सोमवार को चलता पुस्तकालय सभागार में सायं बलिया हिन्दी प्रचारिणी सभा द्वारा डा.रघुवंश मणि पाठक की अध्यक्षता में आचार्य पं.परशुराम चतुर्वेदी की जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी। संचालन डा.शत्रुघ्न पांडेय ने किया। प्रो.रामसुन्दर राय ने वाणी वंदना प्रस्तुत की। आचार्य चतुर्वेदी के व्यक्तित्व एवं कृतीत्व पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्ष डा.रघुवंश मणि पाठक ने कहा कि उनका व्यक्तित्व सहज था। वे सरल स्वभाव के थे। स्नेह और सौहार्द के प्रतिमूर्ति थे। इकहरा शरीर, गौरवर्ण, मध्यम कद काठी और सघन सफेद मूंछें उनके बड़प्पन को प्रकाशित करने केलिये पर्याप्त थीं। उनके मुख मंडल पर परंपरागत साहित्य की कोई विकृति की रेखा नहीं देखी गयी बल्कि एक निश्चित दीप्ति सदा थिरकती रही जिससे बंधुता एवं मैत्री भाव विकीर्ण होता रहता था। चतुर्वदी जी महान अन्नवेषक थे। मनुष्य की चिंतन परंपरा की खोज में उन्होंने संत साहित्य का गहन अध्ययन किया। वे मुक्त चिंतन के समर्थक थे इसलिये किसी सम्प्रदाय या झंडे के नीचे बंधकर रहना पसंद नहीं किया। साहित्य में विकासवादी सिद्धांत के पक्षधर थे। डा.शत्रुघ्न पांडेय ने कहा कि उनकी विद्वता के आगे बड़े-बड़ों को हमेशा झुकते देखा गया है। पं.शंभूनाथ उपाध्याय ने कहा कि उनका जीवन मानवता के कल्याण के प्रति समर्पित था। ध्रुवपति पांडेय ध्रुव ने कहा कि चतुर्वेदी जी का जीवन ही अपने आप में साहित्य है। डा.भरत पांडेय, डा.दीनानाथ ओझा, अशोक जी, डा.इन्द्रदत्त पांडेय, बृजमोहन प्रसाद अनारी, त्रिभुवन प्रसाद सिंह प्रीतम, बरमेश्वर प्रसाद वर्मा, एजाज बलियावी, सत्य स्वरूप चतुर्वेदी, रामानंद सिंह, अनंत प्रसाद रामभरोसे, शिवजी पांडेय, महावीर प्रसाद गुप्त, कैस तारविद, डा.जनार्दन चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य व रचनाओं से सभी को विभोर कर दिया। उक्त के अतिरिक्त सभा में श्रीकृष्ण कुमार सिंह, राधाकृष्ण उपाध्याय सहित अनेक नागरिक उपस्थित थे।
आचार्य पं.परशुराम चतुर्वेदी के 117 वें जन्मदिवस पर सांसद नीरज शेखर ने उनके हरपुर स्थित आवास परशुराम पुरी पहुंच कर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया। संत साहित्य के मर्मज्ञ आचार्य जी की स्मृतियों को याद करते हुए सांसद द्वारा उनके पुत्र रिपुंजय चतुर्वेदी (पूर्व ग्राम प्रधान जवहीं), पुत्री मीरा तिवारी एवं सेवक जमुना प्रसाद को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया गया। रिपुंजय चतुर्वेदी द्वारा ग्राम जवहीं को बिजली पहुंचाने और पुल के माध्यम से सड़क द्वारा जोड़ने के अनुरोध पर सकारात्मक प्रयास करने का आश्वासन दिया। इससे पहले परशुराम पुरी पहुंचने पर आचार्य जी के परिवार की ओर से सत्य स्वरूप चतुर्वेदी एवं अतुल तिवारी द्वारा माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर जनपद के वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव चतुर्वेदी, संतोष राय, श्रीनिवास राय, अजय कुंवर, एचएन उपाध्याय, पूर्व चेयरमैन जवाहर प्रसाद, अजय तिवारी, समर बहादुर सिंह, रघुपति जी, बबलू तिवारी आदि उपस्थित थे।
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