ऐतिहासिक ददरी मेले का मीना बाजार अब शबाब की ओर बढ़ चला है। दुकानदार भी अपनी दुकानों को समृद्ध करने लगे हैं। गुरुवार को सुबह से ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के आने का क्रम शुरू हो गया। शाम तक लोगों ने मेले में परिवार के सदस्यों के साथ झूला, सर्कस, नौटंकी, मौत का कुआं आदि का भरपूर आनंद उठाया। इसके बाद आवश्यक सामानों की खरीदारी भी की। मेले में इस समय शाम को ही ज्यादा भीड़ हो रही है। शहर क्षेत्र के लोग अपना काम काज निबटा कर शाम होते ही परिवार के साथ मेले की तरफ रुख कर ले रहे हैं। ठंड को देख लोग मेले में ऊनी कपड़ों की दुकानों पर मोल भाव करते नजर आए।
खादी कंबल की बिक्री तेज
ठंड को देखते हुए मेले में खादी कंबल की बिक्री बढ़ गई है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग ठंड में आज भी इसी कंबल का उपयोग करते हैं। लोगबाग इंतजार में रहते हैं कि इसकी खरीदारी वे ददरी मेले में ही करेंगे। 200 से 500 रुपये तक का यह कंबल उन्हें आसानी से मिल जा रहा है। लोग बताते हैं कि इस कंबल से ठंड में काफी राहत मिलती है।
आकर्षण का केंद्र बने प्लास्टिक फूल
ददरी मेले में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं प्लास्टिक के फूल। कानपुर की इस दुकान के फूल बड़े-बड़े शहरों के होटलों व घरों की शोभा बढ़ाते हैं। इस दुकान में 50 से 4000 रुपये तक के फूल व सजावट के सामान हैं। इसमें गुलाब, सूर्यमुखी, कमल, गुड़हल समेत अन्य प्रकार के आकर्षक फूल शामिल हैं। डलिया, कार्नर स्टैंड, ग्लोब, झालर समेत अन्य आइटम आने-जाने वालों को अपनी ओर खींच ले रहे हैं। व्यापारी राजेंद्र रस्तोगी ने बताया कि बड़े शहरों में इस तरह के फूलों व आइटमों की डिमांड ज्यादा है।
शादी विवाह के आइटमों की हुई बिक्री
गुरुवार को मेले में सबसे अधिक शादी विवाह में दूल्हा-दुल्हन को देने के आइटमों की ज्यादा बिक्री हुई। कुछ लोग गिफ्ट आइटमों को पसंद किए तो कुछ ने बक्सा, रजाई, गद्दा, चादर आदि की खरीदारी की।
भूले बिसरों को मिलाती रही पुलिस
ददरी मेले में भीड़ बढ़ने के साथ ही बच्चों के भूलने का सिलसिला भी जारी है। पुलिस ऐसे बच्चों को उनके परिवार वालों से मिलाती रही। दरअसल मेले के थाने में महिला व पुरुष जवानों की टीम लगाई गई है। पुलिस ने अब तक करीब दो दर्जन से अधिक भूले लोगों को उनके परिवार वालों से मिलाया।
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