Thursday, June 11, 2009

मन मस्तिष्क पर स्थायी भाव छोड़ जाती कला कृतियां : डा. सूर्य

बलिया। राजकीय इण्टर कालेज में चल रहे ग्रीष्मकालीन चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला में कार्यक्रम के संयोजक डा. इफ्तेखार खां ने बताया कि अकादमी के निर्देशानुसार समय-समय पर विषय विशेष बुलाकर कला की नवीनतम तकनीक से बच्चों को रूबरू कराया जायेगा। इस क्रम में सीटी राजकीय इण्टर कालेज के कला अध्यापक डा. सूर्यनाथ पाण्डेय ने पेन्टिंग बनाने का व्याख्यान एवं अपनी कला का प्रदर्शन छात्र-छात्राओं के सम्मुख किया। व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा कि कला के रंग रूप का अपने ढंग से अनुकरण करना चाहिये। फिल्म टेलीविजन के चित्र केवल सपने जैसे मन मस्तिष्क पर आते हैं लेकिन पेन्टिंग को तो आंखों से देखकर मानव आनन्द विभोर हो जाता है। उन्होंने बच्चों के समक्ष एक्रलिक कलर से लैण्डस्केप पेन्टिंग किया तथा कैनवास पर दूसरी पेन्टिंग में मजदूरों, गरीबों का कम्पोजीशन किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि गरीबी के लिए किस कलर का कहां प्रयोग करेगे तथा अमीर का कौन सा कलर होता है। उन्होंने कला कि बलिया जैसा बच्चों में कला प्रेम गाजीपुर और बनारस में भी नहीं है। उन्होंने डा. इफ्तेखार खां के प्रयास को सराहा। कहा कि यहां कला का एक अच्छा माहौल तैयार हो गया है। अकादमी को भी धन्यवाद दिया। प्रशिक्षण लेने वालों में राज्यव‌र्द्धन सिंह परमार, कौश्तुभ सिंह, अविरल सिंह, अरशद अली, आस्था सिंह, सर्वशक्ति सिंह, सना परवीन, सुभाषनी सिंह, अविनाश सिंह आदि शामिल हैं।

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