Tuesday, October 22, 2013

डीएम दफ्तर पर छात्र नेताओं व पुलिस में तकरार

सतीश चंद्र कालेज में अध्यक्ष के निष्कासन के विरोध में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे छात्र नेताओं व पुलिस में गरमा गरम बहस के साथ ही हाथापाई तक हुई। पुलिस द्वारा छात्र नेताओं के साथ किए गए इस दु‌र्व्यवहार से क्षुब्ध पूर्वाचल छात्र संघर्ष समिति के संयोजक व जिला पंचायत सदस्य नागेंद्र बहादुर सिंह (झुन्नू) ने 25 अक्टूबर को आत्मदाह की घोषणा कर दी। इससे प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। प्रतिनिधि मंडल ने डीएम को पत्रक सौंप कार्रवाई की मांग की।
पूर्वाचल छात्र संघर्ष समिति के बैनर तले सतीश चंद्र कालेज के छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल कुमार मिश्र का निलंबन वापस लेने तथा महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा की गई अनियमितता पर कार्रवाई की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देने नगर के कुंवर सिंह, टीडी कालेज, व एससी कालेज के छात्र नेता गए थे। जिलाधिकारी कार्यालय पर छात्र नेताओं के समूह को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। इसको लेकर पुलिस व छात्र नेताओं में विवाद हो गया। सदर कोतवाल अजय राय ने छात्र नेताओं को खदेड़ने का प्रयास किया। इससे कुछ देर के लिए हंगामा खड़ा हो गया। सीओ सिटी आलोक जायसवाल ने सार्थक पहल करते हुए छात्र नेताओं के प्रतिनिधि मंडल को जिलाधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव से मिलवाया।
छात्र नेता नागेंद्र बहादुर सिंह झुन्नू ने कहा कि छात्रों के साथ हुए अपमान से क्षुब्ध होकर 25 अक्टूबर को वह आत्मदाह करेंगे या इसके पूर्व छात्र नेताओं के साथ अपमान व अमर्यादित व्यवहार करने वाले सदर कोतवाल को हटवाया जाए। छात्रों को संबोधित करते हुए झुन्नू सिंह ने कहा कि छात्रों का यह जनतांत्रिक आंदोलन पुलिस अपनी लाठी एवं डंडों के बल पर दबा नहीं सकती।
इस मौके पर मानवेंद्र विक्रम सिंह, अमृत सिंह डिंपल, राकेश सिंह, प्रभुनाथ यादव, विशाल प्रताप सिंह, राणा प्रताप यादव दाढ़ी, कृष्ण प्रताप यादव गोलू, रजनीकांत तिवारी, वीके सिंह, बबलू यादव, शक्तिशेखर सिंह, कमाल खां, आनंद विक्रम सिंह, दयाल शरण वर्मा, धनंजय यादव, विवेक सिंह, नकुल चौबे, राकेश ठाकुर, रत्‍‌नेश यादव, अनूप मिश्र, राकेश मोहन, मिथिलेश सिंह, रवि यादव, गोलू सिंह, प्रकाश सिंह आदि छात्र नेता उपस्थित थे।
डीएम ने मांगी रिपोर्ट
सतीश चंद्र कालेज व टीडी कालेज के प्राचार्य द्वारा अब तक चल रही जांच में आख्या उपलब्ध न कराने पर जिलाधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव ने नाराजगी जताई। सिटी मजिस्ट्रेट से तत्काल जांच रिपोर्ट मांगा। कहा कि आख्या न देने वालों के बारे में कुलपति को पत्र लिखा जाएगा।

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