Monday, June 15, 2009

इस्लाम का पौधा ही उगा मोहब्बत की बीज से: मौलाना अहमदुल्लाह !

बलिया। इस्लाम का पौधा मोहब्बत की बीज से उगा है। इस्लाम ने दुनिया में भाईचारा कायम करने, नफरत व बडे़-छोटे का भेद मिटाने की तालीम दी है। दुनिया का निजाम आज इसी मोहब्बत की दम पर कायम है। निकटवर्ती ग्राम सभा बहेरी में मदरसा वसीयतुल ओलूम की जानिब से मुन अकिद सालाना इजलास व दस्तारबंदी के मौके पर मौलाना अहमदुल्लाह साहब ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि आपसी मेलजोल व भाईचारा का पैगाम हर मजहब ने दिया है लेकिन कुछ सिरफिरे और मफाद परस्त लोग अपनी गलत कारगुजारियों की बदौलत मजहबे इस्लाम को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। कहा कि आतंकवादियों और फसादियों का कोई मजहब नहीं होता इसलिए उन्हे किसी मजहब से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद और फसाद का मिल जुलकर मुकाबला करने और इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का आह्वान लोगों से किया। इस्लाम की बारीकियों पर उन्होंने रोशनी डाली। कहा कि लोग अपने बच्चों को हर हाल में तालीम याफ्ता करे क्योंकि तालीम की कमी की वजह से ही आज हम सबसे पीछे हैं। मुल्क की तरक्की भी हमारी तालीम पर ही मुनहसर करता है। बच्चियों की तालीम पर उन्होंने खास जोर दिया। इस मौके पर मदरसे के पांच बच्चों की दस्तारबन्दी की गई। जलसे का आगाज कुरआन पाक की तिलावत से हुआ। जलसे को मुनअकिद कराने में नेसार अहमद एडवोकेट, इरशाद अहमद मुन्ना खां, इकरामुद्दीन खां, जमशेद खां, करीमुल्लाह खां सहित अहले बहेरी का विशेष योगदान रहा। आखिर में मजहब और मुल्क की तरक्की व अमन शांति के लिए दुआ की गई। मदरसे के सदर हाफिज जैनुद्दीन सिद्दीकी ने सबका खैरमकदम किया।

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