Monday, May 10, 2010

विकास के फ्रेम से जिले का गायब होना दुर्भाग्यपूर्ण :नारद !

बलिया । नगर सहित पूरे जनपद में सड़क, बिजली, पानी सहित ठप पड़े विकास कार्य इस बात की गवाही के लिए पर्याप्त हैं कि जनप्रतिनिधि जनता से सीधे जुड़े मुद्दों को कितना तवज्जो देते है। यह बातें बातें पूर्व राज्यमंत्री नारद राय ने रविवार को सपा कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में कहीं। श्री राय ने नगर की एक-एक समस्या पर बिन्दुवार चर्चा की तथा बताया कि किस तरह से वर्चस्व की लड़ाई के चलते विकास का मुद्दा गौण होता जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के विकास फ्रेम से बलिया का गायब होना यह बताता है कि जनप्रतिनिधि किस तरह गूंगे-बहरे बने हुए हैं। राज्य वित्त आयोग द्वारा आवंटित धनराशि में बलिया केसाथ हुई हकतल्फी पर उन्होंने कहा कि जिस जिले से छ: विधायक सत्ता पक्ष के हों और विकास के एजेण्डे से जनपद ही गायब हो तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति और क्या हो सकती है। बिजली के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारे ही कार्यो का श्रेय लिया जा रहा है। सीवरेज पर कहा कि डैमेज सड़क की मरम्मत का कार्य कार्यदायी संस्था से निकाल कर नपा और पीडब्लूडी को देना यह बताता है कि स्थानीय नेताओं ने अपने लाभ के लिए टेण्डर कमेटी से संशोधन कराया है। मरम्मत के लिए तीन करोड़ रुपये आहरित होने के बाद भी कार्य प्रारम्भ न होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा कि आखिर किन परिस्थितियों में नपा और पीडब्लूडी ने क्रमश: एक करोड़ बयासी लाख व एक करोड़ पाने के बाद भी कार्य प्रारम्भ नहीं कराया। नगर पालिका पर कहा कि मुलायम सिंह यादव की सरकार में यह प्राविधान किया गया था कि पालिकाएं स्वावलम्बी हों। इस विषय पर अमल भी हुआ और तय हुआ कि रिवालविंग फण्ड के साठ फीसदी पैसे का प्रयोग स्थायी निर्माण में होगा। स्थानीय नपा को मजबूत बनाने के लिए लोहिया बाजार का निर्माण शुरू हुआ पर दुर्भाग्य कि राजनीतिक वर्चस्व की जंग में आज निर्माण ठप पड़ा है। जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 16 मई तक बिजली, पानी, सड़क सहित ज्वलंत मुद्दों पर विचार करते हुए कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ तो 17 मई को सपा कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करेगी।

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