भागवत कथा वाचक अनुराग कृष्ण शास्त्री 'कन्हैया' जी ने कहा कि भगवान प्रेममयी है। वह भाव के भूखे रहते हैं। सच्चे मन से याद करने पर वह भक्तों के लिए अपने नियम बदल कर रक्षा के लिय आ जाते हैं।
श्री कन्हैया नगर के रामलीला मैदान में प्रभात फेरी सेवा संस्थान के तत्वावधान में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन रविवार को सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित भक्तों के बीच बोल रहे थे। कहा कि ब्राह्माणों को दान देने से धन बढ़ता है। आदमी को हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए। नर्क व स्वर्ग की चर्चा करते हुए कहा कि मनुष्य जैसा कर्म करता है उसका फल यहीं भोगता है। भगवान को हमेशा अपने कर्म के बल पर प्रसन्न करने वाला भक्त ही सफल होता है। इसके पूर्व कथा की शुरूआत भागवत भगवान की आरती से हुई। भक्तों की सेवा भाव व व्यवस्था में राकेश कुमार गुप्त, केदार नाथ, मनोज कुमार, राकेश कुमार अग्रवाल, हृदया नंद चौधरी, सुशील अग्रवाल, सूर्य प्रकाश अग्रवाल, कृष्णकांत तिवारी, राज कुमार मिश्र, लक्ष्मण सिंह आदि लगे रहे। सातवें दिन के यजमान राज किशोर रहे।
Sunday, September 5, 2010
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achhi post hai ....
ReplyDeleteयहाँ भी आइये : --
(आजकल तो मौत भी झूट बोलती है ...)
http://oshotheone.blogspot.कॉम
कृपया वर्ड वेरीफिकेसन हटा दीजिये .