Sunday, December 12, 2010
आत्मनिर्भरता है अचूक आयुध !
जीवन में आत्म निर्भर होकर ही बड़ा लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। संसाधनों के अभाव में भी आत्मनिर्भरता अचूक हथियार साबित हो सकती है। रोवर्स रेंजर हमें यही सिखाता है। उक्त बातें गांधी महाविद्यालय मिड्ढा पर आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेन्द्र प्रताप शुक्ल ने कहीं। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि अमेरिका में एक अत्यन्त गरीब परिवार में जन्मे अब्राहमलिंकन को पढ़ने लिखने के लिए उपयुक्त साधन नहीं था। वे घर में खाना पकाने के लिए प्रयुक्त हाने वाले कोयले से लिखकर प्रारम्भिक वर्णाक्षरों का ज्ञान प्राप्त किये। बाद में वही लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति बने। श्री शुक्ल ने बताया कि भारत को जगतगुरु कहा जाता है लेकिन आज की परिस्थितियों में युवा भटकाव के दौर से गुजर रहे हैं। आशा व्यक्त की कि यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर छात्र- छात्राओं के जीवन को नयी दिशा देने में एक अच्छा प्रयास साबित हो सकेगा। शिविर में प्रशिक्षक अभिजीत तिवारी ने रोवर्स रेन्जर्स के उद्देश्यों के बताते हुए प्राशिक्षणार्थियों को सर्वप्रथम अनुशासन का पाठ पढ़ाया। प्रशिक्षिका डा. श्रीमती शकुन्तला श्रीवास्तव ने इस अवसर प्रशिक्षणार्थियों को शिविर के नियम बताये। प्रशिक्षण शिविर में 50 छात्र एवं 50 छात्राएं प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि को स्कार्फ पहनाकर सम्मानित किया गया। मौके पर मुख्य रूप से प्राचार्य डा. राम गणेश उपाध्याय, प्रियेन्द्र राय, डा. मीरा पाण्डेय, अभिषेक कुमार व पुनिता यादव आदि उपस्थित रहीं।
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