Tuesday, October 27, 2009

माया नगरी में आया हूं इंसानियत को जिन्दा रखने : देव सिंह!

बलिया । इंसान की किस्मत भी क्या खूब होती है। कोई अपनी प्रतिभा के बलबूते अचानक अपनी मंजिल हासिल कर लेता है तो बहुतेरे अथक परिश्रम के बाद भी अपेक्षित मुकाम तक नहीं पहुंच पाते। बलिया के देव सिंह इस मायने में मुकद्दर का सिकंदर ही कहलाएंगे। ख्वाब देखे थे चार्टर्ड अकाउन्टेट बनने की लेकिन किस्मत ने पहुंचा दिया माया नगरी में। थियेटर की कड़ी मेहनत रंग लायी और हथिया लिये 'डिटेक्टिव करण' समेत ढेर सारे टीवी सीरियल व फिल्में। आज आलम ये है कि लम्बी व मजबूत कद काठी वाला यह शख्स भोजपुरी समेत कई हिन्दी फिल्मों में खलनायक के किरदार को बखूबी निभाते हुए रुपहले पर्दे पर ऊंचाइयां छूने को आतुर है। पैसे की चाह नहीं बस तमन्ना एक ही इंसानियत को जिन्दा रखते हुए बागी भूमि का नाम रोशन करने की।

वर्दमान यूनिवर्सिटी से वाणिज्य में स्नातक करने के बाद देव ने कोलकाता से सीए करना शुरू किया लेकिन मिमिक्री व एंकरिंग के शौक ने उनका यहां भी पीछा नहीं छोड़ा और दोस्तों के प्रोत्साहन पर पहुंच गये देश की राजधानी दिल्ली में। थियेटर करने के ही दौरान प्रतिभा उजागर हुई और धड़ाधड़ मिलने लगे टीवी सीरियलों में काम। कुछ ही दिनों में हथिया लिये डिटेक्टिव करण, तलाक क्यों, क्राइम पेट्रोल, महिमा शनि देव की, रामायण, जीवन साथी, बालिका वधू, विक्रम-बेताल जैसे सीरियल और इनमें अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया। इसी बीच अंचरा के मोती, पतलुआ रिक्शे वाला, दीवाना जैसे फिल्मों में भी हुनर दिखाने का मौका मिला। देव को इंतजार है अपनी आने वाली भोजपुरी फिल्म 'प्रेमरोग' का। मंगलवार को जनपद के सहतवार निवासी इस शख्स ने अपनी कामयाबी का श्रेय पिता हरि नारायण सिंह को दिया। कहा उसे कामयाबी हासिल हुई तो वह बड़ों के आशीर्वाद व दोस्तों के सहयोग से

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