Ballia (भोजपुरी: বাল্লিয়া | हिन्दी: बलिया) उत्तर प्रदेश के भारतीय राज्य में एक नगर निगम के बोर्ड के साथ एक शहर है. शहर की पूर्वी सीमा गंगा का जंक्शन पर और झूठ शहर Ghaghara.The स्थित है 76 किमी Ghazipur से और 150 किमी वाराणसी से. भोजपुरी, हिन्दी के एक बोली, प्राथमिक स्थानीय भाषा है.
Wednesday, September 28, 2011
नदी में बहती आयीं और डेरा जमाया उजियार में !
उजियार की मंगला भवानी..। नदी में बहती आयीं और यहीं जमा लिया डेरा। इनकी महिमा अपरम्पार है। यही कारण है कि दूर-दराज के लोग भी नवरात्र में यहां आकर दर्शन-पूजन करते हैं। मान्यता है कि लगभग पांच सौ वर्ष पहले मां मंगला भवानी की प्रतिमा गंगा की पावन धारा में बहती हुई आ रही थी। अंग्रेजों द्वारा बनाये गये कोरण्टाडीह पुलिस चौकी के ठीक सामने आने पर मां की इच्छा आगे नहीं जाने की हुई। उनकी इच्छा शक्ति से उजियार निवासी दरगाही बाबा की नजर उन पर पड़ी। लगा जैसे मां उन्हें बुला रही हों। उस वक्त भादों का महीना था और गंगा काफी उफान पर थी। मारे भय के दरगाही बाबा नदी में प्रवेश नहीं करना चाहते थे तो मां ने कहा कि आओ मुझे ले चलो पानी तुम्हारे घुटने भर से ऊपर नहीं होगा। तब उन्होंने पानी में जाकर प्रतिमा को अपनी गोद में लेकर कुछ दूरी पर बगीचे में रखा। कुछ वर्षो तक मां वहीं घनघोर जंगल में रहीं। बाद में जब अंग्रेजों की निगाह उन पर पड़ी तो प्रतिमा को उन्होंने दूसरे स्थान पर ले जाना चाहा लेकिन मां की इच्छा के खिलाफ वे लोग ऐसा नहीं कर सके और अंत में उनको छोड़ कर भागना पड़ा। आज भी मां के दरबार में सबसे पहले दरगाही बाबा के परिवार के लोग ही पूजा करते हैं और उसके बाद ही उनका पट खोला जाता है। यादव परिवार में जन्मे दरगाही बाबा का परिवार उजियार में मां की कृपा से फल फूल रहा है। दरगाही बाबा के मरने के बाद अति गरीब विभूति पांडेय (निवासी कोटवा नारायणपुर) को पूजापाठ करने का अधिकार उनके परिवार वालों ने सौंप दिया। तब से उन्हीं के परिवार के लोग मां की पूजा करते आ रहे हैं।
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