ऐतिहासिक ददरी मेले के भारतेन्दु मंच पर शुक्रवार की शाम को हुए दंगल में सभी को पछाड़ते हुए राम मनोहर ने बलिया केशरी का ताज अपने नाम कर लिया। अंकों के आधार पर हुए निर्णय में राकेश मल्लाह द्वितीय स्थान पर रहे। वहीं पहलवान झब्बर को सांत्वना पुरस्कार से संतोष करना पड़ा।
मेले के इस ऐतिहासिक मंच पर हुए दंगल में तीस पहलवानों ने अपने दाव-पेंच दिखाये। इसमें प्रथम सेमीफाइनल मलप के पहलवान राकेश व नगरा के गुड्डू के बीच हुआ। इसमें राकेश ने बाजी मार फाइनल में जगह बना ली। द्वितीय सेमीफाइनल खरीद के झब्बर व अकटहीं के राम मनोहर के बीच हुआ। इसमें राम मनोहर ने झब्बर को हरा फाइनल में अपनी दावेदारी मजबूती के साथ पेश की। फाइनल में पहुंचे पहलवान राकेश मल्लाह व राम मनोहर की जोड़ी के बीच मुकाबले की शुरुआत हाथ मिलाकर नगर पालिका चेयरमैन संजय उपाध्याय ने की। निर्धारित पांच मिनट के अंदर दोनों पहलवानों के बीच काफी जंग हुई। इसमें राम मनोहर ने एक अंक लेकर शुरू से ही बढ़त बना ली थी। कुश्ती बराबरी पर छूटने के बाद निर्णायकों ने इन दोनों पहलवानों को जनता की मांग पर दो मिनट का अतिरिक्त समय दिया लेकिन निर्णय नहीं हो सका। इस पर अंक की बढ़त के आधार पर राम मनोहर को विजेता घोषित किया गया। इस पहलवान को मुख्य अतिथि नगर पंचायत चितबड़ागांव के चेयरमैन आदित्य नारायण कनकन ने साफा बांधकर जिला केशरी से नवाजा। इसके बाद शील्ड प्रदान किया गया। वहीं द्वितीय स्थान पर रहे राकेश को नपा चेयरमैन संजय उपाध्याय ने शील्ड देकर पीठ थपथपाई। इसके साथ ही पहलवान झब्बर को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कुश्ती की शुरुआत मुख्य अतिथि चितबड़गांव नगर पंचायत के चेयरमैन आदित्य नारायण कनकन ने फीता काटकर किया। निर्णायक की भूमिका में पहलवान प्रभुनाथ यादव, जगदीश सिंह, कविलास सिंह, असीम व राम नारायण चौधरी रहे। इस मौके पर पुलिस अधिकारी केसी गोस्वामी, सभासद अकबर, विजय गुप्त, कृष्ण मोहन, अशोक मिश्र, जुगनू व पिंटू आदि मौजूद रहे। मंच प्रभारी वीरेन्द्र कुमार वर्मा ने आभार प्रकट किया।
लगते रहे भृगु बाबा के जयकारे
दंगल के दौरान पहलवानों का उत्साहवर्धन के लिए जुटे समर्थक एक-एक दांव पर भृगु बाबा के जयकारे लगाते रहे। इसमें नपा कर्मचारी व पुलिस के जवान भी पीछे नही रहे। कई ऐसे जोड़े अखाड़े में आये जो पुराने पहलवानों को चित कर दिये। इस दौरान दर्शक कई बार आपे से बाहर आकर मंच तक आ जा रहे थे। इन्हें हटाने के लिए पुलिस को काफी मक्कशत करनी पड़ी। दर्शक पहलवानों की जीत पर पैसा भी लूटा रहे थे।
Friday, November 26, 2010
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Baithe baithe mela ghoone aur dangal dekhne ka maja mila . Dhanywaad.
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