन को अलौकिक बनाती सद्गुरु की वाणी !

ब्रह्माण्ड में सत् का पीर पैगम्बर व सत् गुरु के रूप में अवतार होता रहता है तथा इनके मुख से निकली वाणी गुरु वाणी बनकर जीवन को अलौकिक बनाती है। जब भी सत् स्वरूप परमात्मा ने सत् गुरु के रूप में आये है मानव को सच्चा मार्ग दिखाया है तथा ढोंग व पाखण्ड से बचने की प्रेरणा दी है।

सद्गुरु स्वामी गिरजा जी महाराज ने निकटवर्ती महराजपुर गांव में 9 दिवसीय सत्संग कार्यक्रम में तीसरे दिन बुधवार को उक्त उद्गार व्यक्त किये। हजारों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए श्री स्वामी ने कहा कि मनुष्य के आपसी धार्मिक झगड़ों से परमात्मा का कोई सम्बन्ध नहीं होता। उन्होंने श्रद्धालुओं से निराकार धर्म अपनाने, शाकाहारी बनने पर जोर देते हुए कहा कि अगर परमात्मा की प्राप्ति करना है तो सत् गुरु की शरण में जाना होगा। इस अवसर पर पलटू वर्मा, सुग्रीव दास, श्रीनाथ दास, श्रीप्रसाद दास, महात्मा दास आदि की सराहनीय भूमिका रही।

Wednesday, April 6, 2011

भगवद कथा सुनने मात्र से ही कल्याण होता है मानव का !

पृथ्वी पर भगवान का दर्शन यदि किसी रूप में हो सकता है तो वह है हमारी प्रकृति जिसे प्रभु ने सबके लिये समान रूप से सुलभ कराया है। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं को जन्म देता है। इस कलयुग में हमारा परम कर्तव्य है कि प्रकृति को उसके मौलिक स्वरूप में बने रहने दें, मां गंगा को स्वच्छ रखें, पर्यावरण को प्रदूषित न करें तथा गो हत्या को प्रशय न दें। उक्त उद्गार भगवद कथा मर्मज्ञ पं.शैलेश शास्त्री ने कथा वाचन के दौरान व्यक्त किया। विगत सात दिनों से वजीरापुर गांव में चल रहे कथा के दौरान पं.शैलेश जी ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कलयुग में भगवद् कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण होता है। इस दौरान उन्होंने भगवान कृष्ण की लीलाओं को बड़े ही सरस भाव में लोगों के सामने रखा तथा उन्हें भक्ति की मृदुल धारा में गोता लगवाया। पूरे ग्रामवासी सात दिनों तक चले संगीतमय भगवद् कथा का श्रवण कर धन्य हो गये। पं. विजयेंद्र मिश्र, ओमप्रकाश, संजीत शुक्ल ने संगीत पर उनका साथ दिया। स्थानीय स्तर पर डोमन यादव, हरिहास यादव, नागेंद्र यादव, सोनू लाल यादव, पप्पू यादव की कथा सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका रही।

Tuesday, April 5, 2011

प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष बने मो.मुख्तार !

बेरुआरबारी (बलिया): स्थानीय विकास खंड पर मंगलवार को प्रधान संघ का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया। इसमें बेरुआरबारी के प्रधान मो.मुख्तार अहमद अध्यक्ष, विनोद सिंह प्रधान दुर्गीपुर उपाध्यक्ष, अभिजीत तिवारी बड़सरी प्रधान महामंत्री, हरिनारायण सिंह कोषाध्यक्ष व अपाएल ग्राम प्रधान शारदानंद सिंह को सरंक्षक के रूप में चुना गया। इस अवसर पर विजय बहादुर सिंह, राजाराम शर्मा, रोहित, इन्द्रासन यादव, रंधा सिंह, जावेद अहमद, चन्द्राभान यादव, रामप्यारे, मरियम, इरफान अहमद आदि मौजूद रहे।

स्वत: प्रस्फुटित हुई अग्नि और राख हो गया सब कुछ !

