Tuesday, October 20, 2009

घाघरा के पानी में समाया तिलापुर में बना एप्रन !

बलिया। घाघरा की लहरों ने विकासखंड रेवती अंतर्गत तिलापुर समेत दर्जनभर ग्रामसभाओं में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। नदी के जलस्तर में कमी के साथ ही कटान तेज हो गई है। डेजर जोन कहलाने वाले तिलापुर में टीएस बंधे के नीचे बनाया गया लॉन्चिंग एप्रन करीब 30 मीटर की लम्बाई में रविवार रात घाघरा में समाहित हो गया, जिससे स्थिति खतरनाक बन गई। बोल्डर की पिचिंग व एप्रन के बीच दरार पड़ जाने से इलाकाई लोगों की नींद हराम है, वहीं दूसरी ओर स्थिति निरोधक कार्यो को रफ्तार देने में विभागीय अमला दिलचस्पी नहीं ले रहा। ऐसे में बैकरोलिंग से हो रही कटान से टीएस बंधा भी सुरक्षित नहीं। हाल यह है कि घाघरा बंधे से बिल्कुल सटकर बह रही है।

चांदपुर गेज पर नदी का जलस्तर सोमवार को खतरे के निशान से करीब ढाई मीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया। डेजर जोन बने तिलापुर में नदी अब भी दबाव बनाये हुए है। उधर पूर्व प्रधान रामवचन के घर को कटान से बचाने के लिए पिछले वर्ष जो बोल्डर डाले गए थे, उससे टकरा कर घाघरा बैकरोलिंग में सीधे टीएस बंधे को टक्कर मार रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर कटान की यही स्थिति रही तो बंधे का अस्तित्व बचाना मुश्किल हो जाएगा।

क्या है एप्रन : बाढ़खंड के सहायक अभियंता चतुर्थ जेआर भारती बताते है कि गर्मियों में नदियों का जलस्तर जब एलडब्ल्यूएल को छूता है तो कटान को रोकने के लिए वहीं से निरोधक कार्य प्रारम्भ किये जाते है ताकि बंधे आदि की सुरक्षा की जा सके। नदी के एलडब्ल्यूएल व बंधे की टो तक स्टोन बोल्डर डाल कर जो प्लेटफार्म तैयार किया जाता है वही लांचिंग एप्रन कहलाता है।

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