ददरी मेले के ऐतिहासिक भारतेंदु कला मंच पर शुक्रवार की रात कव्वाली का शानदार मुकाबला हुआ। इसमें वाराणसी की रौनक जहां व बलिया के कव्वाल इकबाल वारसी के हुए मुकाबले का लोगों ने जमकर आनंद उठाया। शुरुआत रौनक जहां की प्रस्तुति 'हमको उसकी मोहब्बत में खोना ही था, हादसा ये किसी रोज होना ही था' से हुआ। उन्होंने अपनी अदाओं से श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया। इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने 'लब पर तेरा नाम है मौला और आंखें हैं नम, दूर कर दे मेरे मौला, ये सभी रंजो गम, तेरे बंदे हैं हम..' सुनाया। कव्वाल इकबाल वारसी भी पीछे क्यों रहते। उन्होंने 'दीन धरम की बात जब आए धर्म मेरा इंसान ही लिखना, जब भी मेरी कहानी लिखना मुझको हिंदुस्तानी लिखना' सुनाकर लोगों के अंदर देश भक्ति का जज्बा भर दिया। कलाकारों ने इस दौरान एक-दूजे पर शब्दों के वाण भी खूब चलाए।
इस मौके पर सभासद शकील अहमद, श्याम जी, ददन यादव, राजकुमार पांडेय आदि मौजूद थे। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत बिल्थरारोड विधान सभा क्षेत्र के विधायक गोरख पासवान ने फीता काटकर किया। इस दौरान पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता व ईओ संतोष कुमार मिश्र ने सपा नेता जमाल आलम को भृगु स्मृति सम्मान से अलंकृत किया।
मेले में लोकगीत आज
ददरी मेला के भारतेंदु कला मंच पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक दिसंबर की रात को लोकगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें भोजपुरी व हिंदी फिल्मों के गायक व गायिकाएं भाग लेंगी। इसकी जानकारी देते हुए ईओ संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि इस कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है।
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