Saturday, September 26, 2009

देवी प्रतिमाओं के खुले पट, दर्शन-पूजन कर लोग निहाल !

बलिया। शारदीय नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार सप्तमी को पण्डालों में स्थापित देवी प्रतिमाओं के पट विशेष अनुष्ठान पूजन-अर्चन के साथ खोल दिए गए। प्राणप्रतिष्ठा के बाद प्रतिमाओं में अलौकिक आभा आ गई। ढोल-नगाड़ों के बीच मां के विभिन्न रूपों का पूजन-अर्चन हुआ। मां के पूजन में पान, सुपारी, ध्वजा, नारियल, नैवेद्य, फल, पुष्प के साथ ही अगरु चंदन के दिव्य गंध और देवी मां के जयकारों से पूरा माहौल देवीमय हो गया। नगर के ओकडेनगंज, जापलिनगंज, गुदरी बाजार, आर्यसमाज रोड, शास्त्री नगर बड़ागड़हा, भृगुआश्रम, कलेक्ट्रेट कालोनी, कदम चौराहा, गांधी नगर, चंद्रशेखर नगर आदि मुहल्लों में देर रात्रि तक पूजन-अर्चन, भक्ति संगीत प्रसाद वितरण आदि का कार्यक्रम चलता रहा। आबाल वृद्ध बनिता देवी मां के दिव्य स्वरूप तथा पण्डालों की छटा देखने विचरण करते रहे।

नवरात्र के मौके पर रसड़ा नगर के विभिन्न मुहल्लों में शक्ति स्वरूप लगभग चार दर्जन मां दुर्गा की स्थापित प्रतिमाओं का पट परम्परा के अनुसार तिथि सप्तमी दिन शुक्रवार को वैदिक विधि से पूजन अर्चना के बाद खोला गया। पट खुलते ही जहा मां की विभिन्न स्वरूपों की झांकी व आकर्षक पण्डालों को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी वहीं नगर में ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर बज रहे देवी गीतों की गूंज से पूरा नगर देवी मय हो गया है।

नगर के गुदरी बाजार, पुरानी संघत, उत्तर पट्टी, ठाकुर बाड़ी, पश्चिम मुहल्ला, स्टेशन रोड, बस स्टाप, छितौनी आदि पूजा समितियों के मां की आकर्षक झांकी पण्डालों तथा इलेक्ट्रानिक सजावट की छटा देखते ही बन रही है जहां भक्तों का रेला उमड़ रहा है।

खेजुरी क्षेत्र के एकइल गांव में जलाशय के मध्य स्थापित दुर्गा पण्डाल आज भी श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बिन्दु बना हुआ है। हरदोई में स्पेशल जज के पद पर तैनात इसी गांव के शिव शंकर श्रीवास्तव ने मां की प्रतिमा का पट खोला। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द को मजबूती देने के लिए पुरजोर कोशिश होनी चाहिये। युवा वर्ग से रचनात्मक कार्यो में आगे आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्र में धार्मिकता बनी रहे इसके लिए भी सार्थक प्रयास होने चाहिये। उन्होंने कहा कि ऐसे ही आयोजनों से लोगों में श्रद्धा व भक्ति का समावेश होता है। वहीं सामाजिक बुराइयों को दूर करने में भी मदद मिलती है। मानस की एक चौपाई सुनाते हुए उन्होंने कहा कि मुझे प्रतिमा का पट खोलने का मौका मां दुर्गा के ही आशीर्वाद से प्राप्त हुआ।

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