Sunday, August 28, 2011
कर्मो से ही होती है व्यक्ति की पहचान !
किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके कर्म से होती है। भारतीय संस्कृति में भी कर्म की ही प्रधानता रही है। आवश्यकता इस पर विशेष जोर देने की है। यह बातें भाजपा के राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य पूर्व एमएलसी प्रो.रामजी सिंह ने कहीं। वह समाजसेवी स्व. हर्षनारायण प्रसाद की 8 वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को यहां आर्य समाज मंदिर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में जननी और जन्मभूमि को स्वर्ग से भी ऊंचा स्थान दिया गया है और इन्हीं भावनाओं से ओतप्रोत होकर ही हमें अपने समाज व राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए और स्व. हर्षनारायण प्रसाद उन्हीं गुणों से सम्पन्न एक महान विभूति थे। वह अपने आचरण व विचारों से न केवल अपने छात्रों को अपितु पत्रकारिता व समाज को भी हमेशा नयी दिशा देते रहे। सभा को नगर पालिका अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सोनी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवभूषण तिवारी, अंजनी कुमार पाण्डेय, दीनानाथ सिंह, बलवन्त सिंह, हर्षनारायण सिंह, शिशिर श्रीवास्तव, दिनेश वर्मा, केपी सिंह आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर विशिष्ट सेवाओं के लिए सच्चिदानन्द तिवारी, इश्तियाक अहमद, भुवाल जी प्रसाद, बालचन्द्र जी, केपी सिंह, डा. डीडी दूबे, डा. रामानुज मिश्र, डा. जयप्रकाश वर्मा, बलवन्त सिंह, अंजनी कुमार पाण्डेय, दीनानाथ सिंह, चन्द्रहास सिंह, हर्षनारायण सिंह तथा हीरा प्रसाद आदि को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के आयोजक डा. विवेकानन्द ने मुख्य अतिथि को अंग वस्त्रम एवं रामचरित मानस की पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया। अध्यक्षता प्रो. आत्मा सिंह तथा संचालन वरिष्ठ भाजपा नेता वाल्मीकि त्रिपाठी ने किया।
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