Wednesday, March 18, 2009

बिहार से सटे गांव चिह्नित, प्रशासन की इन पर खास नजर

बलिया। प्रदेश के अंतिम पूर्वी छोर पर बसे इस जनपद में चुनाव सकुशल सम्पन्न कराना प्रशासन के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। बिहार के दोनों तरफ गंगा व घाघरा से घिरे जनपद में पड़ोसी राज्य का हस्तक्षेप हमेशा रहता है। इसको लेकर कई बार टकराहट भी हुई है। प्रदेश में इस बार उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा से सटे गांवों को प्रशासन ने इस बार चिह्नित किया है। इन गांवों में लोक सभा चुनाव के दौरान विशेष बल तैनात करने की रणनीति बन रही है। बिहार की सीमा सटे जनपद के 60 गांव हैं। उन गांवों में सकुशल चुनाव कराना हमेशा चुनौती पूर्ण रहा है। यहां तक की इन गांवों के बूथों पर तैनात कर्मचारी हमेशा किसी अनहोनी को लेकर डरते रहते हैं। बिहार प्रांत से सटे गांव कोतवाली क्षेत्र के शिवपुर दियर, प्रानपुर, नरही के इच्छा चौबे का पुरा, पलिया खास उर्फ बड़का खेत, भरौली, गोविन्दपुर, सरायकोट, सिकन्दरपुर, नरायणपुर, नसीरपुर मठ, उजियार, उमरपुर दियारा, कुल्हड़िया, फेफना के इन्दरपुर, गंगहरा, थम्हनपुरा, बांसडीह के सुल्तानपुर, टिकुलिया दीयर, भोजपुरवा, पर्वतपुर, रेगहां, सहतवार के गम्भीर टोला, चक विलियम, सुरहा गांव हैं। इसी क्रम में थाना रेवती का भोजछपरा, भोपालपुर, दन्तहां, तिलापुर, शिवपुर माझा, वशिष्ठ नगर, गोपाल नगर, मनियर के पुरुषोत्तम पट्टी, निपनिया, बहादुरपुर, बिजलीपुर, असना, कस्बा मनियर, टुकड़ा नम्बर-2, टुकड़ा नम्बर 2 रिगवन, मानीपुर, बिजलपुर, ककर घट्टा थाना सिकन्दरपुर के कठौड़ा, लिलकर, खरीद, बसरिखापुर, लक्ष्मी, हल्दी के जवहीं, हांसनगर, उदवन छपरा, बैरिया के फत्तेराय का टोला, चांद दियर, अठगांवा इब्राहिमाबाद, जयप्रकाश नगर, गंगापार नौरंगा तथा चक्की नौरंगा गांव बिहार की सीमा से सटे हुये हैं। इन गांवों में मतदान तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कराया जाता है। इन सभी गांवों पर चुनाव के दौरान प्रशासन की पैनी नजर रहेगी। इसके लिए पुलिस अधिकारियों की बैठक में विशेष रणनीति बना ली गई है।

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