Monday, November 23, 2009

अगले बरस फिर मिलेंगे, कहते विदा हुए भारतेन्दु मंच से !

बलिया। ददरी मेले के ऐतिहासिक भारतेन्दु कला मंच पर रविवार की रात आयोजकों ने रंगारंग कार्यक्रम के बीच अगले साल फिर मिलने का वादा कर सबसे विदा लिया। विदाई की इस बेला को यादगार करने के लिए आयोजित ददरी महोत्सव में फनकारों ने अपनी कला का जलवा इस कदर बिखेरा कि उमड़ी भीड़ पर सर्दी का तनिक भी असर नहीं दिखा तथा पांडाल पूरी रात खचाखच भरा रहा।

भारतेन्दु कला मंच पर ददरी मेले के समापन समारोह पर आमंत्रित कलाकारों का अभिनन्दन कर अंगवस्त्रम भेंट किया किया गया। औपचारिक समापन समारोह के पश्चात उस ऐतिहासिक मंच को मां वीणावादिनी के उपासकों को सौंप दिया गया। संचालन का अवसर मिला अद्वितीय क्षमता के धनी विजय प्रताप सिंह को। उन्होंने सबसे पहले सबके मन मस्तिष्क को संगीतमयी बनाया और आवाज दिया भोजपुरी के सम्राट व भिखारी ठाकुर सम्मान से सम्मानित कलाकार भरत शर्मा व्यास को। शर्मा ने कार्यक्रम की शुरूआत अरे पूजवा के वेरिया ये मइया, बझिनिया कही पुकारे हो सुनाकर सबको मंत्र मुग्ध कर दिया। उसके पश्चात दिल्ली बम्बे कलकत्ता चाहे रहि मंसूरी में, पढि़-लिखिह कवनो भाषा पतिया भोजपुरिये में सुनाकर सबको भोजपुरिया होने का एहसास कराया। अश्लीलता पर चोट करते हुए भोजपुरी गीतों से अश्लीलता मिटावल जाई सुनाया। उसके पश्चात आराधना सिंह ने नौकरी करे के रहे त काहे कइल शदिया.. सुनाया। सुर संग्राम में अपनी गायकी का लोहा मनवा चुके जुड़वा भाई चन्दन व नन्दन राय ने देवी गीत ये माई हो चमचम चमके मंदिरवा, शेर रखवार बड़ुए ना व नृत्यांगना हीना के साथ काहे खिसियाइल बाडू जान लेबू का हो.. सुनाकर खूब तालियां बटोरी। नवोदित अंजली भारद्वाज ने भी अपनी कला प्रस्तुत की। उसके बाद रुचि भारद्वाज, वर्षा तिवारी, राकेश तिवारी, प्रियंका पायल व सुशील राय ने भी अपनी प्रस्तुति दी जिसे दर्शकों ने सराहा। राकेश तिवारी के गीत पापा के संगे मौसी.. पियवा के भावे कलमतिया नचनिया.. आदि को बड़ी वाहवाही मिली। अंत में गोपाल राय ने अपने नये पुराने गीतों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। बम्बई तोहरा बाप के ना ह की प्रस्तुति करते हुए उन्होंने पूरे पाण्डाल को रोमांचित कर दिया। उसके पूर्व जोनल कोआर्डिनेटर छट्ठूं राम ने फीता काटकर ददरी महोत्सव का आगाज किया। इस अवसर पर बांसडीह के विधायक शिवशंकर चौहान, डा. इन्दल राम सहित सभी सभासद उपस्थित रहे।

अंजली ने भर दी अंजुरी

बलिया: ददरी महोत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन करने आयी नवोदित कलाकार अंजली भारद्वाज ने पूरे ददरी महोत्सव को लूट लिया। नन्हीं जान ने जब-जब लागे ला नीक लागेला बड़ा नीक लागेला, मइया के बिन्दिया लिलार बड़ा नीक लागेला पर सुर साधा तो पूरा पाण्डाल ताली बजाने लगा और जब-जब वह गाई पाण्डाल गूंजता ही रहा।

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