Tuesday, June 15, 2010

भोजपुरी सम्मान समारोह में फनकारों ने बिखेरा जलवा !

रसड़ा (बलिया), निप्र। क्षेत्र के ग्राम देवसलपुर में रविवार की रात राष्ट्रीय भोजपुरी परिषद के तत्वावधान में आयोजित भोजपुरी सम्मान समारोह व संगीत संगम कार्यक्रम में लगभग एक दर्जन से भी अधिक भोजपुरी संगीत की दुनिया के प्रसिद्ध फनकारों ने जलवा बिखेरा।

कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रीय भोजपुरी परिषद के अध्यक्ष सतीश मिश्रा बाबा व मुख्य अतिथि छात्र शक्ति इन्फ्रा कन्स्ट्रक्शन लिमिटेड के सह निदेशक रमेश सिंह ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि रमेश सिंह ने कलाकारों को साफा बांधकर सम्मानित करने के उपरान्त अपने सम्बोधन में कहा कि लोकगीत भारतीय संस्कृति की आत्मा है। ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से भारतीय सभ्यता व संस्कृति मजबूत होती है। संगीत संगम की शुरूआत मशहूर गायक श्रीपाल प्रभाकर के स्वागत गीत 'स्वागत करीला राउर दोनों हाथ जोड़ के' से हुआ। तत्पश्चात मंच पर पहुंचे भजन सम्राट बलवन्त सिंह ने अपनी भक्ति गीत 'ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन' से ऐसी शंमा बांधा कि सभी श्रोता भक्ति सागर में गोता लगाने लगे। महुआ चैनल के सूर संग्राम विजेता मोहन राठौर ने गीत 'लहर-लहर लहराये चुनर चटकार भाई''देशी घी के गइल जमाना, डालडा मार करावता' को सुनकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। गायक रवीन्द्र राजू ने अपनी गीत 'बहरा जानि राजा जी, समझी हमरो मजबूरी' के माध्यम से दर्शक के अन्दर विरह रस का संचार किया। कलाकार कमलेश सिंह ने 'जेकर लन्दन तक ले गूंज गइल आवाज ए सजनी, बागी बलिया ह भारत के सरताज ए सजनी' गाकर देश प्रेम की भावना का संचार किया। इसके अलावा श्रीभगवत राजन, सुरेन्द्र सागर, बृजेश पाण्डेय, चन्द्रभूषण सिंह, ज्ञान प्रकाश सिंह आदि ने भी अपने गीत प्रस्तुत किये। संचालन विजय बहादुर ने किया।

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