Thursday, September 10, 2009

शिक्षा व्यक्तित्व विकास का सशक्त माध्यम !

बलिया। शिक्षा व्यक्ति के व्यक्ति्व के विकास का सशक्त माध्यम है। इसलिए दुनिया के विकसित देशों में सबसे ज्यादा महत्व शिक्षा को दिया जाता है। शिक्षा और विकास एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उक्त उद्गार जन शिक्षण संस्थान बलिया के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में सतीश चन्द्र कालेज शिक्षा विभाग के रीडर डा. देवेन्द्र सिंह ने व्यक्त किया। संगोष्ठी के अध्यक्ष जिला साक्षरता समिति के समन्वयक अतुल तिवारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। जनशिक्षण संस्थान के निदेशक ब्रह्मराम सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। नेहरू युवा केन्द्र के लेखाकार ओम प्रकाश मिश्र ने अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का इतिहास बताया। श्री मुरली मनोहर टाउन डिग्री कालेज के रीडर डा. ओमकार सिंह ने शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि लिखना, पढ़ना बोलना एवं समझना किसी भाषा के अवयव होते हैं। इनमें लिखना ही ऐसी विधा है जो अनन्त काल तक विचारों एवं ज्ञान के भण्डार को सुरक्षित रख सकती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अतुला तिवारी ने बलिया जनपद के युवाओं का साक्षरता में बढ़ चढ़कर भागीदारी करने के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विवेक कुमार शर्मा, कृषभान यादव, डा. शशि ओझा, डा. श्याम सुन्दर ने विचार व्यक्त किये।

निरक्षरता मिटाने हेतु मिलजुल कर करे प्रयास

सिकंदरपुर : बीआरसी नवानगर के प्रशिक्षण हाल में साक्षरता दिवस ससमारोह मनाया गया। समारोह को मुख्य अतिथि के पद से अपने सम्बोधन में बीआरसी समन्वयक जहीर आलम अंसारी निरक्षरता रूपी अंधकार को मिटाने हेतु मिलजुल कर प्रयास करने पर बल दिया। साक्षरता कर्मियों को आह्वान किया कि वह अभियान को सफल बनाने हेतु संकल्पित हो अपने दायित्वों का निर्वहन करे। साक्षरता प्रभारी नवानगर डा. बालकृष्ण यादव ने कहा कि निरक्षर व्यक्ति को साक्षरता बनाना एक पुण्य का काम है। बलिया जनपद में महिलाओं की साक्षरता मात्र 43.92 प्रतिशत होने पर चिंता व्यक्त किया। मोहनकांत राय, राजकिशोर यादव, श्रीमती किरन तिवारी आदि ने भी विचार रखा। संचालन राजकिशोर ने किया।

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