Thursday, October 17, 2013

कलि के प्रभाव से धर्म के प्रति उदासीनता : हरिहरानंद

 ग्राम कर्णछपरा में सर्वमनोकामना सिद्धि श्रीहनुमान जी की 32 फीट की बैठे स्वरूप की प्रतिमा का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बुधवार को मूर्ति निर्माण कार्य का अवलोकन करने पधारे संत शिरोमणि स्वामी हरिहरानंद जी ने श्री ठकुरी बाबा मठ कर्णछपरा में धर्मानुरागियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्री हनुमान जी बैठे स्वरूप की ऐसी प्रतिमा पूरे उत्तरी भारत में नहीं है। स्वामी जी ने कहा कि उक्त हनुमान जी की प्रतिमा में देश के कोने-कोने से श्री खपड़िया बाबा परिवार अथवा अन्यान्य धर्मानुरागी द्वारा लिखित हरिनाम का मंत्र लगभग साढ़े चार अरब की संख्या में डाला जा चुका है और अभी और भी महामंत्र डाले जाएंगे। 

स्वामी जी ने घोषणा किया कि उक्त मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 12 फरवरी 2014 को होगी। तत्पश्चात उक्त स्थान पर दो माह एक दिन (61 दिन) तक चलने वाले अति महारूद्र यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। कहा कि उक्त महायज्ञ में कुल 65 यजमान एक दिवसीय होंगे। इसके लिए क्रमश: 25 हजार, 30 हजार व 50 हजार की शुल्क की श्रेणी रखी गई है। स्वामी जी ने उपस्थित श्रद्धालुओं का आह्वान करते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन में ऐसे सौभाग्यशाली अवसर कभी-कभी प्राप्त होते हैं। ऐसे अवसर का सदुपयोग करते हुए अनुष्ठान में अपने साम‌र्थ्य के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को भागीदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग नाना प्रकार के कष्ट, बीमारी तथा परेशानियों से जूझ रहे हैं ऐसे में हरिनाम संकीर्तन से बड़ा कोई सहज उपाय नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन भगवन्नाम का संकीर्तन करना चाहिए।

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