Monday, September 19, 2011
नीदरलैण्ड अधिवेशन में डॉ.गोपाल तिवारी भी करेंगे शिरकत !
कहावत है कि जब तक सांस तब तक आस। फणीश्वर नाथ रेणु की एक उक्ति भी है कि पहली श्वांस से जब दूसरी श्वांस मिलती है तो जीवन होता है और पहली श्वांस से दूसरी श्वांस बिछुड़ती है तो मृत्यु होती है। कह सकते है कि सांस ही जीवन है। इसी महत्ता पर श्वांस जनित रोगों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा- परिचर्चा के लिए विश्व भर के श्वांस रोग विशेषज्ञों का पांच दिवसीय वार्षिक अधिवेशन नीदरलैण्ड की राजधानी अमस्टर्डम में 24 से 28 सितम्बर तक यूरोपीय रेस्पाइरेट्री सोसाइटी के बैनर तले होने जा रहा है। यह विश्व का सर्वोत्तम मान्यता प्राप्त अधिवेशन है। इसमे ंडॉ.गोपाल तिवारी भारत से पंजीकृत डेलीगेट के रूप में नीदरलैण्ड जा रहे हैं। इस अधिवेशन में क्षय रोग, दमा, सीओपीडी, आईएलडी और कैंसर आदि रोगों पर अत्याधुनिक आविष्कारों के परिप्रेक्ष्य में चर्चा-परिचर्चा होगी। साथ ही विशेष वर्कशाप के माध्यम से उपरोक्त रोगों की जटिलताओं से अवगत कराया जाएगा।
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