प्रेत बाधा से पीड़ित ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी आस्था का केन्द्र बने हरखू ब्रह्म स्थान पर दर्शन पूजन करने वालों का तांता लगने लगा है। बैरिया-बलिया मार्ग पर पांडेयपुर ढाला से लगभग एक किमी उत्तर दयाछपरा दियारे में हरखू ब्रह्म बाबा के समाधि स्थल पर उनका मंदिर बना है, जहां एक विशाल वट वृक्ष है और इस मंदिर के इर्द-गिर्द अनगिनत ब्रह्म स्थान व चौरे बने हुए है। इन ब्रह्म स्थानों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जानकार लोग हरखू ब्रह्म बाबा के इतिहास को लगभग डेढ़ हजार वर्ष पुराना बताते है। कुछ जानकारों का कहना है कि हरखू ब्रह्म बाबा कालांतर में हरखू पांडेय थे, जो डुमरांव महाराज के कुल पुरोहित थे। राजा को कोई संतान नहीं थी। हरखू पांडेय ने राजमहल में पूजा व यज्ञ का अनुष्ठान कराया और उसके एक वर्ष बाद डुमराव महाराज को पुत्ररत्‍‌न की प्राप्ति हुई। महाराज बहुत खुश हुए और राजमहल के पास ही अपने पुरोहित के लिए भव्य महल बनवा दिया।

समय बीतने के साथ ही डुमरांव महाराज का पुत्र जवान हुआ और उसकी शादी हुई। जब उसकी दुल्हन आई तो बगल में पुरोहित का भव्य महल देखकर पूछा कि यह राजमहल से भी भव्य महल किसका है। राजकुमार ने कहा कि यह महल कुल पुरोहित का है। दुल्हन ने जिद ठान ली कि राजमहल के बगल में इससे भव्य महल नहीं रहना चाहिए, इसे गिरा दिया जाय। राजकुमार ने महाराज से पत्‍‌नी की जिद बताई। राजा इसके लिए राजी नहीं हुए। राजा व राजकुमार में इस बात को लेकर मतभेद हो गया और काफी दिनों तक बात नहीं हुई। अन्तत: राजा ने राजकुमार को राजगद्दी सौंप कर संन्यास ले लिया। राजा बनते ही राजकुमार ने अपने पुरोहित के भव्य महल को ढहाने का आदेश दे दिया। इसे सुन हरखू पांडेय ने अन्न जल त्याग अपने भवन में अपने को कैद कर लिया। यह सुन डुमरांव महाराज की पुत्री अपने ससुराल से अपने पिता के पुरोहित से मिलने आई और महारानी की जिद को बताया। हरखू पांडेय ने शाप दिया कि डुमरांव महाराज के यहां अब कोई पुत्र नहीं होगा और बेटी के पुत्र ही राज सिंहासन पर बैठेगे। इतना कहने के बाद स्वत: उनके शरीर से अग्नि पैदा हुई और हरखू पांडेय व उनका भवन जलकर राख हो गया।

लोग बताते है कि डुमराव में आज भी उस स्थान की मिट्टी काली राख जैसे रंग की है। बाद में डुमरांव महाराज की लड़की का लड़का जब डुमरांव की राजगद्दी पर बैठा तो अपने राज्य के कई स्थानों पर हरखू ब्रह्म का मंदिर बनवा दिया जिसमें एक दयाछपरा दियारा का यह स्थान है। कुछ लोग हरखू ब्रह्म को गाजीपुर के पचोत्तर क्षेत्र का बताते है और कहते है कि हरखू व सरखू दो भाई थे जो कहीं जाते समय उस स्थान पर रुके थे, जहां आज हरखू ब्रह्म का स्थान है। वहां पड़ोस के गांव के ही कुछ लोगों ने हरखू की हत्या कर दी थी। वहीं आज ब्रह्म बाबा का स्थान बना हुआ है। हरखू की हत्या के बाद सरखू कर्णछपरा जाकर बस गए। उन्हीं के वंशज कर्णछपरा, नवका टोला व इब्राहिमाबाद में बसे है और वहा के दीक्षित राजपूत अपने कुल देवता के रूप में हरखू ब्रह्म को मानते है और हर साल वहां के लोग हरखू ब्रह्म के स्थान पर भव्य पूजन व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कराते है। हरखू ब्रह्म का इतिहास चाहे जो भी हो किन्तु उनके दर्शन पूजन मात्र से लोगों की भलाई करने का इतिहास काफी लम्बा है। हरखू ब्रह्म परिसर में श्रद्धालुओं के अलावा प्रेत पीड़ितों की भीड़ नवरात्र में देखी जा सकती है। तत्कालीन विधायक भरत सिंह द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वहां एक रैन बसेरा बना दिया गया है, जिससे लोगों को रुकने आदि सुविधा उपलब्ध हो गई है।

