Friday, August 7, 2009

घाघरा में बहे रस्सों में बंधे पुल के 40 पीपे !

सिकन्दरपुर (बलिया), निप। क्षेत्र के खरीद-दरौली घाट पीपा पुल का दुर्भाग्य खत्म नहीं हो पा रहा है। पिछले दिनों बांध कर रखे गये पुल के 40 पीपे अचानक रस्सों से टूट कर घाघरा नदी की धारा में बहकर पूरब चले गये। चर्चा है कि सभी पीपे मनियर क्षेत्र के नरहन घाट पहुंच गये हैं। पीपे के बहने के मूल में घाट के नाविकों और ठेकेदारों की साजिश बतायी जा रही है। इस पीपा पुल का यह दुर्भाग्य ही है कि पिछले तीन वर्षाें से लगातार बन और बिगड़ रहा है किन्तु अब तक एक माह भी इस पर आवागमन का लाभ जनता नहीं उठा पायी। पहले वर्ष पुल तैयार तो कर दिया गया किन्तु निर्माण की कमियों के कारण चंद दिनों बाद आयी एक हल्की आंधी में पुल टूट गया और उसके पीपे बिखर पूरब की तरफ काफी दूर चले गये। दूसरे वर्ष लोक निर्माण विभाग की उपेक्षा और लापरवाही के कारण पुल तैयार ही नहीं हो सका। इस वर्ष तैयार तो हुआ किन्तु चंद दिनों बाद ही पुल के उत्तरी नाका के ध्वस्त हो जाने से नागरिक उसका लाभ नहीं उठा पाये। पुल निर्माण और वहां हो रही सरकारी राजस्व की क्षति के मद्देनजर सम्बंधित जेई और ठेकेदार को हटाया जाना इलाकाई लोगों की मांग बनती जा रही है। उनका कहना है कि इनके रहते पुल कभी भी चालू नहीं हो पायेगा। वैसे तीन वर्ष बाद भी पुल का प्रान्तीकरण नहीं किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। यदि प्रान्तीकरण हो जाता तो पुल निर्माण और उसके चालू होने की अनेक समस्याओं का स्वत: समाधान हो जाता।

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