Monday, November 9, 2009

ज्ञान भक्ति वैराग्य के संतुलन से मोक्ष प्राप्ति: अतुल कृष्ण !

बलिया। राम कथा से जीवन में ज्ञान भक्ति और वैराग्य का उदय होता है और तीनों के बीच संतुलन भी स्थापित होता है यह कथा मनुष्य को मोक्ष के द्वार की चाफी प्रदान करती है क्योंकि मानव जीवन ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ देन है जिसके लिए देवता भी लालायित रहते हैं। उक्त उद्गार श्रीराम कथा आयोजन समिति द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीराम कथा के प्रथम दिवस अपने प्रवचन में पूज्य संत मानस मर्मज्ञ अतुल कृष्ण भारद्वाज ने व्यक्त किया। रामलीला मैदान के विशाल पण्डाल में आयोजित विद्या भारतीय सेवा न्यास को समर्पित कथा प्रारम्भ करते हुए अपने सम्मोहनकारी सुमधुर वाणी से श्री भारद्वाज ने राम कथा की विशेषताओं एवं प्रभावों का वर्णन किया। भगवान शिव द्वारा राम कथामृत पान के लिए कैलाश पर्वत से तमिलनाडु के कुम्भ कोड़म में अगत्स्य मुनि के आश्रम में जाने का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि अनन्य ज्ञानी कुम्भज ऋषि की पात्रता को देखकर भगवान शंकर ने उन्हे दक्षिणा स्वरूप भक्ति प्रदान किया। इसके पूर्व श्री भारद्वाज के नगर में प्रवेश करते ही टाउनहाल के मैदान से एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी जिसमें हजारों स्त्री-पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए। कलश यात्रा में विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने बैण्ड बाजों के साथ भाग लिया। शोभा यात्रा में लक्ष्मण सिंह, गणेश शंकर गुप्त, राम गोपाल अग्रवाल, अनिल कुमार सिंह, विजय बहादुर सिंह, जय प्रकाश नारायण सिंह, डा. विनोद कुमार सिंह, संजय शुक्ल, शिवकुमार जी जैसे प्रमुख लोग भी शामिल थे।

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