सत्संग व श्मशान में व्यक्ति को जहां ज्ञान मिलता है वहीं वैराग्य की भावना भी जागृत होती है।
यह बातें सीमा भारती ने कहीं। वह श्रीनाथ मठ पर चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन शुक्रवार को श्रद्धालुओं को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जब किसी के शव के साथ श्मशान जाता है तो उसे अहसास होता है कि दुनिया में कुछ भी नहीं है। सभी को एक दिन सब कुछ छोड़कर जाना ही पड़ेगा। उसी तरह सत्संग में बैठने पर भी ज्ञान की अनुभूति होती है। उन्होंने धर्म ग्रंथों को पढ़ने पर जोर देते हुए माताओं से कहा कि वे कौशल्या बनें तभी उनका पुत्र राम बनने का हकदार होगा।
इसके पूर्व रागिनी तिवारी ने भजन के माध्यम से लोगों को अपनी आदतों में सुधार लाने का सुझाव दिया। प्रतापगढ़ से आए दिनेश जी महाराज ने भी कथा के माध्यम से कई मार्मिक प्रसंगों को सामने रखा और लोगों से श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने का आग्रह किया। श्रीराम कथा की प्रस्तुति से इस समय क्षेत्र का माहौल भक्तिमय बन गया है। प्रवचन से पूर्व श्रीराम दरबार की परिक्रमा को श्रद्धालुओं की होड़ लगी रहती है। राम कथा का समापन 13 दिसंबर को होगा।
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