Friday, May 7, 2010

मर्यादा पालन की शक्ति आती है सत्संग से : कृष्णा देवी!

बलिया । जीवन में सफलता हासिल करने के लिए मनुष्य में विवेक का होना आवश्यक है। शास्त्रों में लिखा है कि बिनु सत्संग विवेक न होई। सत्संग से मन शांत हो जाता है। मर्यादा पालन की शक्ति आती है और भगवान के प्रति प्रीति बढ़ती है। जब भगवान के प्रति प्रीति बढ़ेगी तो आपके अंदर सद्विचार पैदा होते हैं। सद्विचार आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त करता है। स्थानीय रामलीला मैदान में गुरुवार को सायं काल चार दिवसीय सत्संग का शुभारंभ संत आसाराम बापू की कृपा पात्र शिष्या कृष्णा देवी ने किया। ईश वंदना व गुरु वंदना के बाद आरती हुई। उन्होंने सत्संग महिमा की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान शिव ने पार्वती से बताया कि सत्संग उसे ही मिलता है जिस पर मेरी कृपा होती है। रामायण में श्रीराम प्रभु तथा श्रीमद् भागवत गीता में भी श्रीकृष्ण ने ऐसा ही कहा है। महामंत्र का संकीर्तन करते हुए कृष्णा देवी ने बताया कि शुक देवजी ने राजा परीक्षित से कहा है कलियुग में भी जो ईश्वर का नाम का जप करेगा उसके घर में कलियुग का प्रवेश न होकर ईश्वर का वास होगा। स्वस्थ रहने के लिए नियमित प्राणायाम पर भी बल दिया। सुबह का सत्संग 8 बजे से तथा सायं काल का सत्संग पांच बजे से होगा।

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