कार्तिक पूर्णिमा यानी रविवार को पड़ने वाले इस पर्व पर कोइलरवा हनुमान जी मंदिर पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा। यहां के प्रति लोगों में अटूट आस्था व विश्वास है। यूं तो इस मंदिर पर हमेशा ही आस्थावानों की आमदरफ्त बनी रहती है। ..लेकिन पूर्णमासी के दिन यहां हजारों लोग विधि-विधान से दर्शन-पूजन करने के साथ ही मन्नतें मांगते हैं।
उल्लेखनीय है कि तहसील मुख्यालय से 30 किलोमीटर दक्षिण व पूरब के कोने में घनघोर जंगल (डकही) के बीच लगभग 600 वर्ष पुराना हनुमान जी की मूर्ति के साथ भव्य मंदिर स्थापित है। वहां बारहों मास आस्थावानों का रेला लगा रहता है। खासकर पूर्णमासी के दिन मंदिर परिसर में आस्थावानों का सैलाब उमड़ पड़ता है। ग्रामीण बताते है कि भोर्तिया कबिले के लोगों ने हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की थी। लोगों का मानना है कि जो भी यहां मन्नत मांगता है वह अवश्य ही पूरी होती है। बचपन से ही मूर्ति की देख रेख व पूजा पाठ कर रहे धन्नीपुर गांव निवासी पुजारी रामधनी ने बताया कि हनुमान जी का यह मंदिर सिद्धपीठ है। यहां आने वाला कभी भी निराश होकर नहीं लौटता। पूर्णमासी के दिन करीब दस हजार की संख्या में बिहार प्रान्त सहित स्थानीय क्षेत्र के साथ गैर जनपदों से आने वाले लोगों की यहां भीड़ जमा होती है। पूरा मंदिर परिसर मेले में तब्दील हो जाता है। कथा, हरिकीर्तन व मुण्डन संस्कार कराने वालों की लम्बी तादात रहती है। श्रद्धालु बच्चा सिंह यादव, रामकृत, भरत, दीना विश्वकर्मा आदि कहते है कि प्रशासन द्वारा यहां पीने के पानी की व्यवस्था कर दी जाती तो श्रद्धालुओं को पानी के लिए जूझना नहीं पड़ता।
Saturday, November 20, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment