Friday, August 21, 2009

शिक्षा मानव का बेशकीमती जेवर !

नगरा (बलिया)। रसड़ा के बसपा विधायक घूराराम के प्रतिनिधि व जिला पंचायत सदस्य सुभाष राम ने कहा कि शिक्षा ही मानव का बेशकीमती आभूषण है, इसके बगैर व्यक्ति का जीवन अधूरा है इसलिए हम सबका फर्ज व कर्तव्य बनता है कि अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर विशेष ध्यान दें

वे जिला पंचायत सदस्य डा. वीआर अम्बेडकर शैक्षणिक सामाजिक सेवा संस्थान ढेकवारी के तत्वावधान में गुरुवार को आयोजित शिक्षा का गिरता स्तर दोषी कौन? विषयक गोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से शिक्षा का व्यवसायीकरण हो चुका है वह चिन्ता का विषय है। विद्यालय तालीम देने के लिए नहीं बल्कि पैसा कमाने के लिए खोले जा रहे हैं। जहां गुरु अपने फर्ज व कर्तव्य से विमुख हो चुका है वहीं शिष्य भी संस्कारविहीन हो चुका है। गुरु-शिष्य परम्परा का तेजी से लोप होता जा रहा है। शिक्षा के गिरते स्तर के लिए बसपा नेता ने समाज के प्रत्येक जिम्मेदार लोगों को दोषी ठहराते हुए कहा कि जब तक छात्र, शिक्षक व अभिभावक मिलकर प्रयास नहीं करेगे तब तक व्यवस्था में सुधार नहीं होगा। बसपा नेता व शिक्षक ओमप्रकाश यादव ने कहा कि विद्यालयों में पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही संस्कारिक शिक्षा दिये जाने की आवश्यकता है। संस्कारिक छात्र ही आगे चलकर नये भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। गोष्ठी को डा. डीएन प्रसाद, ओमप्रकाश मिश्र, बेचू यादव, अजय पाण्डेय, अनिल, अश्रि्वनी, हरिनाथ इत्यादि ने भी सम्बोधित किया। अध्यक्षता दहारी राम व संचालन प्रधानाचार्य अमरनाथ पाण्डेय ने किया।

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