Thursday, November 18, 2010

पशुओं की आमद से बढ़ी नंदी ग्राम की रौनक !

छठ पर्व एवं बिहार का चुनाव खत्म होने के कारण ददरी पशु मेला के नंदी ग्राम में चहल-पहल बढ गयी है। इस कारण आयोजकों के उदास चेहरों पर मुस्कुराहट दिखायी देने लगी है क्योंकि शुरूआत से ही पशुओं की कम आमद और गत वर्ष से कम आमदनी के कारण नगरपालिका में उदासी का माहौल था।

अब मेले में हरियाणा, पंजाब से दुधारू पशु आने लगे हैं। पशु व्यापारी कृष्ण मोहन सिंह जुगनू, संतोष सिंह, हीरा लाल आदि मेले में हो रही भीड़ को लेकर काफी उत्साहित हैं और उन्हें इस वर्ष अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा भी जिलों में पत्र भेजकर पशु व्यापारियों को परेशान नहीं करने की अपील के बावजूद कुछ थानों की पुलिस पशु व्यापारियों से अवैध वसूली कर रही है। फिरभी पशु व्यापारियों ने माना कि पहले जैसी धांधली नहीं है। दूध लेने शहर के लोग दूध का डिब्बा लेकर सुबह शाम मेले पहुंच जा रहे हैं क्योंकि वाजिब मूल्य पर शुद्ध दूध मेले में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जिला दुग्ध उत्पादन संघ द्वारा पशु मेले से दूध खरीदने की घोषणा की गयी थी लेकिन अभी तक संघ के लोग मेले में दिखायी नहीं दे रहे हैं। पशु बाजार थाने पर पुलिस फोर्स की समुचित व्यवस्था की गयी है। बताते चलें कि बिहार के सोनपुर पशु मेले के बाद बलिया का पशु मेला ही विख्यात है, यहां अच्छी नस्ल के मवेशी के अलावा घोड़े, खच्चर, गधों की भी खरीद बिक्री होती है। हालांकि अब तांगा और इक्का तथा घोड़ा के साथ सामान ढोने वाली गाड़ी का प्रचलन खत्म होता जा रहा है। पशु मेले में हर वर्ष तांगा और सामान ढोने वाली गाड़ी भी आती है। बक्सर बिहार से आये व्यापारी उस्मान ने बताया कि मैंने मेले से सामान ढोने वाली गाड़ी 17 हजार रुपये में घोड़ा सहित खरीदी है। साथ चल रहे तीन व्यापारियों में से एक नंद जी ने बताया कि तीन दिनों से कोई ग्राहक नहीं मिलने से हम वापस जा रहे हैं जबकि पप्पू ने बताया कि मैंने घोड़े सहित सामान ढोने वाली गाड़ी 16 हजार रुपये में बेची है। पशुओं का सामान बेचने वाले भीड़ से काफी उत्साहित हैं।

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