Saturday, September 4, 2010

बौद्ध परिपथ के विरोध में जंग की तैयारी!!

बोधगया से सारनाथ तक प्रस्तावित फोरलेन सड़क 'बौद्ध परिपथ' के लिए भरौली क्षेत्र के किसानों की जमीनों को अधिग्रहीत किये जाने की चर्चा को लेकर किसानों में जबरदस्त उबाल है। उनका कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो क्षेत्र के सारे लोग संगठित होकर यमुना हाइवे की तरह मोर्चा लेने में कतई पीछे नहीं हटेगे। जान दे देंगे लेकिन किसी भी कीमत पर जमीन नहीं देंगे।

बता दें कि क्षेत्र के किसानों की माथे पर चिंता की लकीरे और तेजी के साथ बढ़ने लगी जब उन्हे पता चला कि प्रस्तावित सड़क के लिए भरौली खास, कुमकुम पट्टी व बघौना खुर्द मौजे में कुल 14 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। सबसे बड़ी विडम्बना है कि अगर जमीन अधिग्रहीत की गयी तो इसके दायरे में आबादी से जुड़े हुए भरौली गांव के साथ ही गोलम्बर पर बने सारे कटरे व दुकानों के अलावा उपजाऊ भूमि भी आ जायेगी। अब जैसे-जैसे जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों को नोटिस जारी की जा रही है उनकी चिंता और भी गहराने लगी है। खासकर आबादी के उन सैकड़ों परिवारों की जो जमीन अधिग्रहण के बाद बेघर हो जायेंगे। इसको लेकर क्षेत्र के किसान जिला राजस्व अधिकारी को आपत्ति भी दर्ज करा चुके हैं। यह सड़क पटना से होते हुए बक्सर के सारीमपुर गांव से होकर भरौली, गाजीपुर, सारनाथ तक जायेगी। चर्चा है कि भरौली गांव में चौराहे के पास एक राष्ट्रीय टर्मिनल बस अड्डा के साथ ही एक अतिरिक्त पुल का भी निर्माण किया जायेगा जिसके लिए पर्याप्त जमीन अधिग्रहीत की जायेगी। क्षेत्र के किसान इसको लेकर काफी ऊहापोह में हैं।

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