Saturday, November 20, 2010

स्नानघाटों पर गंगा प्रदूषण रोकने का प्रयास विफल !

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के प्रति लापरवाह बना प्रशासन जनपद के स्नानघाटों पर गंगा प्रदूषण रोकने में पूरी तरह विफल है। आस्था के नाम पर अंध भक्ति की मिसाल पेश कर रहे लोगों द्वारा पालीथिन का प्रयोग 200 मीटर की सीमा में खुलकर किया जा रहा है। शौच और शवदाह से बेखबर प्रशासनिक मशीनरी गंगा की गरिमा के प्रति अब भी अनजान है। उक्त टिप्पणी गंगा मुक्ति व प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान की पूर्व संध्या पर जिले के श्रीरामपुर, महाबीर घाट, विचलाघाट, शनीचरी आदि विभिन्न घाटों का अवलोकन के पश्चात पत्रकारों से की। उन्होंने बताया कि नये संदर्भो में प्रशासन की जिम्मेदारिया सकुशल स्नान सम्पन्न कराने के साथ-साथ गंगा को प्रदूषित होने से बचाने के लिए न्यायालय के आदेश को पालन करने और कराने की भी है। बताया कि स्नान के दिन गंगा मुक्ति सेवा के सदस्य जनपद के प्रत्येक घाट पर उपस्थित होकर स्नानार्थियों को हाईकोर्ट के निर्देश से अवगत करायेंगे। इस अवसर पर श्री तिवारी के साथ गंगा मुक्ति सेना के संयोजक जितेन्द्र चौथे, सहसंयोजक दीपक तिवारी, अजीत पाण्डेय, राकेश विक्रम सिंह सहित कई गंगा भक्त मौजूद रहे।

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