Monday, January 10, 2011

प्राइमरी पाठशाला तक नहीं मयस्सर !!



नगर से चार किमी पश्चिम रेवती-सहतवार मार्ग से सटे आसमानठोठा गांव की जनता लगता ही नहीं कि आजाद भारत में निवास करती है। आजादी के 63 वर्ष बाद भी बुनियादी सुविधाओं को हासिल करने के लिए इन्हे किसी मसीहा का इंतजार है। शिक्षा, खड़ंजा, नाली, विद्युत, पेयजल आदि की समस्या यहां नासूर का रूप ले चुकी है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस ग्राम सभा में पंचायत भवन की कौन कहे एक अदद प्राइमरी पाठशाला तक नहीं है।

बता दें कि इस ग्राम सभा की कुल आबादी 3200 व मतदाताओं की संख्या लगभग 1568 है। इस ग्राम सभा में दलित, नट, चौहान, यादव, बंसफोर, ब्राह्माण व अन्य बिरादरी के लोग सौहार्द पूर्वक रहते हैं। आसमान ठोठा ग्राम सभा में आसमानठोठा व मोहन ठोठा पूरवा (गांव) सम्मिलित हैं। हरेन्द्र नट बताते हैं कि इस ग्राम सभा में आधी से अधिक आबादी गरीब दलितों (बंसफोर, नट) की है। इनमें 200 परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजार रहे हैं। उनके पास बीपीएल कार्ड तक नहीं है। राजेश कुमार पाण्डेय का कहना है कि आसमानठोठा की चौहान व नट बस्ती विद्युतीकरण से अब भी वंचित है जबकि शेष ग्राम सभा में आधा अधूरा ही विद्युतीकरण हुआ है। ओमप्रकाश यादव का कहना है कि इस ग्राम सभा में एक एकड़ पांच डिस्मिल जमीन विद्यालय के नाम पर परती (खाली) है जिस पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा है फिर भी प्राथमिक विद्यालय खोलने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। ओमप्रकाश कुंवर ने कहा कि इस ग्राम सभा में आंगनबाड़ी केन्द्र व पंचायत भवन भी नहीं है। नट बस्ती में जाने के लिए कच्चा रास्ता भी नहीं है। जल निकासी की समस्या अलग। बेचू यादव का कहना है कि मोहन ठोठा आसमानठोठा का पुरवा है। लोक सभा व विधान सभा चुनाव के समय पचरूखा गांव से अटैच होने के कारण यहां के लोगों को निर्वाचन कार्ड पचरूखा के नाम से मिलता है जिसके कारण बैंक का खाता खोलवाने से लेकर अन्य सरकारी कार्यो को कराने में काफी अड़चन आती है।

सबके सहयोग से बदलेगी गांव की तस्वीर : ग्राम प्रधान

आसमानठोठा ग्राम सभा की नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान राधा नट का कहना है कि हमारा गांव विकास के नाम पर शून्य है। ग्रामवासियों से सहयोग लेकर जनप्रतिनिधियों व प्रशासन के माध्यम से ग्राम सभा में खड़ंजा, नाली, प्राथमिक विद्यालय, पंचायत भवन, मनरेगा व अन्य विकास का कार्य प्राथमिकता से कराऊंगी। गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वाले परिवारों को बीपीएल कार्ड बनाने का पूरा-पूरा प्रयास करूंगी।

1 comment:

  1. yah akela udaahran nahin hai bhai, aaj ki yahi samasyaa hai shikha ka mandir yaa to hai nahin aur yadi hai to badhaal..gaao ki sthiti hi aisi hai..

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