Sunday, June 14, 2009

कृषि का पूरक है पशुपालन : डा. एसके सिंह

बलिया। कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत किसान मेला एवं कृषि गोष्ठी का आयोजन क्षेत्र के डुमाडाड़ (भिटुकुना) स्थित प्राथमिक पाठशाला पर रविवार को किया गया। गोष्ठी का शुभारम्भ भिटुकुना ग्राम प्रधान राम सरीख धुसिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

गोष्ठी में दूर-दराज से आये सैकड़ों किसानों को नवीनतम खेती की जानकारी दी गयी। कृषि विज्ञान केंद्र सोहांव के वैज्ञानिक डा. एसके सिंह ने उपस्थित किसानों एवं पशुपालकों को पशुपालन से संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि आज के दौर में पशुपालन का महत्व बढ़ गया है। पशुपालन से कृषि योग्य भूमि का गहरा संबंध है। किसानों को अपनी खेती सही रखने के लिए पशुओं को पालना आवश्यक है। कृषि वैज्ञानिक डा. वेदप्रकाश सिंह ने किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्रनें का उत्तर देते हुए धान की खेती से संबंधित जानकारी किसानों को दी। गोष्ठी में प्राविधिक सहायक पारसनाथ गुप्ता ने भी किसानों को फसल चक्र, खाद आदि के बारे में बताया।

किसान मेला एवं गोष्ठी में सैकड़ों किसानों के अलावा किसान सहायक, किसान मित्र आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी रसड़ा वीरेन्द्र कुमार मिश्रा तथा संचालन प्राविधिक सहायक पारसनाथ पाण्डेय ने किया। किसान मेला को सफल बनाने में गौरीशंकर प्रसाद, रमाशंकर यादव, देवनारायण प्रजापति, श्रीशचन्द श्रीवास्तव का विशेष सहयोग रहा।

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