Wednesday, April 6, 2011
भगवद कथा सुनने मात्र से ही कल्याण होता है मानव का !
पृथ्वी पर भगवान का दर्शन यदि किसी रूप में हो सकता है तो वह है हमारी प्रकृति जिसे प्रभु ने सबके लिये समान रूप से सुलभ कराया है। प्रकृति के साथ छेड़छाड़ विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं को जन्म देता है। इस कलयुग में हमारा परम कर्तव्य है कि प्रकृति को उसके मौलिक स्वरूप में बने रहने दें, मां गंगा को स्वच्छ रखें, पर्यावरण को प्रदूषित न करें तथा गो हत्या को प्रशय न दें। उक्त उद्गार भगवद कथा मर्मज्ञ पं.शैलेश शास्त्री ने कथा वाचन के दौरान व्यक्त किया। विगत सात दिनों से वजीरापुर गांव में चल रहे कथा के दौरान पं.शैलेश जी ने ग्रामवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कलयुग में भगवद् कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण होता है। इस दौरान उन्होंने भगवान कृष्ण की लीलाओं को बड़े ही सरस भाव में लोगों के सामने रखा तथा उन्हें भक्ति की मृदुल धारा में गोता लगवाया। पूरे ग्रामवासी सात दिनों तक चले संगीतमय भगवद् कथा का श्रवण कर धन्य हो गये। पं. विजयेंद्र मिश्र, ओमप्रकाश, संजीत शुक्ल ने संगीत पर उनका साथ दिया। स्थानीय स्तर पर डोमन यादव, हरिहास यादव, नागेंद्र यादव, सोनू लाल यादव, पप्पू यादव की कथा सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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इस प्रसंग में थोड़े विस्तार की आवश्यकता महसूस हो रही है, फिर भी जाग्रति जहां भी हो ,जैसे भी हो प्रशंसनीय है.
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