Tuesday, June 30, 2009

बलिया में मुठभेड़ के दौरान खूंखार तेंदुआ ढेर

रसड़ा (बलिया)। क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में महीने भर से दहशत का पर्याय बने खूंखार तेंदुए को अन्तत: मंगलवार को नरायणपुर गांव के समीप एक खेत में ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए मार डाला। लगभग चार घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान वन क्षेत्राधिकारी समेत एक दर्जन लोग लहूलुहान हो गये। घायलों का इलाज रसड़ा अस्पताल में कराया गया। सूचना पाकर पहुंचे पुलिस अधीक्षक ने मौका मुआयना किया।

बताते हैं कि गांव के दो बच्चे पूर्वाह्न करीब 11 बजे खेत के समीप खेल रहे थे। इसी बीच झाड़ियों के बीच छिपा तेंदुआ अचानक निकल कर बच्चों पर हमला कर दिया जिससे मेल्हू धोबी का 10 वर्षीय बेटा अनीत घायल हो गया। क्षेत्र में खूंखार जानवर के आगमन की सूचना जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। बुरी तरह जख्मी अनीत को लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद उस खेत को चारों तरफ से ग्रामीणों ने हथियार लेकर घेर लिया। इसकी सूचना तत्काल जिला प्रशासन को भी दे दी गयी। कुछ ही देर में घटना स्थल पर डीएफओ सहित वनाधिकारी, क्षेत्राधिकारी रसड़ा तथा तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई।

सबसे रोमांचक क्षण उस समय आया जब वन क्षेत्राधिकारी एम ए सिद्दिकी के झुरमुटों के समीप पहुंचते ही तेंदुए ने उन पर हमला बोल दिया। उसी क्षण एक सिपाही ने बहादुरी का परिचय देते हुए स्वयं घायल होकर उन्हें बचा लिया लेकिन दोनों लहूलुहान हो गये। इसके बाद तेंदुए के आक्रमण से राघवेन्द्र त्रिपाठी वर्ष पुत्र चन्द्रभूषण, रमाशंकर चौहान (45 वर्ष) पुत्र किशुन चौहान, आशीष तिवारी (20 वर्ष) पुत्र स्व. गणेश शंकर तिवारी, आनन्द प्रसाद आर्य वन दरोगा, ओम प्रकाश चौहान पुत्र बालदेव चौहान सहित तीन अन्य लोग भी गम्भीर रूप से घायल हो गये। इन सभी को रसड़ा अस्पताल पहुंचाया गया।

बताते हैं कि चार घंटे तक चली इस मुठभेड़ दौरान पुलिस अधीक्षक चन्द्र प्रकाश के मौके पर पहुंचते ही ग्रामीणों ने तेंदुए को लाठियों से मार-मार कर ढेर कर दिया। इस नजारे को देखने के लिए मौके पर हजारों की भीड़ डटी थी। तेंदुए को मार गिराये जाने से इलाकाई लोगों ने राहत की सांस ली है।

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