Friday, August 7, 2009

गंगा व घाघरा : तेज कटान से इलाकाई दहशत में !

बैरिया (बलिया), निप्र । बरसात का मौसम आते ही गंगा व घाघरा नदी के तटवर्ती लोग कटान की भय से दहशत में हैं।
बता दें कि मझौवां व दतहां में जिलाधिकारी के हस्पक्षेप पर कटानरोधी कार्य में तेजी आ गई है किन्तु गंगा तट पर बसे भुसौला, नरदरा, दुर्जनपुर सहित आधा दर्जन गांवों के सामने तेजी से कटान जारी है। घाघरा नदी के तट पर बसे गोपालपुर, शिवाल मठिया, वशिष्ठ नगर के सामने भी काफी तीव्र गति से कटान हो रहा है। इन कटानों को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से ग्रामीण दहशत में हैं। बाढ़ खंड बलिया के अधिकारी बताते है कि गांवों को नदियों की कटान से बचाने के लिए हम लोगों के पास कोई कार्य योजना नहीं है। गाजीपुर-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 श्रीनगर- तुर्तीपार तटबंधों को बचाने के लिए मझौवां व दतहां में कटानरोधी कार्य जारी है। दूसरी तरफ क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अब तक हजारों एकड़ कृषि योग्य भूमि गंगा व घाघरा नदियों में समा जाने से हजारों किसान परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है किन्तु शासन व प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

भुसौला में पल भर में समाहित हो गयी पांच मीटर भूमि

दोकटी : गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि व पछुआ हवा के दबाव के कारण भुसौला में दो स्थानों पर कटान आरम्भ हो गया है। विगत एक सप्ताह से गंगा के जल स्तर में बढ़ाव व पछुआ हवा के दबाव के कारण बुधवार की रात्रि में रामराज दुसाध के घर के पीछे करीब पांच मीटर की परिधि कटान के चलते पल भर में गंगा में समाहित हो गया जिससे आसपास के बस्ती वासियों में अफरा- तफरी मच गयी। अक रामराज का घर गंगा की धारा से महज पांच से दस मीटर ही रह गया है। गंगा तट सती घाट दक्षिण भुसौला बस्ती के पीछे सरपत आदि की झाड़ियां भी कटान के आगोश में आ चुकी है। सरपत की कई विशाल झाड़ियां कटकर गंगा में तीन दिन के अंदर विलीन हो गई। इस कटान से भुसौला, नरदरा, जगदीशपुर आदि बस्ती वासी काफी दहशत में है। यदि समय रहते सुरक्षा प्रदान नहीं किया गया तो इस वर्ष भी दर्जनों परिवार कटान की चपेट में आकर बेघर हो जाएंगे।

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