Sunday, November 1, 2009

हम स्वतंत्र तो गंगा क्यों रहें बंधन में: अविमुक्तेश्वरानंद !

बलिया। ज्योतिषपीठ और शारदापीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की प्रेरणा से उनके शिष्य और उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गंगा सेवा अभियान के तहत स्थानीय भृगु मंदिर से गंगा मुक्ति संग्राम का बिगुल फूंका। भृगु मंदिर से जन जागरण रैली बापू भवन पहुंची जहां स्कूली बच्चों को स्वामी जी ने गंगा मुक्ति का संकल्प दिलाया।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता हर व्यक्ति के हृदय की आवाज है जो स्वतंत्रता हमें अभीष्ट है वह दूसरों को भी मिले। गंगा हमारी माता हैं। आज वह बांधों के बंधन में हैं। जाने कितने बांध अभी प्रस्तावित हैं यदि वे बन जायेंगे तो गंगा एक गंदे नाले के रूप में रह जायेंगी। गंगा का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा। कहा कि बलिया के लोगों ने जैसे आजादी का बिगुल फूंककर देश को आजाद किया उसी तरह गंगा मुक्ति का संग्राम भी बलिया से प्रारम्भ हो रहा है।

इस अवसर पर स्वामी परिपूर्णानंद सरस्वती ने कहा कि 'गंग सकल मुद मंगल मूला' जितने तरह की खुशियां है वह गंगा दे सकती है। गंगा-गंगा जो कोई कहे, नंगा भूखा कभी न रहे। यह जन सैलाब देखकर लगता है यह नन्हे मुन्ने बच्चे यह संदेश दे गये है कि गंगा एक दिन प्रदूषण और बांधों से जरूर मुक्त होगी। सभा को सुरेन्द्र यादव, छोटेलाल सिंह, सेवासद पंकज मिश्र, हरिकेश यादव, मुनचुन सिंह, गोरख सिंह, अशोक गुप्ता, सियाराम गुप्ता, दीपू वर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया।

जागरण रैली को सफल बनाने में जिन विद्यालयों ने शिरकत किया उसमें राधाकृष्ण एकेडमी, नागाजी सरस्वती शिशु मंदिर, शक्ति स्थल हाईस्कूल, पार्वती शिक्षा निकेतन, आरके कम्प्यूटर इंस्टीटयूट आदि शामिल रहे। अंत में गंगा सेवा अभियान के राष्ट्रीय प्रधान ने विशेष रूप से राधाकृष्ण एकेडमी के प्रबंधक आदित्य मिश्र तथा रमाकांत चौटाला, जयबहादुर यादव, बुद्धु राम तथा बलिया के प्रबुद्ध जनों के प्रति कृतज्ञता जाहिर किया।

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