Monday, April 4, 2011

फटी बरसाती व कपड़े टांग जी रहे जिंदगी !

कहने को तो कागजों में केंद्र व सूबे की सारी योजनायें दलितोन्मुखी हैं। पर कड़वा सच है कि आजादी के छ: दशक बीत जाने के बाद भी कोटवां गांव में खास किस्म की दलित जाति के लोगों को रहने के लिए एक अदद आवास नहीं मिल सका, मजबूरन वे लोग आज भी सड़क के किनारे झोपड़ी लगाकर अपने बाल बच्चों के साथ जीवन बसर कर रहे है। यह और टीसने वाली बात है कि उत्तर प्रदेश सरकार दलितों के सर्वागीण विकास व उन्हें सभी जरूरी सुविधायें नि:शुल्क उपलब्ध कराने की ढिंढोरा पीटती आ रही है। उल्लेखनीय है कि इस दलित जाति विशेष के दर्जनों परिवार रानीगंज बाजार के उत्तरी छोर पर पंचायत भवन के निकट सड़क के किनारे ठौर बनाकर काफी दिनों से जीवन बसर कर रहे है। दिन भर सूप, डाल, दउरी बनाकर उसे रानीगंज बाजार में बेचकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते है। उन्हे पता ही नहीं है कि सरकार द्वारा उनके कल्याणार्थ कौन-कौन से कार्यक्रम चलाये गये है। गौरतलब है कि इनमें के कुछ परिवारो को देवकी छपरा गांव के समीप आवासीय पट्टा उपलब्ध कराया गया किन्तु वह पर्याप्त नहीं है। यहां बसे उक्त जाति के लोगों का कहना है कि कोई भी मुख्यमंत्री कोई भी प्रधानमंत्री हो, उनका दिन फिरने वाला नहीं है क्योंकि सरकार में बैठे लोग केवल अपना भला सोच रहे है, हम लोगों से इनको क्या मतलब।

Sunday, April 3, 2011

मास्टर्स एथलेटिक्स एसोसिएशन गठित !

जनपद के वरिष्ठ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वीर लोरिक स्टेडियम में रविवार को हुई बैठक में बलिया मास्टर्स एथलेटिक्स एसोसिएशन का गठन करते हुए पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। अजय कुमार सिंह अध्यक्ष व मनोज कुमार पांडेय सचिव बनाये गये। इसी क्रम में पूर्व सांसद वीरेद्र सिंह मस्त को संरक्षक, आरडी सिंह को चेयरमैन, राजेश पांडेय, संतोष पांडेय, रामजी राय, मधुसूदन श्रीवास्तव, रमेश चंद्र श्रीवास्तव को उपाध्यक्ष, सुधीर कुमार सिंह, पवन कुमार राय, जनार्दन सिंह को संयुक्त सचिव, मनोज कुमार शर्मा को कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया। कार्यकारिणी के सदस्यों में श्रीमती शालिनी शर्मा, गोविन्द जी गुप्त, वेद प्रकाश राय, सत्येंद्र राय, वेद प्रकाश को शामिल किया गया। बैठक में क्रीड़ा अधिकारी राजेश कुमार सोनकर, एथलेटिक्स प्रशिक्षक देवी प्रसाद, उत्तर प्रदेश खो-खो संघ के महासचिव विनोद कुमार सिंह, बलिया हाकी संघ के सचिव सरदार मोहम्मद अफजल आदि मौजूद रहे। अध्यक्षता ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष परशुराम सिंह ने की तथा संचालन सचिव धीरेद्र शुक्ल ने किया।