Monday, November 21, 2011

ज्ञानदीप से आलोकित हो रहा तकनीकी शिक्षा जगत !

अपनों से दूर परदेस में रहते हुए भी जो अपने लोगों, गाव की मिट्टी क्षेत्र तथा जनपद को न भूल सके, स्वयं के साथ-साथ उनके उन्नयन का संकल्प मन में लिए प्रयासरत हो ऐसे व्यक्ति बिरले ही होते हैं। ऐसे ही व्यक्तियों में शुमार हैं डा.जय प्रकाश। 30 वर्षीय डॉ. जय प्रकाश सन्दवापुर गांव के छोटे किसान बाबू राजू राम के परिवार में पैदा हुए थे। पिता ने पश्चिम बंगाल के वर्दवान में रख अपनी देख-रेख में प्राथमिक से इण्टर तक की शिक्षा उन्हे दिलाया। वह आगे की पढ़ाई के लिए बेंगलूरु, कर्नाटक चले गये, जहां बेंगलूरु यूनिवर्सिटी से बायो टेक्नालॉजी में मास्टर डिग्री प्राप्त की। बाद में प्रेस कोट यूनिवर्सिटी से डाक्टरेट हासिल की। डॉ.जयप्रकाश उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद अपनी ज्ञान ज्योति से अन्य दीपों को प्रज्ज्वलित करने की ठान ली और सबसे पहले दो वर्ष के अन्तराल में ही बेंगलूरु में दो मैनेजमेन्ट इंस्टीट्यूट स्थापित कर अपने काम को आगे बढ़ाया। बाद में एक नोएडा यूपी तथा एक कोलकाता पं बंगाल में भी मैनेजमेन्ट इन्स्टीट्यूट के साथ ही साफ्टवेयर व हार्डवेयर के लिए कास्मोसिक टेक्नालॉजी स्थापित की। उन्होंने अपने शिक्षण संस्थानों में बलिया के छात्रों को विशेष छूट दे रखी है। दर्जनों गरीब बच्चे, जो गरीबी के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उनकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाते हैं। बलिया के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े इसके लिए वे यहां उच्च तकनीकी शिक्षा संस्थान की स्थापना को भी प्रयासरत हैं।

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