ब्रह्माण्ड में सत् का पीर पैगम्बर व सत् गुरु के रूप में अवतार होता रहता है तथा इनके मुख से निकली वाणी गुरु वाणी बनकर जीवन को अलौकिक बनाती है। जब भी सत् स्वरूप परमात्मा ने सत् गुरु के रूप में आये है मानव को सच्चा मार्ग दिखाया है तथा ढोंग व पाखण्ड से बचने की प्रेरणा दी है। सद्गुरु स्वामी गिरजा जी महाराज ने निकटवर्ती महराजपुर गांव में 9 दिवसीय सत्संग कार्यक्रम में तीसरे दिन बुधवार को उक्त उद्गार व्यक्त किये। हजारों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए श्री स्वामी ने कहा कि मनुष्य के आपसी धार्मिक झगड़ों से परमात्मा का कोई सम्बन्ध नहीं होता। उन्होंने श्रद्धालुओं से निराकार धर्म अपनाने, शाकाहारी बनने पर जोर देते हुए कहा कि अगर परमात्मा की प्राप्ति करना है तो सत् गुरु की शरण में जाना होगा। इस अवसर पर पलटू वर्मा, सुग्रीव दास, श्रीनाथ दास, श्रीप्रसाद दास, महात्मा दास आदि की सराहनीय भूमिका रही।
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