Friday, July 30, 2010

आतंकी हमले में शहीद जवान को दी गयी अंतिम विदाई!

आतंकी हमले में शहीद जवान का शव गुरुवार को उसके पैतृक गांव किशुनीपुर तिवारी टोला में आते ही कोहराम मच गया। साथ आये सेना के जवानों ने शहीद साथी को शस्त्र सलामी दी। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ गंगा तट ओझवलिया घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

बता दें कि ओसोम में 15 बटालियन सीमा सुरक्षा बल की शस्त्र सेना के जवान 26 जुलाई को गश्त पर थे। इसी बीच अचानक नेशनल डेमोक्रोटिक फ्रंट बोडो लैंड के उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। इस उग्रवादी हमले में सेना के सहायक कमाण्डेट किशोर कुणाल, उपनिरीक्षक प्रताप सिंह व कांस्टेबल अमित तिवारी शहीद हो गये थे। इसमें वाहन चालक भी घायल हो गया था। बलिया के किशुनीपुर तिवारी टोला निवासी अमित कुमार तिवारी पुत्र शोक हरण तिवारी का शव ओसोम के चिरांग जिला अंतर्गत सिखलाई के जंगलों से विमान से सीधे दिल्ली और वहां से उसे पटना हवाई अड्डें पर लाया गया। सीमा सुरक्षा बल के जवान वाहन पर ताबूत को लेकर शहीद के गांव पहुंचे तो पहले से ही खड़े सैकड़ों लोगों की आंखों से आंसू बहने लगे। हर कोई गाड़ी से उतरते ताबूत की एक झलक पाने के लिए उतावला था। वाहन के आगे चल रहे सहायक कमाण्डेट एनएस मेहरा के निर्देशन में शव को दरवाजे के सामने उतारा गया। इसके बाद सेना के जवानों ने शस्त्र सलामी देकर अपने साथी को अंतिम विदाई दी। शहीद के शव को गांव से गंगा तट ओझवलिया घाट पर ले जाया गया। वहां प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम सदर संतोष शर्मा, सीओ सिटी सिद्धार्थ व एसओ शोभनाथ यादव की देखरेख में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मुखागिन् शहीद के पिता शोक हरण तिवारी ने दी।

फलक रो रहा था, फटा जा रहा था धरती का सीना

अजीब दृश्य था वहां का। वहां मौजूद सबकी आंखें नम थीं। सपूत की मौत पर जहां फलक रो रहा था वहीं धरती का सीना भी फटा जा रहा था। गमगीन माहौल के बीच लोगों को इस बात का भी फख्र था कि अमित देश के काम आया। उसी वीर गाथा को सुन सबका सीना चौड़ा हो जा रहा था। इससे इतर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

बता दें कि अमित की शादी की तिथि भी तय हो गयी थी। बीते 29 जून को वह छुट्टी काटकर अपनी डयूटी पर चला गया था। पिछली 28 मई को छेका हुआ था। शादी की तिथि अगले वर्ष 28 फरवरी को निर्धारित की गयी थी। अमित, शोक हरण तिवारी की चार संतानों में सबसे बड़ा लड़का था। एससी कालेज में बीएससी की परीक्षा पास करने के बाद वह मई 2007 में सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हो गया। यह अजीब विडम्बना है कि डयूटी पर जाने के ठीक एक माह बाद उसका शव घर आया।

शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता

शहीद का शव आते ही उसके गांव पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा। शहीद के शव पर पुष्प अर्पित करने वालों में कांग्रेस नेता नागेन्द्र पाण्डेय, भाजपा के जितेन्द्र तिवारी के अलावा राजू पाण्डेय, विमल दूबे, पप्पू सिंह, राजकिशोर सिंह, रवीन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।

1 comment:

  1. शहीद को नमन एवं श्रृद्धांजलि!

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