Sunday, September 13, 2009

सप्तक्रांति के उद्देश्य लोगों तक पहुंचे: डा. सुनीलम् !

बलिया। डा. राम मनोहर लोहिया के जन्म शताब्दी पर निकली सप्तक्रांति विचार यात्रा रविवार को जनपद में पहुंची। इस यात्रा का स्वागत जयप्रकाश नगर एवं चन्द्रशेखर नगर में समाजवादी विचार धारा के लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ किया। बिहार के रास्ते सीमा में प्रवेश करने वाली इस यात्रा को जयप्रकाश नगर में सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी व जिला पंचायत अध्यक्ष राज मंगल यादव ने बड़े ही उत्साह के साथ स्वागत किया। वहां से यह यात्रा लोहिया के विचारों से जनता को अवगत कराते हुए शहर के चन्द्रशेखर नगर झोपड़ी पर पहुंची। यहां पत्रकारों से वार्ता करते हुए यात्रा के नेतृत्वकत्र्ता डा. सुनीलम् ने कहा कि लोहिया की सप्तक्रांति के उद्देश्यों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य उच्च व उच्चतम न्यायालय से अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त करना एवं क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग करना है। कहा लोहिया के उद्देश्य थे कि अमीर व गरीब के बीच की असमानता खत्म की जाय, नर-नारी के बीच भेद समाप्त किया जाय, हर स्तर पर शस्त्रों के निर्माण और उपयोग पर रोक लगायी जाय। इन्हीं कुल चौदह मुद्दे को इस यात्रा में रखा गया है। बताया कि यह यात्रा मुम्बई से निकल कर 21 राज्यों का भ्रमण करते हुए बलिया की क्रांतिकारी धरती पर पहुंची है। इसका मुख्य उद्देश्य समाजवाद का झण्डा बुलंद करने व समतामूलक समाज का निर्माण करना हैइस मौके पर समाजवादी पार्टी के सचिव शैलेश चौधरी पप्पू, केशव, बंशीधर यादव, रघुपति आदि उपस्थित रहे

सप्तक्रांति विचार यात्रा का बैरिया पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। इस यात्रा की अगुवाई कर रहे सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री विधायक अम्बिका चौधरी, राम गोविंद चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष राज मंगल यादव, नृपेन्द्र मिश्र बागी, निर्भय सिंह गहलौत, राजप्रताप यादव, उत्तम पांडेय व भरत यादव ने मैनेजर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। क्रांति यात्रा में शामिल नेताओं व कार्यकर्ताओं का बैरिया में स्व. मैनेजर सिंह के पुत्र नागेन्द्र सिंह, पूर्व प्रधान सिंह व अरविंद सिंह सेंगर ने स्वागत किया।

लोहिया के विचारों पर चलने से नहीं होती देश की दुर्दशा : डा. संतोषम्

जयप्रकाश नगर : डा. लोहिया के विचारों को आत्मसात कर राजतंत्र प्रणाली बनाई गई होती तो आज देश की यह दुर्दशा नहीं होती। रंगभेद की वर्तमान राजनीतिक धारा राष्ट्र को खाई की ओर ले जा रही है जिसे हमें तुरन्त रोकना होगा। सप्तक्रांति विचार यात्रा का मुख्य उद्देश्य यही है कि अगर समय से पहले हम उठ खड़े नहीं हुये तो शेष की गणना करने के लिए हमारे पास अपना इतिहास भी नहीं होगा।

उक्त उद्गार डा. संतोषम के हैं, जो अपनी यात्रा के दौरान 'अंधेरे के तीन प्रकाश गांधी, लोहिया जयप्रकाश' के गगनभेदी नारों के साथ जयप्रकाश नारायण स्मारक में रविवार को पधारे। उन्होंने जेपी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उपस्थित लोगों में अपनी बात रखी। डा. संतोषम ने कहा कि डा. लोहिया, जयप्रकाश और महात्मा गांधी के विचार एक दूसरे के पूरक हैं और बगैर इन विचारों को शामिल किये स्वतंत्रता के उद्देश्यों को कभी प्राप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आज भी देश के 80 प्रतिशत लोग समाजवादी विचारधारा से जुड़े हैं अथवा ऐसे महापुरुषों के विचारों से कहीं न कहीं जरूर प्रभावित हैं। सभा को सांसद नीरज शेखर, पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी आदि ने संबोधित किया।

No comments:

Post a Comment