Monday, November 9, 2009

खुल रहे विलेज लेबल कोर्ट, डोर-टू-डोर मिलेगा न्याय !

बलिया। शासन द्वारा गरीबों के लिए जो तमाम योजनाएं लागू की जा रही हैं वे उन तक पहुंच रही हैं या नहीं, कौन सा आदमी उक्त लाभ से वंचित हो रहा है उसके लिए जनपद की प्रत्येक तहसील में क्लीनिक एड की व्यवस्था की गयी है। इस क्रम में पांच हजार विलेज लेबल कोर्ट खुल रहे हैं जिसका कार्य 2 अक्टूबर 2010 से शुरू हो जायेगा, डोर टू डोर जस्टिस होगा। उक्त उद्गार जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी शुक्ल ने दीवानी न्यायालय के सेन्ट्रल हाल में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर व्यक्त किये। इससे पूर्व जिला जज ने अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय कुशल पाल सिंह व अन्य न्यायिक अधिकारियों के साथ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्र“वलित कर शिविर का उद्घाटन किया। इस मौके पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जेके सिन्हा, तृतीय राधेश्याम सिंह, चतुर्थ जज एके झा, जेएम प्रथम एके गौतम, पूर्वी मुंसिफ आजाद सिंह, पश्चिमी अरुण कुमार, डीपी सिंह व राजेश मिश्रा मौजूद रहे। जिला जज ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिस गरीब कुनबे को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है आप संकल्प लें कि किसी तरीके से उसे हर हालत में लाभ मिले। यही वास्तव में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस का उपयोग होगा। इससे पूर्व सचिव प्राधिकरण सीजेएम पीपी सिंह यादव, फास्ट ट्रैक कोर्ट नम्बर दो के जज बच्चू सिंह, गिरिजाशंकर सिंह (पूर्व विशेष मजिस्ट्रेट), कौशल कुमार सिंह (पूर्व अध्यक्ष क्रिमिनल बार), लक्ष्मण यादव, सुभाष चन्द्र पाण्डेय, अजीत सिंह, मुंशी लाल आजाद (प्रथम जज फास्ट टै्रक) ने पंचायती राज्य व्यवस्था, प्रीलिटिगेशन, न्याय पालिका पर बढ़ रहे बोझ समेत राष्ट्रीय विधिक दिवस 9 नवम्बर 1987 को कैसे लागू हुआ आदि बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने आह्वान किया कि जस्टिस पीएन भगवती की सोच को मूर्त रूप दिया जाए। कार्यक्रम का संचालन अनिल कुमार ने किया।

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